For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 115713092
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: ख्वाजा गरीब नवाज के 814वें उर्स के मौके पर ऑल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल और राजस्थान क़ाज़ी कौंसिल सोसाइटी की जानिब से उलेमा-ए-इकराम ने अजमेर शरीफ दरगाह में अकीदत की चादर पेश की। |  Ajmer Breaking News: द्वितीय श्री झूलेलाल सामूहिक कन्यादान समारोह साईं बाबा मंदिर परिसर में संपन्न  |  Ajmer Breaking News: अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैहि के 814 वें उर्स के पूर् सुकून संपन्न हो जाने पर जिला पुलिस इंतजामिया ने राहत की सांस ली । |  Ajmer Breaking News: साल 2025 बुधवार रात 12:00 बजे विदा हो जाएगा तो वही नया साल 2026 प्रवेश करेगा, 31 दिसंबर को शाम 6:00 से पूरे शहर भर के प्रमुख मार्गों और चौराहों पर नाकाबंदी लगाई जा रही है |  Ajmer Breaking News: नए साल से पहले अजमेर पुलिस अलर्ट, क्लॉक टावर से निकला पैदल मार्च |  Ajmer Breaking News: अजमेर में रविवार रात एनएसयूआई संगठन द्वारा अरावली बचाओ अभियान के अंतर्गत मशाल जुलूस निकालकर विरोध जताया गया।  |  Ajmer Breaking News: अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए आशियाना पंछी पर्यावरण एवं जीव संरक्षण संस्था द्वारा जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन |  Ajmer Breaking News: रोड़वेज बस स्टैंड के सामने ढाबे पर 27 दिसंबर की रात हुए झगड़े के मामले में अब वकीलों की ओर से भी सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया गया है। |  Ajmer Breaking News: मांगलियावास थाना अंतर्गत रविवार देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में बाइक सवार तीन युवकों में से एक की मौके पर मौत हो गई जबकि 2 घायलों का जेएलएन अस्पताल में इलाज जारी है। |  Ajmer Breaking News: मुख्यमंत्री जन आवास योजना में अवैध वसूली का आरोप, पीड़ित आवेदकों ने प्रशासन से की कार्रवाई की मांग | 

अंदाजे बयां: सच कहने का पास हुनर था, इसीलिए नेज़े पर सर था।

Post Views 61

April 18, 2021

चारों ओर था गहरा पानी, जिन आँखों में मेरा घर था।

सच कहने का पास हुनर था,
इसीलिए नेज़े पर सर था।
चारों ओर था गहरा पानी,
जिन आँखों में मेरा घर था।
सारे रस्ते बन्द पड़े थे,
नेकी का भी अजब सफऱ था।
ध्यान में तेरे डूबा था जब,
जाने तेरा ध्यान किधर था।
आग लगी थी जंगल में और,
मैं भी पेड़ सा खड़ा उधर था।
हवा रास्ते बता रही थी,
तेरी दुआ का ये भी असर था।
डूब रहा था तू साहिल पर,
जिस लम्हा मैं बीच भंवर था।
          सुरेन्द्र चतुर्वेदी


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved