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April 19, 2022
गुजरात के सूरत शहर में 3 दिवसीय "स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण" सम्मेलन का भव्य उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री के आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के स्पष्ट आह्वान के तहत सूरत स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन डेवलपमेंट लिमिटेड के साथ मिलकर भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए) कर रहा है।इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी मुख्य अतिथि थे। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुश्री दर्शना जरदोश, गुजरात के शहरी विकास और शहरी आवास मंत्री श्री विनोद मोरादिया, आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. ऑडिमुलपु सुरेश, सांसद श्री सी.आर. पाटिल, और सूरत की मेयर श्रीमती हेमाली कल्पेशकुमार बोघावाला ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के सभी प्रमुख शहरी हितधारक शामिल हुए, जिनमें अन्य लोगों के साथ-साथ सचिव, एमओएचयूए श्री मनोज जोशी, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव, शहरों के नगर आयुक्त, 100 स्मार्ट शहरों के एमडी/सीईओ, राज्य स्तरीय नोडल एजेंसियां/मिशन निदेशालयों, पेशेवरों, उद्योग प्रतिनिधियों, मीडिया और शिक्षाविदों ने भी भाग लिया। इसमें 100 स्मार्ट शहरों में लागू की जा रही कुछ महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला गया।उद्घाटन सत्र के दौरान एक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स प्रतियोगिता (आईएसएसी) 2020 के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों की घोषणा पहले ही 2021 में वर्चुअल सम्मेलन के माध्यम से की गई थी। हालांकि, उस समय मौजूदा कोविड-19 हालात के कारण पुरस्कार वितरण समारोह को स्थगित कर दिया गया था। सूरत और इंदौर को सर्वश्रेष्ठ शहर का पुरस्कार दिया गया, जबकि उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार दिया गया है। पुरस्कार विजेताओं की सूची अनुबंध I, II और III में संलग्न है।इस कार्यक्रम में शहरी आउटकम संरचना 2022 का विमोचन भी शामिल है। इसमें आसान रहन-सहन यानी ईज ऑफ लिविंग नगरपालिका प्रदर्शन सूचकांक, डेटा परिपक्वता और जलवायु स्मार्ट शहरों का आकलन ढांचा भी शामिल है। मंत्रालय का एकीकृत डेटा पोर्टल एएमपीएलआईएफआई, जो भारतीय शहरों के बारे में मूल्यवान डेटा प्रदान करेगा, को भी लॉन्च किया गया। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी मिशन ने कार्यक्रम के दौरान जीएमआईएस में आउटकम आउटपुट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क (ओओएमएफ) डैशबोर्ड के साथ एक व्यापक डैशबोर्ड भी लॉन्च किया।स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण मेगा कॉन्क्लेव के उद्घाटन के दिन देश भर से पंजीकृत 1000 से अधिक प्रतिभागियों के लिए विभिन्न संवादात्मक गतिविधियों, प्रख्यात वक्ताओं के साथ बातचीत, और सार्वजनिक स्थलों का नव-निर्माण, डिजिटल गवर्नेंस, जलवायु स्मार्ट शहरों, नवाचार और स्मार्ट वित्त जैसे 5 विषयों में सीखने की व्यवस्था की गई। समारोह में आए गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित किए जा रहे पांच विषयगत मंडपों का भ्रमण किया। इन पांच विषयों वाले मंडपों में स्मार्ट शहरों में विकसित की जा रही विभिन्न शहरी परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया।“स्मार्ट सिटी मिशन में लगभग सभी सरकारी वित्त पोषित परियोजनाओं में काम शुरू हो गया है, और एससीएम के तहत परियोजनाएं अगले साल तक पूरी हो जाएंगी। 100 स्मार्ट शहरों में से 80 शहरों में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र हैं, और बाकी 20 शहरों में इस साल 15 अगस्त तक ये केंद्र चालू हो जाएंगे। स्मार्ट शहरों का चयन हितधारक परामर्श द्वारा किया गया था, और मिशन के तहत पूरी की जा रही परियोजनाएं कोविड की वजह से आई रूकावटों के बावजूद, सरकारी योजनाओं में सबसे अधिक तेजी से चल रही हैं। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की सफलता का प्रदर्शनात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सीखने के अनुभवों को साझा करना और बेहतर प्रदर्शन करने वालों की पहचान स्मार्ट सिटी मिशन को जन आंदोलन बनाने में एक लंबा सफर तय करेगी। आइए हम एससीएम की उपलब्धियों को दोहराने के लिए एक कदम उठाएं, ताकि यह लोगों की कल्पना से सामंजस्य बिठाए और एक जन आंदोलन बन सके।“
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