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February 19, 2021
ज़हर का घूँट पीकर चुप नहीं बैठेंगे सचिन पायलट
कोट खावदा की महापंचायत में गहलोत के तोड़ेंगे कई भृम_
सभी जातियों के विधायक रहेंगे मंच पर मौज़ूद_
इस बार खटिया टूटेगी नहीं खटिया खड़ी होगी_
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
राहुल गांधी की अजमेर जिले में हुई यात्रा के दौरान गहलोत और डोटासरा के चिलगोजों ने जो सलूक सचिन पायलट के साथ किया ,उसका माकूल जवाब देने के लिए सचिन पायलट ने जयपुर के कोटखावदा में महापंचायत का नेतृत्व करने की योजना बना ली है।
गहलोत समर्थक हमेशा से ही सचिन पायलट को गुर्जर नेता के रूप में प्रचारित और सिद्ध करते रहे हैं ।यही वजह है कि इस बार सचिन पायलट अपनी महासभा में सभी जातियों के विधायकों को मंच पर बैठा कर अपने आपको सर्वमान्य नेता सिद्ध करने की कोशिश करेंगे ।वे गुर्जरों के अलावा भी राज्य में अन्य जातियों के कर्णधार हैं यह बात बतौर सबूत वे महापंचायत में साबित करेंगे।
सचिन और गहलोत के बीच चल रही रस्सा कसी का प्रभाव राजस्थान में होने वाले उपचुनावों के परिणामों पर पड़ेगा ,इस बात में कोई दो राय नहीं।
इधर सचिन बड़ी ही चालाकी और दूरदर्शिता से गहलोत से उनकी दूरियों को सिरे से नकार कर चल रहे हैं। सचिन पायलट से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने गहलोत से उनकी दूरियों को सिरे से नकार दिया। कुशल और सुलझे हुए राजनेता की तरह उन्होंने कहा कि कोटखावदा में होने वाली महापंचायत में उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को भी आमंत्रित किया है।उनको लेकर वे अलग से कुछ नहीं सोचते।ये सोच भले ही नाटक का हिस्सा हो मगर वे बहुत चालाक हैं।जिसमे कोई दो राय नहीं।
कोटखावदा किसानों की महापंचायत है जिसमें सभी जातियों के किसान और नेता आएंगे। सचिन पायलट मंच पर खाट टूटने को साजिश नहीं मानते ।दुर्भाग्यपूर्ण घटना मानते हैं ।भाषण देते समय उन्हें मंच से उतारने को भी सहज रूप से स्वीकार करते हैं ,मगर यह सिर्फ दिखावा है। ज़हर का घूंट पीकर सामान्य दिखने की चेष्टा ।
असलियत तो यह है कि राहुल बाबा की राजस्थान यात्रा में उनके साथ जो व्यवहार किया गया उन्हें और उनके समर्थकों को ज़रा भी पसंद नहीं आया। इसी का जवाब होगा कोटखावदा की यह महापंचायत
इसमें गुर्जर नेता सचिन पायलट अपने साथ चार मीणा विधायक रमेश मीणा, मुरारी लाल मीणा, पी आर मीणा और हरीश मीणा को साथ रखकर राज्य की मीणा जाति का अपने आप को नेता सिद्ध करेंगे
जाटों के भी वह सर्वमान्य नेता हैं इस को सिद्ध करने के लिए वे अपने मंच पर पांच जाट नेताओं की फौज़ साथ रखेंगे ।विधायक विश्वेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी, गजेंद्र ओला, मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया।
इस पंचायत में सचिन की जय जयकार करेंगे ब्राह्मण विधायक के रुप में राकेश पारीक ! ये तो उनके साथ हमेशा ही मौजूद रहते हैं।
गुर्जर समाज के जी आर खटाना और इंद्राज गुर्जर उनके कद को बढ़ाएंगे ।वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व विधायक सुरेश मोदी करेंगे।अनुसूचित जाति की तरफ से प्रकाश सोलंकी मौजूद रहेंगे ।राजपूत विधायक के रुप में दीपेंद्र सिंह शेखावत उनके साथ बने हुए हैं ।यह बात अलग है कि उनकी तबीयत इन दिनों ठीक नहीं और वे पंचायत में शायद ही आ पाएं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यदि कूटनीतिज्ञ होते तो कोटखावदा की महापंचायत में भाग लेकर सचिन की महापंचायत को कांग्रेस की महापंचायत बना सकते थे। मगर मुझे लगता नहीं कि वे ऐसा कर पाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा में भी इतनी चतुराई नहीं कि वे इस कार्यक्रम को सचिन पायलट से छीन कर कांग्रेस की झोली में डाल दें ।
सचिन पायलट भी जानते हैं कि गहलोत भाग लेने नहीं आएंगे और महापंचायत की कामयाबी का सेहरा उनके सर पर ही बंधेगा। साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि वे सिर्फ गुर्जरों के ही नेता नहीं ।सभी वर्गों के किसान उनके नेतृत्व में विश्वास रखते हैं।
सचिन पायलट ने दौसा और बयाना में जिस तरह अपना शक्ति प्रदर्शन किया था उसी प्रकार इस बार भी राहुल और सोनिया गांधी को अपना क़द और ताक़त दिखाने के मूड में हैं।
वे इस बात को भी सिद्ध करना चाहते हैं कि सत्ता में रहकर गहलोत और डोटासरा जितना पराक्रम दिखाना चाहें दिखा सकते हैं । उनकी तरह सत्ता से बाहर आकर कुछ नहीं कर सकते । वे ख़ुद को जनता के दिलों पर राज करने वाला नेता सिद्ध करने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं।
....और यही वजह है कि गहलोत के चेहरे पर पसीने की बूंदें साफ नज़र आ रही हैं।वे उधर सत्ता की चौखट पर खड़े होकर सरकार चला रहे हैं ,इधर पायलट जनता की नब्ज पर हाथ रख कर अपनी समानांतर सत्ता की शुरुआत कर चुके हैं ।
राजस्थान में होने वाले उपचुनावों में सचिन पायलट अपनी मौजूदगी एक ताक़तवर नेता के रूप में करने जा रहे हैं ।
भाजपा में जिस तरह वसुंधरा सत्ता में आने के लिए छटपटा रही हैं वही छटपटाहट सचिन में भी देखने को मिल रही है। दोनों ही अपनी-अपनी पार्टी को संदेश दे रहे हैं कि उनके बिना उन्हें सत्ता में वापसी संभव नहीं।
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