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September 19, 2025
अजमेर शरीफ मे एक रोज़ा जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जलसा मुनाकीद किया गया। इस जलसे मे सीरत उन्नबी हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का खूसूसी ब्यान हुआ। अजमेर दरगाह इलाका के अंदर कोट मे ये मिलादुन्नबी का जलसा मे मुल्क के नामवर शख्सियत और उलेमा इकराम ने शिरकत की। जहाँ मेहमाने खूसूसी के तौर पर मालेगाव से अजमेर पहुंचे मौलाना सैय्यद मोहम्मद अमीनुल कादरी ने ख़िताब फ़रमाया। नबी पाक के 1500 वां जश्ने मिलादुन्नबी जलसे का आगाज़ तिलावते कुरआन पाक से हुआ और महफिल मे कारी जावेद रज़ा ने नाते पाक के नज़राने से समाईन को झूमने पर मजबूर कर दिया। सुल्तानुल हिन्द के शहर अजमेर मे उलेमा इकराम की मौजूदगी और उनकी नसीहतो को समाईन ने संजीदगी से समाअत किया। जश्ने मिलाद की इस नूरानी महफिल मे मौलाना सैय्यद मोहम्मद अमीनुल कादरी ने हदीस ओ कुरआन पाक की रौशनी मे इश्क ए मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का पैगाम दिया। वही दौरे हाज़ा मे मुसलमानो के हालातों के मद्देनज़र शरीयत की रौशनी मे कामयाबी का रास्ता भी बताया।
उन्होंने बताया की हमारे नबी दुनिया मे आये तो उम्मत की फ़िक्र मे रहे और जब दुनिया से परदा किया तो भी उम्मत की फ़िक्र मे रहे। ऐसे मे सच्चा आशिके रसूल वो है जिसने दुनिया की तमाम बुराइयों को तर्क किया और शरीयत पर अम्ल करते हुए खिदमते खल्क़ को अपनाया। अमीनुल कादरी ने मुल्क के नौजवानो को मेसेज दिया की दौरे हालात के मद्देनजर इल्म की जानिब तवज्जो दें और अपना मुस्तक़बील को नबी पाक की सीरत से सजाये। अजमेर मे हुए इस जलसे मे कसीर तादाद मे अक़ीदत मंदो का हुजूम नज़र आया और लब्बैक या रसूलल्लाह के नारे से महफिल गूंज उठी। इस जलसे मे यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर समेत मुल्क की कई रियासतों से उलेमा ने शिरकत की।
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