राजस्थान न्यूज़: जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की भाजपा सरकार पर जल जीवन मिशन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में केवल "लूट और झूठ की सरकार" चल रही है। गहलोत का आरोप – जल जीवन मिशन फेल गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण जल जीवन मिशन अपने उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहा है। उन्होंने सरकार द्वारा जल कनेक्शनों की संख्या में गिरावट को उजागर करते हुए दावा किया कि भाजपा सरकार जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने लिखा, “भाजपा सरकार ने 2024-25 के बजट में 25 लाख जल कनेक्शन देने की घोषणा की थी, लेकिन केवल 9 लाख 44 हजार कनेक्शन ही जारी कर सकी। यह कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2022-23 में लगाए गए 13.88 लाख और 2023-24 में लगाए गए 12.17 लाख कनेक्शनों से भी कम है।” 6 महीने में सिर्फ 97 हजार कनेक्शन गहलोत ने आगे कहा कि वर्ष 2025-26 के बजट में 20 लाख नल कनेक्शन देने का वादा किया गया था, लेकिन आधा साल बीतने के बाद भी सिर्फ 97 हजार कनेक्शन ही जारी किए गए हैं। इस औसत से पूरे बजट वर्ष में महज 2 लाख कनेक्शन ही हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा भाजपा सरकार के झूठ को उजागर करता है।
Read more 9th Oct 2025
राजस्थान न्यूज़: जयपुर। टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद और पूर्व डीजीपी हरीश चंद्र मीणा के बेटे हनुमन्त मीणा का 9 अक्टूबर मंगलवार को असामयिक निधन हो गया। मात्र 35 वर्षीय हनुमन्त मीणा व्यवसायी थे और कुछ समय से जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। परिवारिक सूत्रों के अनुसार उनका निधन हृदयाघात के कारण हुआ। राजनीतिक हलकों में शोक की लहर हनुमन्त मीणा के निधन की खबर से पूरे प्रदेश के राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस नेताओं और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। सांसद हरीश मीणा का परिवार शोकग्रस्त सांसद हरीश मीणा 1976 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं और वर्तमान में टोंक-सवाई माधोपुर से कांग्रेस सांसद हैं। बेटे के असामयिक निधन से पूरा परिवार सदमे में है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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राजस्थान न्यूज़: जयपुर। राजस्थान भाजपा सरकार के 20 माह पूरे होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस सरकार की 5 साल की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और विधायक एवं प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप धनकड़ ने प्रदेश में हुए विकास कार्यों का ब्यौरा साझा किया। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा : “20 महीने में वह किया, जो कांग्रेस 5 साल में नहीं कर पाई” उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने कांग्रेस और भाजपा सरकारों के कामकाज की तुलना करते हुए आंकड़े प्रस्तुत किए। फार्म पॉण्ड : भाजपा 20 माह – 32,357, कांग्रेस 5 साल – 29,430। खेतों की तारबंदी : भाजपा – 2.62 करोड़ मीटर, कांग्रेस – 1.20 करोड़ मीटर। पाइपलाइन अनुदान : भाजपा – 77,519 किसानों को, कांग्रेस – 41,685 किसानों को। महिला कृषकों को बीज मिनी किट : भाजपा – 59.25 लाख, कांग्रेस – 16.66 लाख। सहकारी ऋण वितरण : भाजपा – ₹42,394 करोड़, कांग्रेस – लगभग आधा। शहरी पीएम आवास : भाजपा – 66,695 मकान (20 माह), कांग्रेस – 4,636 मकान (5 साल)। बिजली उत्पादन क्षमता : भाजपा – 4,955 मेगावाट, कांग्रेस – 3,952 मेगावाट। मिसिंग लिंक रोड : भाजपा – 6,786 किमी, कांग्रेस – 1,838 किमी। विद्यार्थियों को टैब/लैपटॉप : भाजपा – 88,800, कांग्रेस – 986। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बजट घोषणाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि हर जिले और हर जरूरतमंद तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। वित आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी का बयान : “भजनलाल सरकार ने दी पारदर्शिता और जवाबदेही” वित आयोग के अध्यक्ष डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा सरकार के 20 महीनों के कार्यकाल ने यह साबित किया है कि शासन-प्रशासन पारदर्शी और जवाबदेह हो सकता है।
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अजमेर न्यूज़: 1100 वर्ष पूर्व स्थापित मंदिर की बड़ी है मान्यता, दूर दराज से पहुंचते हैं हजारों श्रद्धालु
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अजमेर न्यूज़: 1968 से कस्बे की धार्मिक संस्था श्री ब्रह्म पुष्कर सेवा संघ कर रही है इस अनूठी परंपरा का निर्वहन
Read more 31st Aug 2022
अजमेर न्यूज़: 10 टीमें 8 - 8 वार्डो में जाकर घूम रही गायों का करेंगीं प्राथमिक उपचार
Read more 31st Aug 2022
राष्ट्रीय न्यूज़: 1961 बैच के आईपीएस अधिकारी निर्मल कुमार सिंह (एन.के. सिंह) का 7 अक्टूबर को निधन हो गया. इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी से लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ, एन.के. सिंह ने हमेशा सत्य का साथ निभाया. बीते 7 अक्टूबर को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के दिग्गज अधिकारी, निर्मल कुमार सिंह (एनके सिंह) का निधन हो गया. वे 1961 बैच के आईपीएस (ओडिशा कैडर) अधिकारी थे. बिहार के मधेपुरा जिले में जन्मे एन.के सिंह ने अपनी पूरी जिंदगी अनुशासन, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के सिद्धांतों पर जिया. राजनीतिक दबावों के बावजूद सच्चाई का साथ नहीं छोड़ा, जिसकी वजह से उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर भारी कीमत चुकानी पड़ी. उनकी कहानी न केवल पुलिस सेवा की चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में ईमानदार अधिकारियों की भूमिका को भी रेखांकित करती है. उनकी किताब The Plain Truth (हिंदी में ‘खरा सत्य’ ) उनके जीवन के उतार-चढ़ावों का जीवंत चित्रण हैं, जो राजनीतिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई को दर्शाती हैं सबसे बड़ी चुनौती एन.के सिंह का प्रारंभिक जीवन बिहार के ग्रामीण इलाके में बीता, जहां उनके परिवार की स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी ने उन्हें नैतिक मूल्यों से जोड़ा. राजनीति विज्ञान में शिक्षा प्राप्त करने के बाद कुछ समय तक रांची विश्वविद्यालय में अध्यापन किया. भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद उनकी पहली नियुक्ति सीबीआई में 1972 से 1980 तक रही, जो उनके करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण दौर था. 1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार ने उन्हें एक ऐतिहासिक जिम्मेदारी सौंपी. उस समय जीप खरीद घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी होनी थी. कई अधिकारी इससे पीछे हट रहे थे, लेकिन एन.के सिंह ने बिना हिचकिचाहट के यह दायित्व स्वीकार किया. पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी 3 अक्टूबर 1977 को एन.के सिंह ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक वी.आर. लक्ष्मीनारायणन के निर्देश पर इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया. मामला चुनावी उद्देश्यों के लिए जीपों की खरीद में पद का दुरुपयोग करने का था. गिरफ्तारी की प्रक्रिया काफी नाटकीय रही. इंदिरा गांधी ने जमानत लेने से इनकार कर दिया और हथकड़ी लगाने की मांग की. उनके समर्थकों ने भीड़ जुटाई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. सिंह ने दृढ़ता से स्थिति संभाली और गांधी को हरियाणा ले जाने की योजना बनाई, लेकिन रेलवे क्रॉसिंग पर रुकावट के कारण उन्हें दिल्ली के किंग्सवे कैंप पुलिस लाइंस में रखा गया. अगले दिन अदालत में पेशी के दौरान भगदड़ मच गई. अंततः श्रीमती गांधी को रिहा कर दिया गया. इस घटना ने एन.के सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित बना दिया, लेकिन यह उनके लिए मुसीबतों की शुरुआत भी थी
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राष्ट्रीय न्यूज़: अपनी फिल्मों से करोड़ों कमाकर बॉक्स ऑफिस पर राज करने वाले एस एस राजामौली शुक्रवार को अपना 52वां जन्मदिन मनाएंगे. निर्देशक का जन्म कर्नाटक के रायचूर में हुआ था और पिता पहले से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा थे. लेखक और निर्देशक के पिता के.वी. विजयेंद्र प्रसाद आज भी फिल्मों में लेखन और निर्देशन का काम कर रहे हैं और उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्मों का निर्देशन किया है. अपने पिता के पदचिन्हों पर चलकर ही आज एस एस राजामौली की गिनती हिट फिल्म देने वाले निर्देशकों में होती है. असिस्टेंट डायरेक्टर से शुरुआत एस एस राजामौली का असली नाम कोदुरी श्रीशैला राजामौली है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की और टीवी शोज को डायरेक्ट करने का फैसला लिया. उन्होंने के. राघवेंद्र राव के साथ निर्देशन सीखा और उन्हें अपना गुरु भी माना. इसके बाद उन्होंने टीवी सीरीज ‘शांति निवासम’ के कुछ एपिसोड का निर्देशन किया और फिर फिल्म ‘स्टूडेंट नंबर 1’ को डायरेक्ट किया. इस फिल्म में लीड रोल में जूनियर एनटीआर थे और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की. ये फिल्म राजामौली और जूनियर एनटीआर दोनों के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी. पहली ही फिल्म हिट देने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. एस एस राजामौली ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी. उन्होंने जूनियर एनटीआर के साथ मिलकर ‘सिम्हाद्री’, ‘छत्रपति’, ‘मगधीरा’, ‘मर्यादा रमन्ना’, ‘विक्रमर्कुडु’, और ‘यामाडोंगा’ जैसी हिट तमिल फिल्में दी, लेकिन उनकी ‘ईगा’ फिल्म तमिल भाषा में तो हिट रही ही, लेकिन इसका हिंदी वर्जन ‘मक्खी’ भी सुपरहिट साबित हुआ. निर्देशक का हिट देने का सिलसिला यहीं नहीं रुका. इसके बाद उन्होंने फंतासी फिल्म ‘बाहुबली’, ‘बाहुबली 2’, और ‘आरआरआर’ का निर्देशन किया. ‘बाहुबली’ पहली ऐसी फिल्म थी जिसने दुनिया भर में अकेले ही 1000 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी. फिल्म को कई भाषाओं में रिलीज किया गया. राजामौली ने ही सिनेमा में 1000 करोड़ के क्लब की शुरुआत की. उनकी ‘बाहुबली 2’ ने वर्ल्ड वाइड 1000 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी. पर्सनल लाइफ भी फिल्मी कहानी एस एस राजामौली की पर्सनल लाइफ भी फिल्मी कहानी जैसी है. उन्होंने रमा नाम की लड़की से शादी की, जो पहले से ही शादीशुदा थी और एक बच्चे की मां. रमा की शादीशुदा जिंदगी अच्छी नहीं चल रही थी; ऐसे में उस रिश्ते से निकलने में निर्देशन ने उनकी मदद की, लेकिन कब दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों को ही नहीं पता चला. आज कपल दो बच्चों के साथ खुशी-खुशी जिंदगी बिता रहा है.
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अग्निवीर सेना भर्ती रैली, 20 जून के अभ्यर्थी देंगे 26 जून को रिपोर्ट
अग्निवीर सेना भर्ती रैली, 0 जून के अभ्यर्थी देंगे 26 जून को रिपोर्ट अजमेर, 19 जून। सेना भर्ती कार्यालय जोधपुर के निदेशक (भर्ती) कर्नल दीपांकर बसु ने बताया कि अजमेर में चक्रवात के कारण हुई अतिवृष्टि से अग्निवीर सेना भर्ती रैली के कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया है। इसके कारण 20 जून को कायड़ विश्राम स्थली में रिपोर्ट करने वाले अभ्यर्थी अब 26 जून को प्रातः 2 बजे कायड़ विश्राम स्थली पर रिपोर्ट करेंगे।
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