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November 4, 2025
पुष्कर में आस्था का महापर्व: सप्तऋषि घाट पर संत-महंतों ने किया शाही स्नान, सरोवर में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
तीर्थराज पुष्कर में चल रहे पंचतीर्थ स्नान का आज तीसरा दिन पूरी तरह आस्था और भक्ति के रंग में रंगा रहा। मंगलवार को ब्रह्म चतुर्दशी के अवसर पर देशभर से आए संत-महंतों ने सप्तऋषि घाट पर शाही स्नान कर धर्म, एकता और शांति का संदेश दिया। सुबह सैन भक्ति पीठ से सैनाचार्य अचलानंदाचार्य महाराज और रामधाम के महंत प्रेमदास महाराज के सानिध्य में संतों की भव्य शाही यात्रा निकली जो रामधाम तिराहा, गुरुद्वारा और हाईलेवल ब्रिज होते हुए सप्तऋषि घाट पहुंची। घाट पर ब्रह्म सरोवर का पूजन-अभिषेक कर संतों ने पवित्र डुबकी लगाई और पुष्कर की पावन धरती को आध्यात्मिक माहौल से भर दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश कुड़िया ने बताया कि शाही स्नान के बाद संतों ने रामधुनी व सरोवर की परिक्रमा की, जहां भक्तों ने पुष्पवर्षा से उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सैनाचार्य अचलानंद महाराज ने पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति का संदेश देते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सभी व्यसनों का त्याग कर गुरु तीर्थ और माता-पिता की सेवा में मन लगाना चाहिए। उन्होंने राजस्थान में हाल में हुई दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए परमात्मा से सभी मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। ब्रह्मा मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ रही। पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने बताया कि सुबह मंगला आरती से पहले ब्रह्मा जी का महाअभिषेक किया गया, जिसके बाद 56 भोग की झांकी और महाआरती से मंदिर परिसर गूंज उठा।
पुष्कर में लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने ब्रह्मा चौक से मुख्य बाजार तक वन वे व्यवस्था लागू की है। बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा पर सरोवर में महास्नान के साथ पंचतीर्थ स्नान संपन्न होगा, जिसके लिए देशभर से हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। वही दूसरी ओर मेला स्टेडियम में मंगलवार को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। दिनभर लोक कलाकारों द्वारा पारंपरिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। दोपहर में रस्सा-कसी और मटका दौड़ प्रतियोगिताएं होंगी, जबकि शाम को भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण का मंचन और रात में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
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