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March 5, 2021
वाह पुलिस कप्तान जगदीश चन्द्र जी और वाह केकड़ी पुलिस के घनश्याम शर्मा जी
केकड़ी की कई आपराधिक वारदातों के ख़ुलासे से पुलिस की खोई इज़्ज़त वापस लौटी
धन सिंह को बिना ख़ून ख़राबे के गिरफ़्तार करने से पुलिस कप्तान की रणनीति हुई क़ामयाब
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
बहुत गुस्से में थी केकड़ी। पुलिस सिस्टम से नाराज़। मीडिया के गन प्वाइंट पर थी पुलिस और पुलिस के गन प्वाइंट पर थे गुमनाम अपराधी , अपराधियों के गन प्वाइंट पर था आम आदमी। सर्वहारा वर्ग
मीडिया ने तो जैसे सोच ही रखा था कि केकड़ी की नकारा और निकम्मी पुलिस को संगठित होकर घेरा जाए ।आए दिन शहर में चोरियाँ हो ही रही थीं। साथ ही पिस्टल दिखाकर लूटने की कोशिश भी होने लगी थी। ज़ाहिर था कि ऐसे में लोग शहर की पुलिस का सम्मान तो नहीं कर सकते थे।
विकट परिस्थितियों में था पुलिस का सम्मान! इधर नए पुलिस कप्तान जगदीश चंद केकड़ी में लगातार हो रही आपराधिक वारदातों से परेशान थे। उन्होंने केकड़ी पुलिस के अधिकारियों को संकेतो में समझा दिया था कि और नहीं बस और नहीं! फिर कोई घटना और नहीं!!
चारों तरफ से घिरी केकडी पुलिस पर एक और हमला राजनीतिक पार्टियां कर रही थीं। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक और चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा भी विपक्षी नेताओं की जली भुनी सुन रहे थे और पुलिस विभाग को सुना रहे थे ।
बेचारी केकड़ी पुलिस !!!
चारों तरफ से आ रहे ज़हरीले तीरों से घिरी और घबराई हुई।
मैंने भी लगे हाथ केकड़ी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम शर्मा को आड़े हाथों ले लिया ।केकड़ी में पुलिस व्यवस्था की कट रही नाक पर तंज किए। मुझे ताज्जुब हुआ जब अतिरिक्त अधीक्षक घनश्याम शर्मा जी ने ख़ुद मेरी बात में छिपे दर्द को महसूस किया। माना कि शहर में जो कुछ घट रहा है वह ठीक नहीं ।पुलिस विभाग की साख पर बट्टा लग रहा है। यह भी उन्होंने स्वीकार किया।
बात चीत के दौरान मुझे लगा कि वे बेहद होनहार और नपे तुले पुलिस अधिकारी हैं।उन्होंने मुझसे कहा कि उनका विभाग नकारा और निकम्मा नहीं ।पूरी तरह जागरूक और ज़िम्मेदार है। शहर में हो रही घटनाओं से भी वाकिफ है और वह इन वारदातों के पीछे छिपे चेहरों को बेनकाब करने की दिशा में भी रात दिन एक कर रहा है ।
मेरे यह कहने पर कि ऐसी भागदौड़ का क्या मतलब जिसके परिणाम ही सामने नहीं आ रहे हों । घनश्याम शर्मा ने मेरी इस बात का जवाब यह कह कर दिया कि हथेली पर सरसों नहीं उगती ,ज़रा समय दो। एक दो रोज़ में ही केकड़ी की सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी।
मैंने दिनदहाड़े पिस्तौल दिखाकर प्रदीप टहलानी के घर लूटपाट करने की घटना का जब उनसे जिक्र किया तो वे बोले बस हम अपराधियों तक पहुंच चुके हैं ! बहुत जल्द ही आप तक सारी वारदातों का खुलासा हो जाएगा।
मुझे तब यह नहीं पता था कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम शर्मा अपनी जुबान के इतने खरे निकलेंगे ।उन्होंने तो वाकई अपनी पुलिस के माध्यम से कई वारदातों का ख़ुलासा करके अपराधियों को अपने शिकंजे में जकड़ लिया ।इनमें मोटरसाइकिल चोरियों की वारदात और प्रकाश टहलानी के घर हुई लूटपाट की कोशिश वाली घटना प्रमुख हैं।
इधर केकड़ी पुलिस ने एक के बाद एक कई वारदातों के खुलासे कर अपने ऊपर चारों तरफ से हो रहे हमलों को सीधा जवाब देकर रोका, वहीं ज़िले के पुलिस कप्तान जगदीश चंद शर्मा की दूसरी विशेष टीम ने कमाल की रणनीति तय कर के कुख्यात डकैत धनसिंह को बिना ख़ून खराबे के गिरफ्तार कर लिया।
इसमें कोई दो राय नहीं कि धन सिंह मामूली अपराधी नहीं। उसके हौसले हमेशा बुलंद रहे। उसके खौफ़ से अच्छे अच्छे लोगों का हाज़मा खराब हो जाता है। उसके पास मिले हथियार इस बात की कहानी कहते हैं कि यदि पुलिस ने उसे पकड़ते समय तरीके से रणनीति नहीं बनाई होती तो निश्चित रूप से दोनों तरफ से गोलाबारी होती ।ख़ून ख़राबा होता।
सराहना की बात यही है कि पुलिस कप्तान बराबर अपनी टीम की मॉनीटरिंग कर रहे थे। पल-पल की कार्रवाई पर मोहर लगा रहे थे ।जब टीम ने कंफर्म कर दिया शिकार गुफा में है, तब उसे ऐसे वक्त में दबोचा गया जब वह अपनी बंकर नुमा मांद में गहरी नींद में सोया हुआ था।
सोते शेर को ललकारे बिना दबोचना पुलिस कप्तान जगदीश चंद शर्मा की ही बताई चाल का नतीजा था।
आतंक का पर्याय पपला अजमेर जेल में है ।और भी कई कुख्यात अपराधी अजमेर जेल में हैं।अब धन सिंह भी उसी चारदीवारी में जा पहुंचेगा ।
अजमेर की जिला पुलिस के हौसले फिलहाल बुलंद हैं । निवर्तमान पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप सिंह, और विकास कुमार फिर जनता को याद आ रहे हैं। उनकी विरासत को पंडित जगदीश चंद शर्मा ने भी उसी जज़्बे और ज़िम्मेदारी से संभाल लिया है ।यह अजमेर जिले के लिए ख़ुशी की बात है।
अब मेरा पुलिस कप्तान जगदीश शर्मा और केकडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम शर्मा से एक विशेष आग्रह .....!
.......कि वे अपराधों पर लगाम लगाने में ही अपनी पुलिस को तैनात ना करें बल्कि कोरोना से आने वाले संकट से घिरे लोगों को भी लड़ने के लिए तैयार करें ।
मास्क लगाने की अनिवार्यता के लिए यदि दोनों अधिकारी अपने विभाग को किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के आदेश दे दें तो वे जिले के कल्याण में बहुत बड़ा योगदान दे पाएंगे ।
एक बार फिर दोनों अधिकारियों को जिले वासियों की तरफ से बधाई!
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