For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 102927774
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: अक्षय तृतीया के मौके पर संस्था के जागरूकता अभियानों द्वारा रूकवाए पांच बाल विवाह |  Ajmer Breaking News: भगवान परशुराम संपूर्ण मानवता के लिए आदर्श-श्री देवनानी |  Ajmer Breaking News: वासुदेव देवनानी के निवास पर नामदेव समाज द्वारा स्वागत व अभिनन्दन |  Ajmer Breaking News: कश्मीर के पर्यटक स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमलें को लेकर  को पुष्कर पुलिस थाने में सीएलजी सदस्यों की बैठक आयोजित की गई।  |  Ajmer Breaking News: भैरव धाम राजगढ़ पर चढाया 15,551 फिट का साफा |  Ajmer Breaking News: अजमेर जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले पाकिस्तान का झंडा जलाकर अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन, |  Ajmer Breaking News: अक्षय तृतीया के सावे को अबूझ सावा माना जाता है लेकिन इस बार शास्त्रों के अनुसार आखा तीज के दिन शादी विवाह के लिये शुभ नही माना जा रहा । |  Ajmer Breaking News: सात माह के बच्चे का अपहरण करने वाले सभी आरोपी को हुए गिरफ्तार,  |  Ajmer Breaking News: बढ़ती गर्मी के साथ अस्पताल में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल अधीक्षक ने किया अस्पताल का निरीक्षण, |  Ajmer Breaking News: बिना दवा स्वस्थ जीवन संभव, सिलोरा पंचायत समिति एवं रूपनगढ़ ग्राम पंचायत में एकात्म अभियान योग की पहल | 

क़लमकार: मेयर हों तो ब्रजलता हाड़ा और उपमेयर हों तो ज्ञान सारस्वत

Post Views 971

February 5, 2021

अजमेर के फूटे हुए बेईमान मुक़द्दर में काश ! कोई लिख दे...!!

मेयर हों तो ब्रजलता हाड़ा और उपमेयर हों तो ज्ञान सारस्वत




अजमेर के फूटे हुए बेईमान मुक़द्दर में काश ! कोई लिख दे...!!





राजनीति को व्यवसाय समझने वाले गैर जिम्मेदार नेता काश ! बाज़ आएँ अपनी करतूतों से!





सुरेन्द्र चतुर्वेदी






अजमेर नगर निगम सुहागिन हो जाये अगर ईमानदार प्रियशील हाड़ा की पत्नी श्रीमती ब्रजलता हाड़ा मेयर बन जाएं और उपमहापौर के लिए बेहद ईमानदार , सही अर्थों में कर्मठ, व्यवहारिक,संवेदनशील, जुझारू और समर्पित नेता ज्ञान सारस्वत बन जाएं। यदि ऐसा हो जाए तो निगम के पिछले इतिहास के चेहरे की कालिख़ धुल जाए!अगले पांच सालों में भूमाफियाओं की अर्थी निकल जाए!अवैध क़ब्ज़ा धारियों की हवा निकल जाए!पार्षदी की आड़ में काले धंधे करने वालों का उठावना हो जाए!!






हाँ ,आज का ब्लॉग मैं यहीं से शुरू करता हूं। एक वोट से चुनाव जीतने वाला मुक़दर का सिकंदर हो सकता है मगर हज़ारों वोट से चुनाव जीत के इतिहास रचने वाला जनता के दिल मे धड़कने वाला नायक ही हो सकता है।





ज्ञान सारस्वत को लेकर मेरा दावा है कि यदि उनको अजमेर के 80 वार्डों में से कहीं भी, किसी भी पार्टी से टिकिट दे दिया जाए या निर्दलीय लड़वा दिया जाए तो वह चुनाव जीत जाएंगे।






ज्ञान सारस्वत की वक़ालत मैं अकेला नहीं पूरा शहर करेगा , क्यों कि पिछले लिफ़ाफ़ेबाज़ों की कतार में खड़े पार्षदों में से और जो भी रहे हों वो तो नहीं थे।





और हाँ, एक बात और!!!!!






यदि अजमेर में पंछियों को वोट देकर अपने नेता चुनने का अधिकार दे दिया जाए तो वो भी ज्ञान सारस्वत का ही चुनाव करेंगे ,क्यों कि हर सुबह शहर का कोई नेता हाथों में बाजरा,मक्का लेकर आओ आओ की आवाज़ के साथ परिंदों की ख़ातिर नहीं करता





इन दिनों मेयर और उपमेयर को लेकर जिस तरह की कांग्रेस और भाजपा के बीच बेवज़ह का टूर्नामेंट चल रहा है उसे देख कर मुझे लग रहा है कि शहर की जनता को फिर एक बार बेईमानों की फ़ौज क़ब्ज़ाने के मूड में है।






