कोरोना न्यूज़ अजमेर मधुकर कहिन Being Positive Being Healthy क़लमकार (guest-writer) बोलती तस्वीर अंदाजे बयां हेडलाइंस राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय राजस्थान स्टोरी (Story) विशेष नौकरी
July 3, 2021
अंदाजे बयां: समय दुश्वारियां गिनवा रहा था, कई मजबूरियाँ गिनवा रहा था।
April 27, 2021
अंदाजे बयां: आँखों के साहिल पर दर्द डुबोते हुए, तुझमें रह कर उम्र कट गई रोते हुए। सुरेन्द्र चतुर्वेदी
April 26, 2021
अंदाजे बयां: मनमानी का ज़िक्र हुआ मैं रो बैठा, सुल्तानी का ज़िक्र हुआ मैं रो बैठा। जिसकी प्यास में हुईं नमाज़ें नेज़ों पर, सुरेन्द्र चतुर्वेदी
अंदाजे बयां: जब से चेहरा देखा है दीवाने का, याद हो गया है रस्ता वीराने का। मन्दिर,मस्जिद गिरिजाघर गुरुद्वारे बन्द, सुरेन्द्र चतुर्वेदी
April 19, 2021
अंदाजे बयां: उसकी गली में जाना मेरा, वो ही शौक़ पुराना मेरा। कुछ दिन रह कर चले गए तो, लौट आया वीराना मेरा।
April 18, 2021
अंदाजे बयां: सच कहने का पास हुनर था, इसीलिए नेज़े पर सर था। चारों ओर था गहरा पानी, जिन आँखों में मेरा घर था।
April 12, 2021
अंदाजे बयां: मुझको मेरा घर सुनता है, शायर को शायर सुनता है। ख़तरों की हर ख़ामोशी को, अंदर बैठा डर सुनता है।
April 5, 2021
अंदाजे बयां: बड़ी मुश्किल से जो दरिया हुआ था, बदन में उसके सहरा चीख़ता था। मैं अपनी जेब से ही गिर गया था, मुझे रूमाल मेरा ढूँढता था।
March 31, 2021
अंदाजे बयां: पत्थर से जब सर बचता है, थोड़ा और सफ़र बचता है। (सुरेन्द्र चतुर्वेदी)
March 30, 2021
अंदाजे बयां: तन्हाई ने मना किया था, तब भी मैं बेज़ार हुआ था। (सुरेन्द्र चतुर्वेदी)
अंदाजे बयां: करके देखा है भरोसा यार लोगों का, खेल देखा जिस तरह ग़द्दार लोगों का। (सुरेन्द्र चतुर्वेदी)
March 28, 2021
अंदाजे बयां: ज़िन्दा मुझको गाड़ दिया था, ये भी मेरे साथ हुआ था। (सुरेन्द्र चतुर्वेदी)
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