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July 15, 2025
जयपुर। हेरिटेज नगर निगम की पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर को उनके तीसरे निलंबन आदेश में राजस्थान हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने सोमवार को मुनेश की याचिका को खारिज करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि विभागीय जांच को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। अदालत ने शुक्रवार को ही दोनों पक्षों की बहस पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अब सुना दिया गया।
मुनेश गुर्जर ने अपनी याचिका में कहा था कि तीसरे निलंबन में सरकार ने उन्हें बिना सुनवाई का अवसर दिए, एकतरफा कार्रवाई की है और यह निलंबन पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। इसके जवाब में राज्य सरकार ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को निलंबन से पहले नोटिस दिए गए थे और उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया। सरकार ने आरोप लगाया कि गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जिनके चलते यह कार्रवाई की गई।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार ने एक ही मामले में दो जांच अधिकारी नियुक्त किए, जिसमें एक अधिकारी की ओर से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ और दूसरे अधिकारी के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं थे। साथ ही, जिस दिन सुनवाई की तारीख दी गई, वह दिन सार्वजनिक अवकाश था। गुर्जर ने यह भी बताया कि एलएसजी (स्थानीय स्वशासन विभाग) को जब उन्होंने पत्र भेजा, तो अगले ही दिन उन्हें निलंबित कर दिया गया।
गौरतलब है कि मुनेश गुर्जर को 13 महीने के अपने मेयर कार्यकाल में अब तक तीन बार निलंबित किया गया है। पहली बार उन्हें तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 5 अगस्त और फिर 22 सितंबर 2023 को निलंबित किया था, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद 23 सितंबर 2024 को वर्तमान सरकार ने उन्हें फिर से निलंबित कर दिया।
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