Post Views 01
December 28, 2025
अरावली पर्वतमाला को लेकर जारी विवाद के बीच राज्य सरकार ने अवैध खनन पर निर्णायक कार्रवाई का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वन, पर्यावरण और खान विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अरावली प्रदेश की अमूल्य प्राकृतिक धरोहर है और इसके स्वरूप के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने अरावली क्षेत्र वाले जिलों में अवैध खनन के खिलाफ 29 दिसंबर से 15 जनवरी तक संयुक्त अभियान चलाने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी साफ किया कि राज्य सरकार अरावली क्षेत्र में किसी भी नए खनन को अनुमति नहीं देगी। इस संबंध में केंद्र सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा, ताकि पूरी पर्वतमाला में समान नियम लागू हों और अनियमित व अवैध खनन पर प्रभावी रोक लग सके। उन्होंने कहा कि खनन लीज से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) की गाइडलाइंस तथा सभी पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
अरावली को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 250 करोड़ रुपये की ‘हरित अरावली विकास परियोजना’ शुरू की है। इसके तहत अरावली क्षेत्र के जिलों में 32 हजार हेक्टेयर भूमि पर व्यापक वृक्षारोपण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण संतुलन को मजबूत करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अरावली की जैव विविधता को भी सुरक्षित रखेगी।
मुख्यमंत्री शर्मा के निर्देशों के बाद खान, राजस्व, पुलिस, परिवहन और वन विभाग मिलकर संयुक्त अभियान चलाएंगे। यह अभियान संबंधित जिलों के कलेक्टरों की निगरानी में संचालित होगा। खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने सभी जिलों के माइनिंग एक्सईएन को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि अरावली में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved