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December 10, 2025
अजमेर दरगाह में सालाना उर्स के दौरान प्रधानमंत्री सहित अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों द्वारा ख़्वाजा साहब की मजार पर चढ़ाई जाने वाली चादरों पर रोक लगाने की गुहार वाली एप्लिकेशन बुधवार को वादी विष्णु गुप्ता की ओर से अदालत में पेश की गई ।
इस को लेकर हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया । अजमेर दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने का वाद पेश करने वाले वादी विष्णु गुप्ता के प्रार्थना पत्र पर सिविल न्यायाधीश के अवकाश पर होने की वजह से लिंक कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। वादी पक्ष की ओर से कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। वहीं प्रतिवादियों के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने ऑर्डर को रिजर्व रखा है।
वादी विष्णु गुप्ता के साथ सुनवाई के समय हाईकोर्ट के एडवोकेट संदीप कुमार भी मौजूद रहे। सुनवाई के दौरान सिविल लाइंस थाना पुलिस का जाब्ता भी तैनात रहा। वादी ने बताया वीआईपी चादर को लेकर अजमेर की न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-दो कोर्ट न्यायाधीश मनमोहन चंदेल के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया गया है। इसमें पहले से चल रहे प्रकरण को देखते हुए और उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री सहित अन्य संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों की ओर से पेश होने वाली चादर पर रोक लगाने की मांग की गई है।
कोर्ट की ओर से मामले में सवाल किया गया। इस पर वादी के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में उर्स शुरू होने जा रहा है।इस बार भी प्रधानमंत्री की ओर से चादर पेश हो सकती है। अल्पसंख्यक मंत्रालय इस चादर को पेश करता है। चादर पेश करने के बाद हर बार अल्पसंख्यक मंत्रालय फोटो और वीडियो को वेबसाइट पर पोस्ट करते हैं। इससे उनके विधिक अधिकारों का हनन हो रहा है। इसलिए इस पर तुरंत रोक लगाई जाए। एडवोकेट संदीप ने बताया- प्रतिवादियों को 8 दिसंबर को ही नोटिस जारी किए जा चुके थे। इस मामले में अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-दो में न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत में बुधवार को सुनवाई थी। लेकिन जज के अवकाश पर होने के चलते लिंक कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। प्रतिवादी पक्ष के कोई भी एडवोकेट सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए ऑर्डर रिजर्व रखा है।
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