For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 112850129
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: टाटा पावर अजमेर प्रबंधन की टीम विजय ने विदेशी धरती पर फहराया गोल्ड मेडल अवॉर्ड्स की जीत का तिरंगा, इंटरनेशनल कॉन्सेप्ट ऑफ क्वॉलिटी सर्किल ताईवान में जीता गोल्ड मेडल अवॉर्ड्स |  Ajmer Breaking News: जल संसाधन मंत्रालय कैबिनेट मंत्री श्री सुरेश जी रावत ने नाटक कलाकारों का उत्साह बढ़ाया |  Ajmer Breaking News: वंदे मातरम्@150 कार्यक्रम की तैयारियों की जिला कलक्टर ने की समीक्षा , विभिन्न विभागों को सौंपी जिम्मेदारी   |  Ajmer Breaking News: बुधवार को पूरे देश सहित अजमेर में भी गुरु नानक देव जी का पावन प्रकाश उत्सव बड़े ही हर्षालस के साथ मनाया गया। |  Ajmer Breaking News: आज अजमेर के सेंट एंस्लम कांसेप्शनल चर्च प्रांगण में सिल्वर जुबली कार्यक्रम आयोजित किया गया है। विशेष रूप से सभी ईसाइयों  ओर कैथोलिक समुदाय की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।  |  Ajmer Breaking News: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला पूर्णिमा महास्नान के साथ सम्पन्न, तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी |  Ajmer Breaking News: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025 का रंगारंग समापन, देसी प्रतिभागियों ने रस्साकस्सी में मारी बाजी |  Ajmer Breaking News: विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की धर्मपत्नी के स्वर्गवास के बाद शोक व्यक्त करने नेताओं का अजमेर आने का सिलसिला जारी, |  Ajmer Breaking News: अजमेर उत्तर विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की धर्मपत्नी श्रीमती इंदिरा देवी का जयपुर एसएमएस में हुआ स्वर्गवास, |  Ajmer Breaking News: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा “मीडिएशन फॉर द नेशन” अभियान का शुभारंभ | 
madhukarkhin

#मधुकर कहिन: सारा दोष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य सरकार को देना गलत है 

Post Views 31

May 8, 2022

एक माह पहले से ही धार्मिक चिन्हों वाले झंडे न लगाने की हिदायत दे रही थी सरकार  घटना की आड़ में भाजपा से ज्यादा गहलोत को निपटाना चाहते हैं उनके कांग्रेसी मित्र 

 नरेश राघानी✒️ 

 अप्रैल माह की शुरुआत में ही सरकार ने अखबारों में घोषणा कर जब यह साफ-साफ निर्देशित किया था कि, कहीं भी धार्मिक चिन्हों वाले झंडे सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगाए जाएंगे। तब कुछ लोगों ने इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नादिरशाही करार दिया था । एक केंद्रीय मंत्री ने तो यह तक कहा था कि– रामनवमी पर डीजे यहाँ नहीं तो क्या पाकिस्तान में बजेगा ? उन्हीं दिनों मेरे एक पत्रकार मित्र ने मुझसे कहा कि – क्या सरकार पागल हो गई है ? यह हमारे त्योहारों पर ही क्यों होता है ? सुनकर उस समय मुझे भी पल भर के लिए लगा कि यह कुछ ज्यादा हो रहा है । लेकिन कल जो दुखद घटना जोधपुर में हुई और विवाद धार्मिक झंडे लगाने की बात पर ही शुरू हुआ तो मुझे अहसास हुआ वाकई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दूरदर्शिता और सही निर्णय लेने के लिए बदनाम होने की क्षमता का कोई जवाब नहीं है। अंतर्मन से गहलोत के लिए मन में आदर का भाव उत्पन्न हुआ।

 कल गहलोत का जन्मदिन था

 ऐसे वक्त ही यह घटना गहलोत के गृह जिले जोधपुर में गठित होना थोड़ा फिल्मी और अजीब नहीं लगता ?? क्या ये एक गांधीवादी नेता को जन्मदिन का तोहफा था ?? 

