For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 106308771
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: बिना अनुमति छावनी परिषद क्षेत्र के पलटन बाजार में दो मंजिला भवन निर्माण को जेसीबी मशीन से किया ध्वस्त, कैंटोनमेंट पुलिस और सिविल लाइंस थाना पुलिस का जप्ता रहा तैनात |  Ajmer Breaking News: एलिवेटेड रोड राम सेतु ब्रिज को लेकर दायर जनप्रतिनिधित्व याचिका पर नगर निगम और स्मार्ट सिटी सीईओ कलेक्टर की ओर से रखा गया पक्ष, |  Ajmer Breaking News: आदर्श नगर थाना अंतर्गत रहने वाली नाबालिक बच्ची के साथ उसके ही जानकार ने किया बलात्कार, |  Ajmer Breaking News: मंगलवार शाम घाटी वाले बालाजी मंदिर पर भव्य महाआरती और भोग प्रसादी के साथ भंडारे का आयोजन, लगभग 4000 लोगों ने की प्रसादी ग्रहण |  Ajmer Breaking News: जनरल इंश्योरेंस एम्प्लॉइज़ एसोसिएशन के आह्वान पर 9 जुलाई 2025 को सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल । |  Ajmer Breaking News: वर्ष 2013 में रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए पटवारी को 2 साल की सजा के साथ 5000 रुपए के अर्थ दंड से किया दंडित, अजमेर एसीबी कोर्ट में हुई सुनवाई |  Ajmer Breaking News: फाउंडेशन फियोर दी लोटो इंडिया पुष्कर की और से आज 8 जुलाई को 551 से ज्यादा बालिकाओ को संपूर्ण शिक्षण सामग्री कक्षा नर्सरी से महाविद्यालय तक वितरित की गई |  Ajmer Breaking News: नसीराबाद रोड नगरा मुख्य मार्ग पर प्राचीन रोकडिया हनुमान मंदिर को लेकर दो पक्षों में विवाद, हिंदूवादी संगठनों ने की समझाइश  |  Ajmer Breaking News: दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान के संस्थापक के मानहानि प्रकरण में आज प्रसंज्ञान लेकर तलब किया  |  Ajmer Breaking News: अजमेर के रामसेतु एलिवेटेड रोड धसने का मामला, मामले में आज हुई सुनवाई, कल सभी पक्षकारों को न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने के दिए गए थे आदेश, | 

अंदाजे बयां: उसकी गली में जाना मेरा, वो ही शौक़ पुराना मेरा।

Post Views 11

April 19, 2021

कुछ दिन रह कर चले गए तो, लौट आया वीराना मेरा।

उसकी गली में जाना मेरा,
वो ही शौक़ पुराना मेरा।
कुछ दिन रह कर चले गए तो,
लौट आया वीराना मेरा।
जिसके लिए आते हैं पँछी,
वही है आबोदाना मेरा।
हवा की उंगली है दाँतों में,
देख रही जल जाना मेरा।
जब जब पेड़ कटे जंगल के,
बदला किया ठिकाना मेरा।
भर के सब्र ये सोच रहा हूँ,
छलके न पैमाना मेरा।
पृथ्वीराज नहीं चूकेगा,
अबकी बार निशाना मेरा।
        सुरेन्द्र चतुर्वेदी


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved