September 9, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनसंपर्क विभाग से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए अतिरिक्त निदेशक गोविंद पारीक को मुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी (Officer on Special Duty) नियुक्त किया है। नियुक्ति आदेश जारी होते ही पारीक ने सोमवार को अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, गोविंद पारीक को जनसंपर्क विभाग में उनके लंबे अनुभव और बेहतर कार्यशैली को देखते हुए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। पारीक विभाग में रहते हुए सूचना प्रसारण और जनसंपर्क अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उनसे अपेक्षा की जा रही है कि वे मुख्यमंत्री कार्यालय में जनसंपर्क गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाने तथा सरकार की योजनाओं और नीतियों को जनता तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
September 9, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: INDIA गठबंधन को 15 वोट कम मिले, कांग्रेस ने दावा किया था कि INDIA गठबंधन के पास 315 सांसदों का समर्थन है, लेकिन मतदान में प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 15 वोट कम मिले। चुनाव में BRS और BJD ने हिस्सा नहीं लिया। राज्यसभा में बीआरएस के 4 और BJD के 7 सांसद हैं। वहीं, लोकसभा में इकलौते सांसद वाले शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए मतदान में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया।
September 5, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: सरकारी बैंकिंग : ग्राहक का दृष्टिकोण, पूछा ही नहीं उस ने कभी हाल हमारा,बस यूँ ही गुज़र जाता है हर साल हमारा ! वेद माथुर कल मैंने बैंक कर्मचारियों की समस्याओं पर एक ब्लॉग लिखा तो सैकड़ों कर्मचारियों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर मुझे धन्यवाद दिया और प्रतिक्रिया व्यक्ति की। लेकिन साथ ही अनेक ग्राहकों ने यह भी कहा कि आप हमारे पर्सपेक्टिव से भी कुछ लिखिए। सबसे पहले मैं बैंक कर्मचारियों को उनकी नौकरी के कुछ सुखद पहलुओं के बारे में बताना चाहूंगा 1.आज भी सरकारी बैंक की नौकरी एक सम्मानित नौकरी है, यह बात अलग है कि सोशल मीडिया पर हम खुद ही ऐसी इमेज बनाने में लगे हैं कि यह बेकार नौकरी है। करोड़ों रुपए बैंक बैलेंस वाली पावरफुल वर्कमैन यूनियन और ऑफिसर्स एसोसिएशन के चलते हर कर्मचारी एक सुरक्षित छाते के नीचे काम करता है। 2.1978 में जब मैंने बैंक ज्वाइन किया था तो अधिकांश बैंक शाखाएं अनाज मंडी में एक काले अंधेरे हाल में हुआ करती थी, आजकल कुछ७ अपवादों को छोड़कर सभी ब्रांच एयरकंडीशंड हैं। 3.बैंक कर्मचारियों को कम ब्याज दर पर और सरल शर्तों पर बहुत सारे ऋण मिल जाते हैं जिससे वह अपना मकान बनाने, कार खरीदने और बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने जैसे कार्य आसानी से कर पाते हैं। 4.कोर बैंकिंग, सम्पूर्ण कंप्यूटरीकरण, MIS का कंप्यूटरीकरण, एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग तथा बैक ऑफिस के कारण शाखाओं पर उतना कार्यभार नहीं रहा है। जब बैंकों में सारा काम मैन्युअल था तो कितनी समस्याएं आती थी इसका मौजूद कर्मचारी अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। 5. मैं फेसबुक और सोशल मीडिया पर देखता हूं कि कर्मचारी निर्भीक होकर अपनी बात लिखते हैं। ट्विटर पर ऑफिस टाइम में भी बैंक कर्मी निर्भय होकर वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री को भला बुरा कहते हैं। अभिव्यक्ति की ऐसी आजादी किसी अन्य सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में नहीं है। 