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March 4, 2021
सायों को ऊँचाई देगा,
कब तक पेड़ सफ़ाई देगा.
मेले में ले जाने वाले,
क्या तू भी तन्हाई देगा.
सच है लेकिन कैसे मानू,
यार मेरा रुसवाई देगा.
ख़ुद को समंदर कहने वाले,
कब अपनी गहराई देगा.
तू मुझको गर गाने लगा है,,
फिर कब मुझे सुनाई देगा .
जिस सूरज ने दिया पसीना,
वो ही खरी कमाई देगा.
मुद्दत से रहता है मुझमें,
कब ये बता दिखाई देगा.
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
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