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अंदाजे बयां: ज़िन्दा मुझको गाड़ दिया था ,

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March 28, 2021

ये भी मेरे साथ हुआ था

ज़िन्दा मुझको गाड़ दिया था,

ये भी मेरे साथ हुआ था।


तुझ पर जब विश्वास किया था,

विष तब पहली बार चखा था।


तूने पत्थर बना दिया था,

उसके बाद कहाँ रोया था।


दिल जब जल कर राख हुआ था,

राख में तूने क्या ढूँढा था।


झूठे इश्क़ में पड़ कर मैंने,

आग का दरिया पार किया था।


बिना इशारे को मैं समझे,

अंधे कुएं में कूद गया था।


आग लगी जब मेरे घर में,

नगर का पानी सूख गया था।


सुरेन्द्र चतुर्वेदी


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