खैर !!! शाम को जब ऑनलाइन इस दुखद घटना का वीडियो किसी ने डाला तो मैं मेरे मित्र के यहाँ खाना खा रहा था। उसके 10 साल के बेटे ने यह वीडियो देखा तो बड़ी मासूमियत से बोल पड़ा – झंडे का क्या है ?  दोनों झंडे लगा  दो न ?? झंडे को लेकर भी कोई झगड़ा होता है अंकल ?? 
 एक बच्चे के मुंह से यह बात सुनकर मुझे लगा हम लोग बेकार ही बड़े हो गए ... बच्चे रहते तो बेहतर था। इतने समझदार तो बच्चे भी है जिनको लगता है की ये झगड़ा केवल झंडे को लेकर नही था। मैंने कहा कि बेटा बिल्कुल सही कहा तुमने, झगड़ा केवल झंडे का नहीं था, जय झगड़ा कुछ मुट्ठी भर सत्ता के लालची लोगों का है जो नहीं चाहते कि इस देश में प्रेम प्यार हो भाईचारा बना रहे। नफरत फैलाने से ही उनका घर चलता है। 

अकेले सरकार और प्रशासन को इस घटना का दोष देना बिल्कुल उचित नहीं है । कुछ दोष तो हमें अपने आपको भी देना ही होगा। जो कि ऐसी धर्मांधता को कहीं ना कहीं मन के भीतर बढ़ावा देते हैं। सरकार और प्रशासन ने तो राजस्थान में अपना काम कर ही दिया था , धार्मिक झंडे बिना अनुमति के ना लगाने के आदेश निकल कर। लेकिन हम लोगों ने उस समय सरकार को गाली देने का कोई मौका नहीं छोड़ा । गहलोत को तुष्टीकरण करने वाला बताया गया और आज जब धार्मिक चिन्हों वाले झंडे लगने की वजह से खराब हुए माहौल से ही जोधपुर में कर्फ्यू लगा है। तब यह बात कोई नहीं बोल रहा की सरकार ने पहले ही इस बात के लिए आम जनता को चेताया था और आदेश भी पारित किए थे। 

 2014 के बाद से राजनेताओं द्वारा अखबारों और न्यूज़ चैनलों में पैसे लगाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं रह गई है। और गहलोत विरोधियों ने भी ऐसे कई मीडिया संस्थानों में पैसे लगा रखे होंगे । जिनमें केवल भाजपाई ही नहीं बल्कि उनके धुर विरोधी कांग्रेस नेता भी शामिल है। मुख्यमंत्री के ऐसे शुभचिंतकों के आर्थिक योगदान से चल रहे मीडिया संस्थान वक्त वक्त पर अपने आर्थिक आकाओं के हित का संरक्षण करते रहते हैं। तो कम से कम ऐसी रद्दी छाप खबरों को देख कर गहलोत की कार्यक्षमता पर प्रश्न उठाना तो गलत ही होगा। 

 अब तो बेहतर होगा की जनता मौजूदा सरकार के पक्ष में ऐसा माहौल तैयार करे ताकि सरकार निडरता से इस घटना की तह तक जाकर, निष्पक्ष रूप से जाँच करवाए । और ऐसे अराजक तत्वों को पकड़ कर कानून ऐसी सजा दे, जो इतिहास में दर्ज हो सके । और लोग सदियों तक यह याद करें की सत्ता के लिए नफरत फैलाने वालों की सजा क्या होती है। सरकार यह भी सुनिश्चित करे की भविष्य में ऐसे पुनरावृति न हो । 

 जय श्री कृष्ण 

 नरेश राघानी 
9829070307

प्रधान संपादक 
Horizon Hind News 
9829070307


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved