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December 11, 2025
तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत बनाई गई गुमटियों को एडीए ने किया ध्वस्त,
बिना नोटिस दिए कि गई कार्यवाही से गुमटी धारकों में आक्रोश, जेसीबी के सामने धरने पर बैठे, पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद की गई कार्रवाई
अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा गुरुवार को वैशाली नगर में टेलीफोन एक्सचेंज के सामने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बेरोजगारों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री रोजगार योजना अंतर्गत आवंटित की गई गुमटियों ली लीज अवधि पूरी हो जाने पर एडीए के अधिकारियों ने जेसीबी के पीले पंजे से सभी गुमटियों को जमींदोज कर दिया। एडीए के दल ने लगभग 35 से ज़्यादा गुमटियों को ध्वस्त करने की कार्यवाही की। इससे नाराज़ गुमटी धारकों ने अचानक की जा रही कार्यवाही का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया और जेसीबी के सामने ही धरने पर बैठ गए। विरोध की स्थिति को नियंत्रण करने के लिए एडीए के उपायुक्त अनिल चौधरी, सीओ शिवम जोशी, तीन थानों के थाना प्रभारी, एडीए कर्मचारी और 50 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में की गई, जिसमें मास्टर प्लान के तहत 30 मीटर रोड को बनाने के लिए मौजूदा सड़क से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत वर्ष 2002 में वैशाली नगर के चौरसियावास रोड से पेट्रोल पंप के मोड़ तक सड़क किनारे गुमटियां आवंटित की गई थीं, जिनकी अवधि 2012 में समाप्त हो चुकी थी। एडीए ने इसी आधार पर गुरुवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया।
एडीए उपयुक्त अनिल चौधरी ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार मास्टर प्लान के तहत जितने भी अतिक्रमण है उनको हटाने की कार्यवाही की जा रही है इसी के तहत आज वैशाली नगर में करीब 35 से ज्यादा गुमटियां जो तत्कालीन सरकार के समय लीज पर दी गई थी जिनकी अवधि वर्ष 2012 में समाप्त हो चुकी थी। इन्हें खाली करने की चेतावनी भी दी गई थी। आज जेसीबी के जरिए यह कार्रवाई की गई। अब इस मामले में नगर निगम से तालमेल कर दुकानदारों के लिए विकल्प व्यवस्था करने का भी प्लान किया जा रहा है।
दुकानदार शफीक अहमद अंसारी ने बताया कि बिना नोटिस के यह कार्रवाई की गई है। करीब 25 साल से वह गुमटी का संचालन कर रहे थे। इस कार्रवाई के बाद उनके परिवार में आर्थिक संकट आ चुका है।
स्थानीय पार्षद हामिद खान ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय आवंटित की गई गुमटियों को द्वेषतावास तोड़ा जा रहा है। यहां लगभग 35 से ज्यादा गुमटी धारक है जिनके परिवार सड़कों पर आ जाएंगे। प्रशासन को पहले उनको रोजगार के लिए जगह कहीं और आवंटित करनी थी उसके बाद ही इन्हें तोड़ा जाना था लेकिन तानाशाही पूर्ण तरीके से बिना नोटिस के सीधे जेसीबी लेकर पहुंचे और सामान निकालने तक का समय नहीं दिया यहां तक की बिजली के कनेक्शन नहीं काटे और सीधे ही जेसीबी से सभी गुमटियों को ध्वस्त कर दिया जो की असवैधानिक है इसका विरोध बड़े स्तर पर किया जाएगा।
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