6. प्राइवेट सेक्टर में ट्रांसफर कर्मचारी के लिए कोई मुद्दा नहीं होता जबकि बैंकों में होम पोस्टिंग (एक ही शहर में होने पर अपने घर की निकटस्थ शाखा में) हर कर्मचारी के लिए दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा होता है। यहां सवाल यह है कि बैंक ने कर्मचारियों को उनकी सुविधा के लिए नौकरी दी है या उनके लिए क्या सुविधाजनक है, इसके अनुसार बैंक प्रबंधन को आचरण करना चाहिए? यह लिस्ट बहुत लंबी है इसलिए अभी इसे समाप्त कर रहा हूं। +++ ग्राहक की दृष्टि से देखूं तो सूर्य विहार गुड़गांव में अपने निवास के दौरान मुझे दर्जनों रिटायर्ड सीनियर अफसर मिलते थे और सब की एक ही शिकायत थी कि हमें शाखा में अच्छी सर्विस मिलना तो दूर, कर्मचारी यह जानते हुए भी कि हम इसी बैंक से बड़े पद से रिटायर हुए हैं हमें झिड़क देते हैं। यदि आप रिटायर्ड बैंक कर्मियों में एक सर्वे करें तो कम से कम 95% रिटायर्ड कर्मचारी बैंक की सेवाओं से असंतुष्ट है। संतुष्ट कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग वह है जो कस्बे या छोटे शहरों में है, जहां मानवीय संबंधों को समुचित महत्व दिया जाता है। सच यह भी है कि एक रिटायर्ड जनरल मैनेजर, ऑथर (बैंक ऑफ पोलमपुर), लेखक और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर होने के बावजूद मैं पीएनबी की शाखों में जाने से डरता हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि Gen G के युवा कर्मचारी मुझे लाइन में जाकर खड़ा होने के लिए ना कह दें।(हालांकि तर्क की दृष्टि से किसी रिटायर्ड जनरल मैनेजर को लाइन में खड़ा करना गलत नहीं है।) तो ग्राहकों की कुछ समस्याओं का हम उल्लेख करना चाहेंगे 1. ग्राहकों का मानना है कि सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की मानसिकता सरकारी कर्मचारी की रहती है जबकि प्राइवेट बैंक में उन्हें स्वागत करने वाला व्यवहार मिलता है। मैं ग्राहकों के इस फीडबैक से इसलिए सहमत हूं कि प्रोबेशनरी ऑफिसर्स के इंटरव्यू में कई भोले उम्मीदवार स्पष्ट कह जाते थे कि हम बैंक में जॉब सिक्योरिटी के लिए आना चाहते हैं। प्राइवेट सेक्टर में बहुत काम करना पड़ता है और जॉब सिक्योरिटी भी नहीं है। जो लोग यह सोचकर सरकारी बैंक में आते हैं कि यहां राज्य सरकार जैसी मौज मिलेगी उनका कुंठा ग्रस्त होना स्वाभाविक है। 2.बैंक कर्मचारियों का यह कहना है कि उन पर टारगेट्स का भारी दबाव है जबकि शाखा के प्रभारी पदाधिकारी के अलावा शायद ही किसी अधिकारी या कर्मचारी को यह पता हो कि शाखा के अर्धवार्षिक और वार्षिक टारगेट क्या हैं? 3. यदि किसी अधिकारी पर वाकई टारगेट्स का दबाव है तो यह उनके व्यवहार में रिफ्लेक्ट होना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने जाता है अथवा लोन लेने जाता है तो उसका स्वागत उत्साह पूर्वक होना चाहिए। बैंक कर्मचारी मुझे क्षमा करें, मुझे ऐसा उत्साह कभी नजर नहीं आता। 4 .बैंकों में आम अधिकारी से लेकर बड़े-बड़े अफसर तक सभी की नजर अर्जुन की आंख की तरह आंकड़ों, पदोन्नति और अच्छी पोस्टिंग पर रहती है और रिटेल ग्राहक की सेवा और उसके प्रति संवेदनशीलता नजर नहीं आती। 1978 श्रीगंगानगर में स्वर्गीय एस आर चड्ढा हमारे शाखा प्रबंधक थे। यदि शाखा में कोई गरीब किसान ₹5000 की फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने आ जाता था तो भी वे इतने उत्साहित हो जाते थे, जैसे लाखों करोड़ों का डिपाजिट मिल गया हो। इसीलिए उन्हें गंगानगर जिले में 75 किलोमीटर के दायरे में भी गांव के लोग न केवल पहचानते थे वरन सम्मान करते थे। आज बहुत से बैंक कर्मचोरियों को उनकी शाखा के बाहर का दुकानदार भी नहीं जानता। 5 .सरकारी बैंकों में वॉकिंग ग्राहक कितने आते हैं कि यदि उनके प्रति दोस्ताना व्यवहार किया जाए तो यह ग्राहक अपने मित्रों और रिश्तेदारों से इतना बिजनेस दिला देंगे टारगेट आसानी से पूरे हो जाएंगे मुझे एक शाखा में जाने का अवसर मिला मैंने महिला मैनेजर को अपना परिचय दिया लेकिन उनका रिस्पांस बड़ा ड्राई था आते-आते मैं उन्हें बताया कि मैं मैंने बैंकिंग पर एक किताब "बैंक ऑफ पोलमपुर" लिखी है, आप मेरी वेबसाइट पर जाकर उसके कुछ अंश पढ़िए। वह महिला मैनेजर सोशल मीडिया पर मेरे पोस्ट पढ़ती थी और इस आइडेंटिटी के बाद उन्होंने मुझे बैठाया और ससम्मान मेरा काम किया। 6.कई बार कर्मचारी कनेक्टिविटी नहीं आने स्टाफ कम होने अथवा बैक ऑफिस से लोन स्वीकृत होने में दिले होने पर कर्मचारियों से पर ग्राहक से ऐसी बात करते हैं जैसे यह बैंक का नहीं ग्राहक का दोष हो ग्राहक को इस बात से क्या मतलब है कि आपके यहां कनेक्टिविटी नहीं आ रही है तो आप आदर और विनम्रता से बात समझाएंगे तो वह समझ जाएगा। 7.आज के कंप्यूटर के युग में यह बहुत आसान है कि आप इस बात का विश्लेषण करें कि किस कर्मचारी के पास कितना काम है। क्या हमारे सर्कल हेड इस तरह का विश्लेषण करते हैं ? यह लिस्ट भी लंबी है लेकिन मैं एक बात से इसे खत्म करना चाहूंगा कि मेरे एक मित्र जनरल मैनेजर कह रहे थे कि उनकी शाखा की मैनेजर उनका फोन नहीं उठाती! उन्होंने सर्कल हेड से इसकी शिकायत की तो सर्किल हेड ने शाखा प्रबंधक को जमकर डांट लगाई लेकिन आजकल जब सर्किल हेड को महीनों में कभी कभार फोन करते हैं तो वह खुद भी उनका फोन नहीं उठाता। कुल मिलाकर बैंक कर्मचारियों की अनेक समस्याएं जिनमें सबसे प्रमुख थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स थोपना, अनरियलिस्टिक टारगेट और स्टाफ का असंतुलित वितरण हैं, जेनुइन हैं लेकिन ग्राहक के पर्सपेक्टिव पर कहीं भी संवेदनशीलता नजर नहीं आती। यदि सर्किल हेड बिना शाखा प्रबंधक को साथ लिए बाजार में घूमे और अपनी शाखों का फीडबैक लेने तो उन्हें वस्तु स्थिति का पता लग जाएगा। इस सारी स्टोरी का सारांश यह है कि कर्मचारी ग्राहकों के ग्राहकों की समस्याओं और बिजनेस बढ़ाने के प्रति संवेदनशील होने के बजाय खुद को लेकर ज्यादा आत्म केंद्रित हैं। बैंक के अंदर मैंने देखा है कि हर स्तर का कर्मचारी अपने नीचे वाले लोगों, अपने साथ वाले लोगों और अपने सीनियर्स की परफॉर्मेंस को "रिव्यू" करता रहता है पर वह खुद क्या करता है यह नहीं सोचता ! डिस्क्लेमर : अपवाद स्वरूप बैंकों में आज भी बहुत सारे लोग समर्पित कार्यकर्ता हैं।
September 4, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: मुंबई, सितम्बर 2025: 'देवी चौधुरानी', जो इस वर्ष की सबसे प्रत्याशित बंगाली फिल्मों में से एक है, ने अपना पहला गीत ' दुर्गमो गिरी कांतार मोरु' प्रस्तुत किया है और यह किसी उत्कृष्ट कृति से कम नहीं है। इस शक्तिशाली रचना में काज़ी नज़रुल इस्लाम की अमर कविताएँ और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के 'वंदे मातरम्' के देशभक्तिपूर्ण भाव एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली रीमेजिनेशन में पंडित बिक्स्रम घोष द्वारा जीवंत किए गए हैं। इस गीत में इमान चक्रवर्ती, तिमिर बिस्वास, दुर्निबर साहा, उज्जैनी मुखर्जी और पंडित बिक्स्रम घोष जैसी प्रतिष्ठित आवाजों का अद्भुत संगम है, जिनकी सामूहिक ऊर्जा इस ट्रैक में गहराई, भक्ति और भव्यता का संचार करती है। बंगाल की साहित्यिक और संगीतात्मक विरासत का सच्चा उत्सव यह गीत राष्ट्र की परीक्षाओं और विजय को उजागर करता है और फिल्म की केंद्रीय पात्र, देवी चौधुरानी की अडिग भावना को प्रतिबिंबित करता है। संगीत वीडियो ने नाजुक दृश्यों और ऊँचे सुरों के साथ इस भाव को खूबसूरती से पेश किया है, जिससे एक मोहक अनुभव निर्मित होता है। एडिटेड मोशन पिक्चर्स के सहयोग से लोक आर्ट्स कलेक्टिव द्वारा निर्मित यह ट्रैक सूक्ष्म कलात्मकता का प्रमाण है। सभी ताल वाद्य यंत्रों और प्रोग्रामिंग का संचालन पंडित बिक्स्रम घोष ने किया है, मेलोडी प्रोग्रामिंग कुणाल दास द्वारा की गई है और रिकॉर्डिंग एवं मिक्सिंग पंडित बिक्स्रम घोष स्टूडियोज़ में हुई। वीडियो संपादन रिक बसु द्वारा किया गया है, जो परंपरा और आधुनिक संगीत संवेदनशीलता के बीच एक मधुर संगम प्रस्तुत करता है। गीत की रिलीज़ पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रोसेनजित चटर्जी ने कहा , "फिल्म देवी चौधुरानी सिर्फ एक सिनेमा नहीं है। इस गीत के माध्यम से हम उस साहस को याद करते हैं, जो हर उस महिला के भीतर होता है, जो अन्याय के खिलाफ उठने की हिम्मत रखती है। बंकिम चंद्र की अमर कहानी को आज की पीढ़ी के लिए जीवंत बनाना मेरे करियर की सबसे गहन यात्राओं में से एक रहा है। मुझे विश्वास है कि यह फिल्म गर्व, चिंतन और प्रेरणा एक समान रूप से जगाएगी।" बिक्स्रम घोष ने कहा, "दुर्गमो गिरी हर बंगाली बोलने वाली आत्मा के लिए एक गहन देशभक्ति से जुड़ा गीत है, जो नज़्रुल इस्लाम की कालजयी रचनाओं में से एक है। जब शुभ्रजीत ने मुझे इसे रीमेजिन करने का प्रस्ताव दिया, तो कई चर्चाओं के बाद हमने इसे वंदे मातरम् के साथ मिश्रित करने का निर्णय लिया। इस व्यवस्था में शास्त्रीय सुर और लोक स्वर का अनूठा मिश्रण शामिल किया गया है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। इस रचना को तैयार करना वास्तव में एक समृद्ध अनुभव रहा और मैं आशा करता हूँ कि श्रोता भी इस धुन में वही जादू महसूस करेंगे, जैसा हमने इसे निर्मित करते समय अनुभव किया।" फिल्म 'देवी चौधुरानी' में श्रीबंती चटर्जी आत्मा की भूमिका में हैं और साथ में प्रोसेनजित चटर्जी, सभ्यसाची चक्रवर्ती और अर्जुन चक्रवर्ती जैसे शक्तिशाली कलाकार भी शामिल हैं। यह फिल्म बंगाली सिनेमा में पहली इंडो-यूके सहयोगिता की प्रतीक है। विश्व-स्तरीय उत्पादन मूल्य, प्रेरक संगीत और शक्तिशाली कथा के साथ, यह ऐतिहासिक महाकाव्यों को परिभाषित करने के लिए तैयार है। फिल्म इस दुर्गा पूजा पर रिलीज़ होने वाली है, जिससे यह वर्ष की सबसे प्रत्याशित उत्सव रिलीज़ में से एक बन गई है।
September 2, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: उज्जैन। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों के प्रवेश पर रोक को बरकरार रखा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि गर्भगृह में किसे प्रवेश दिया जाएगा, इसका अधिकार स्थानीय कलक्टर के विवेक पर ही रहेगा। इस फैसले के साथ फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं, यानी आम भक्त गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाएंगे और केवल वीआईपी अथवा विशेष अनुमति प्राप्त श्रद्धालु ही गर्भगृह तक पहुंच सकेंगे। याचिका में उठाया गया था भेदभाव का मुद्दा यह फैसला इंदौर निवासी दर्पण अवस्थी की जनहित याचिका पर आया। याचिका एडवोकेट चर्चित शास्त्री के माध्यम से दायर की गई थी। इसमें तर्क दिया गया था कि दूर-दराज से आने वाले आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह तक प्रवेश नहीं दिया जाता, जबकि प्रभावशाली और वीआईपी व्यक्तियों को विशेष अनुमति देकर प्रवेश की सुविधा दी जाती है। याचिकाकर्ता ने इसे भेदभावपूर्ण और अनुचित व्यवस्था बताया। कोर्ट का फैसला और प्रभाव गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था और सोमवार को आदेश सुनाते हुए कलक्टर की व्यवस्था को वैध करार दिया। अदालत ने कहा कि जब तक कोई नया आदेश जारी नहीं होता, मंदिर की वर्तमान व्यवस्था जैसी है वैसी ही लागू रहेगी। इसका सीधा असर यह होगा कि आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा और व्यवस्थाएं प्रशासन की अनुमति पर आधारित रहेंगी।
August 29, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: पटना/दरभंगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बिहार के दरभंगा में मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली दिए जाने का मामला गरमा गया है। इस घटना को लेकर भाजपा ने पटना के गांधी मैदान थाना में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत भाजपा प्रवक्ता दानिश इकबाल और कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण सिंह ने दी है। हालांकि, फिलहाल एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। विजय सिन्हा का हमला – “लोकतंत्र के डाकू” बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने घटना की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि “यह वही लोग हैं जिनके पास न संस्कार है और न ही भारत की संस्कृति की जानकारी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार में अराजकता फैलाना चाहते हैं। ये लोग वोट की डकैती करने वाले और लोकतंत्र के डाकू हैं। चोर शोर मचा रहा है। राहुल और तेजस्वी का खानदान कुकर्मों से जुड़ा रहा है और अब प्रधानमंत्री को गाली दी जा रही है।” संबित पात्रा का बयान – “गाली वाली पार्टी” भाजपा सांसद संबित पात्रा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र में एक मर्यादा होती है। सुषमा जी ने हमेशा कहा कि हम शत्रु नहीं, विचारधारा के आधार पर विरोधी हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने जिस तरह प्रधानमंत्री और उनकी स्वर्गवासी मां के लिए कटुतापूर्ण भाषा का इस्तेमाल किया है, वह बेहद शर्मनाक है।” पात्रा ने आगे कहा कि“कांग्रेस अब गांधी जी की पार्टी नहीं, बल्कि नकली गांधी परिवार की गाली वाली पार्टी बन चुकी है। महात्मा गांधी के नाम का सहारा लेकर राजनीति करने वाली यह पार्टी आज अहंकार और अशिष्टता का प्रतीक बन गई है।”
August 26, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: कटरा, जम्मू-कश्मीर। प्रसिद्ध वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर सोमवार को अर्धकुमारी के पास बड़ा हादसा हो गया। इस भूस्खलन (लैंडस्लाइड) में अब तक 5 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है जबकि 14 लोग घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज जारी: हादसे के तुरंत बाद राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया।सभी घायलों को नजदीकी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, कटरा में भर्ती कराया गया है।प्रशासन ने घायलों को बेहतर इलाज के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया करवाए हैं। यात्रा स्थगित: हादसे के बाद एहतियातन वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। भारी बारिश और पहाड़ों से लगातार गिर रहे मलबे के कारण आगे भी खतरा बना हुआ है। प्रशासन की सतर्कता: स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल घटनास्थल पर मौजूद हैं।यात्रा मार्ग को सुरक्षित करने के बाद ही श्रद्धालुओं की आवाजाही दोबारा शुरू की जाएगी।फिलहाल यात्रियों को कटरा से ऊपर नहीं भेजा जा रहा है।
August 19, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को दुष्कर्म के दोषी आसाराम बापू की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है। अदालत ने उनकी जमानत 21 अगस्त से बढ़ाकर 3 सितंबर 2025 तक कर दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट की जस्टिस इलेश वोरा और जस्टिस पीएम रावल की खंडपीठ करेगी। 2013 का दुष्कर्म मामला और आजीवन कारावास: आसाराम को 2013 में दर्ज दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया गया था। गांधीनगर की एक अदालत ने उन्हें इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोषसिद्धि के बाद से ही वे जेल में बंद हैं, हालांकि समय-समय पर स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने जमानत की याचिकाएँ दायर की हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में भी सुनवाई लंबित: आसाराम की एक अन्य बलात्कार मामले में दायर अंतरिम जमानत याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में भी सुनवाई होनी है। यह सुनवाई 29 अगस्त को होगी। अदालत के निर्देश पर आसाराम ने सोमवार को अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल में अपना मेडिकल चेकअप भी करवाया। अगली तारीख होगी महत्वपूर्ण: गुजरात हाईकोर्ट की ओर से जमानत अवधि बढ़ाए जाने के बाद अब 3 सितंबर को यह तय होगा कि उनकी अंतरिम जमानत आगे भी बढ़ाई जाएगी या नहीं। राजस्थान और गुजरात, दोनों ही मामलों में होने वाली आगामी सुनवाइयाँ आसाराम के कानूनी भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
August 17, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: नई दिल्ली।राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन NDA की ओर से उम्मीदवार होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक में इस पर सहमति बनी। इसके बाद नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर औपचारिक ऐलान किया। सी.पी. राधाकृष्णन 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान NDA शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख भी 21 अगस्त ही है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन वोटों की गिनती कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन इस्तीफे के चलते यह पद रिक्त हो गया है।
August 15, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: नई दिल्ली। भारत ने आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह और गर्व के साथ मनाया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान के बाद देश को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए भारतीय सेना के जांबाज सैनिकों को सलामी दी। उन्होंने कहा, “आज मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्लेआम किया, धर्म पूछकर लोगों को मारा — पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भर गया था।” प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति था। “हमने सेना को खुली छूट दी और हमारे वीर जवानों ने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। यह कार्रवाई ऐसी है जिसे कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकेगा। पाकिस्तान की नींद अभी उड़ी हुई है, वहां रोज नए खुलासे हो रहे हैं।” पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने एक संकल्प लिया है, जिसके लिए उन्हें देशवासियों का आशीर्वाद चाहिए, क्योंकि समृद्धि तभी सार्थक है जब वह सुरक्षा के साथ हो। लाल किले से घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में, यानी 2035 तक, देश के सभी महत्वपूर्ण स्थल—चाहे वे सामरिक हों या सिविलियन, जैसे अस्पताल, रेलवे स्टेशन और आस्था के केंद्र—को नई तकनीकी प्रणालियों के जरिए एक अभेद्य सुरक्षा कवच से लैस किया जाएगा। यह सुरक्षा कवच निरंतर विस्तृत होता रहेगा ताकि हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे और देश की तकनीक किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर सके। उन्होंने घोषणा की कि भारत मिशन सुदर्शन चक्र शुरू करेगा—एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली जो न केवल दुश्मन के हमलों को निष्क्रिय करेगी, बल्कि कई गुना तेजी से पलटवार भी करेगी। इसकी मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च पूरी तरह भारत में, भारतीय विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी, और इसे वॉरफेयर की जरूरतों के मुताबिक प्लस वन नीति पर विकसित किया जाएगा। महाभारत के सुदर्शन चक्र की तरह, यह भी केवल अपने लक्ष्य को साधेगा और फिर वापस लौट आएगा। पीएम मोदी ने देशवासियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश हो रही है, जो एक गंभीर संकट के बीज बो रही है। घुसपैठिए युवाओं की आजीविका छीन रहे हैं, महिलाओं को निशाना बना रहे हैं और आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमावर्ती इलाकों में डेमोग्राफिक बदलाव से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती है और सामाजिक तनाव बढ़ता है, जिसे भारत कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। इसी उद्देश्य से हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन शुरू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने 2035 तक देश के सभी अहम सामरिक और सिविलियन स्थलों—जैसे अस्पताल, रेलवे स्टेशन, आस्था के केंद्र—को अत्याधुनिक तकनीक से सुरक्षा कवच प्रदान करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि यह कवच लगातार मजबूत और विस्तृत किया जाएगा ताकि कोई भी तकनीकी खतरा देश की सुरक्षा को चुनौती न दे। पीएम मोदी ने मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा करते हुए बताया कि यह अत्याधुनिक वेपन सिस्टम न केवल दुश्मन के हमले को निष्क्रिय करेगा बल्कि कई गुना तेज पलटवार भी करेगा। इसकी मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च पूरी तरह भारत में भारतीयों द्वारा होगी, और इसे वॉरफेयर जरूरतों के मुताबिक विकसित किया जाएगा। महाभारत के सुदर्शन चक्र की तरह यह भी केवल अपने लक्ष्य को भेदेगा और फिर वापस लौट आएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इसे अगले 10 वर्षों में पूरी गति से आगे बढ़ाएंगे, ताकि भारत की सुरक्षा अभेद्य हो सके। पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं गर्व के साथ उल्लेख करना चाहता हूं कि 100 वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी—एक ऐसा संगठन जिसने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ मां भारती के कल्याण को अपना जीवन लक्ष्य बनाया। बीते 100 वर्षों में आरएसएस ने राष्ट्र सेवा में उल्लेखनीय योगदान दिया है और यह आज दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ माना जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत उसकी विविधता है और हमें इस विविधता का उत्सव मनाना अपनी आदत बनाना चाहिए। प्रयागराज के महाकुंभ में हमने देखा कि कैसे करोड़ों लोग एक स्थान पर, एक ही संकल्प और प्रयास के साथ एकजुट होते हैं—यह सफलता भारत की सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत भाषाओं की समृद्ध विविधता से संपन्न है, और इसी को ध्यान में रखते हुए मराठी, असमिया, बांग्ला, पाली और प्राकृत को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया गया है। उनका मानना है कि भाषाओं का विकास हमारे ज्ञान को और मजबूत करेगा, और डिजिटल युग में ये भाषाएं वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।
August 11, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए टाइप-7 मल्टी-स्टोरी फ्लैट्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘सिंदूर’ का पौधा रोपा और श्रमजीवियों से मुलाकात भी की। पीएम मोदी ने कहा कि इन चार टावरों को सुंदर नाम दिए गए हैं—कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली—जो भारत की चार महान नदियों का प्रतीक हैं, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। यह परियोजना सांसदों के आवास की कमी को दूर करने के लिए तैयार की गई है। सीमित भूमि उपलब्धता को देखते हुए यहां ऊंची इमारतों का निर्माण किया गया, जिससे जगह का कुशल उपयोग और रखरखाव में कमी सुनिश्चित हो सके। नए बने इस कॉम्प्लेक्स में आधुनिक सुविधाओं के साथ ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-संरक्षण वाला है। परियोजना को जीआरआईएचए (GRIHA) 3-स्टार रेटिंग के मानकों और 2016 के नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार निर्मित किया गया है। प्रत्येक फ्लैट लगभग 5,000 वर्ग फीट के कारपेट एरिया का है, जिसमें सांसदों के आवास के साथ उनके कार्यालय, स्टाफ कक्ष और सामुदायिक केंद्र की सुविधा है। सभी भवन भूकंप-रोधी हैं और सुरक्षा के लिए उन्नत इंतजाम किए गए हैं। निर्माण में मोनोलिथिक कंक्रीट और एल्यूमिनियम शटरिंग तकनीक का उपयोग किया गया, जिससे निर्माण गुणवत्ता मजबूत हुई और समय पर कार्य पूरा हुआ। यह परिसर दिव्यांग-हितैषी भी है। उद्घाटन कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य और विद्युत मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, आवास समिति (लोकसभा) के सभापति डॉ. महेश शर्मा समेत कई सांसद उपस्थित रहे।
August 4, 2025
राष्ट्रीय न्यूज़: नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के सिर गाँगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे उम्र में 81 वर्ष के थे और पिछले कई सप्ताह से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, जिसमें किडनी संबंधी गंभीर समस्या और हाल ही में स्ट्रोक भी शामिल था उनकी मृत्यु की पुष्टि उनके पुत्र और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की, और लिखा, “प्रिय रूपे गुरुजी अब हमारे बीच नहीं रहे… मैंने आज सब कुछ खो दिया” शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य आंदोलन की अगुवाई की थी और तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी कोयला मंत्रालय संभाल चुके हैं और राज्य गठन के बाद आदिवासी आवाज़ के सबसे प्रभावशाली चेहरे माने जाते थेबीजेपी के भाजपा नेता और विपक्ष के नेता भी उनके निधन पर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। निधन की खबर से झारखंड की राजनीति में गहरा शोक छाया हुआ है। राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और सदन में शोक प्रस्ताव पारित किया गया। राजनीति जगत ने झारखंड तथा देश में आदिवासी आन्दोलन के जनक को श्रद्धांजलि अर्पित की है।