कोंग्रेस के कुछ बेवकूफ़ों ने टिकट के बंटवारे में जो स्वार्थी खेल खेला और अब तक भी जो मैच फिक्सिंग चल रही है उसे देख कर लग रहा है कि शहर के अच्छे दिन शायद इस बार भी नहीं आएंगे।






मुझे कहते हुए ये ज़रा भी झिझक नहीं कि पिछली बार के कुछ गैर जिम्मेदार नेता जो राजनीति को मात्र व्यवसाय ही समझते हैं वे फिर चुनाव जीत गए हैं। ऐसे भ्रष्ट इंसान जिन्होंने अपने गुंडागर्दी से शहर को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी, महज फिर इसलिए चुनाव जीत गए कि उनके सामने कोई ताक़तवर अच्छी छवि वाला उम्मीदवार था ही नहीं।दुःखद बात ये है कि अब ऐसे व्यवसायियों तक के नाम उपमहापौर के लिए कतार में खड़े हैं। शर्मनाक बात ये है कि ईमानदार नामों को सुनियोजित तरीके से बदनाम लोग पीछे धकेल रहे हैं।शर्म आती है दोनों ही पार्टियों के धंदेबाज़ नेताओ और उनके आकाओं पर।






महापौर के लिए भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत और एक ही प्रत्याशी होने के बावजूद भी कई अटकलें बाज़ार में चल रही हैं।






अंदरखाने हाड़ा अभी भी बहन जी से डरे हुए हैं कि कहीं मतदान के समय अनिता जी कोई बड़ा खेल खेलकर उन्हें परास्त नही कर दें।







अनीता जी ने जिस प्रकार ब्रजलता हाड़ा को मेयर का प्रत्याशी बनाने में ही जितना विरोध किया और अभी कई जीते हुए कांग्रेसी व निर्दलीय पार्षदों द्वरा ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि अनिता जी उनके सम्पर्क में हैं, तो उनका डरना वाजिब भी है। पर ऐसा भी तो हो सकता है कि वे हाड़ा के लिए ही इनके संपर्क में हों। हा हा हा.. !!






मेरा ऐसा मानना है कि अनीता जी को भी भले कड़वा घूंट पीना पडे पर हाईकमान द्वारा घोषित प्रत्याशी के विरुद्ध क्रॉस वोटिंग करवाने की हिम्मत उनमें नहीं है। इसलिए हाड़ा जी को अपने दिलो दिमाग से ये डर निकाल देना चाहिए। मैं अभी तक ईमानदार ब्रजलता भाभी जी को मेयर बनने की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूँ।






नाम वापसी के बाद अब कांग्रेस से भी एक मात्र उम्मीदवार द्रोपदी कोली के मैदान में होने से सीधा मुकाबला होना है।कांग्रेस के तीन बड़े नेता डॉ राजकुमार जयपाल , डॉ श्री गोपाल बाहेती , और विजय जैन लामबंद होकर हेमंत भाटी, और राजा महेंद्र सिंह रलावता को निबटाने में लग गए हैं। अभी जीते हुए 18 कांग्रेसी पार्षद ही एक नही हैं और उसके बाद इन नेताओं को निबटाने की कार्यवाही खुलेआम चालू हो चुकी है तो कांग्रेस अपना मेयर बना ले ये असंभव है।






करारी हार झेल चुके 27 पार्षदों को अप्रत्यक्ष रूप से एक जाज़म पर लाकर प्रदेश हाईकमान व प्रदेश प्रभारी से उनको हराने में दोनो ही विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशीयों पर सीधा आरोप लगाने की शिकायत करने जयपुर भेजे गए थे जो अपना काम करके लौट आए हैं।






यहां भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने इन हारे हुए प्रत्याशियों द्वारा सार्वजनिक बयानबाज़ी कर अपनी हार का मुख्य कारण हेमन्त भाटी और रलावता को ही बताया गया है। इन दोनों के विरुद्ध पार्टी से कठोर कार्यवाही अमल में लाये जाने की मांग की गयी है।






अभी महापौर के लिए दिन में ही तारे देखी हुई अनिता भदेल उपमहापौर के लिए कोई बड़ा खेल खेलने के मूड में है।






अब उनकी जिद्द है कि भाऊ के खाते से कोई उपमहापौर नही बनना चाहिए। इसके अलावा वो किसी भी नाम पर सहमत हो सकती हैं। ऐसा उन्होंने हाईकमान को बता दिया है।






पहले बहन अनीता अपने कोटे से देवेन्द्र सिंह शेखावत को उपमहापौर बनवाना चाहती थीं पर अब अपने आप मे भाजपा में एक क़द बना चुके नीरज जैन पर उन्होंने हाथ रख दिया है। ताकि उन्हें मेहनत कम करनी पड़े।






यहाँ आपको बता दूं कि भाऊ किसी भी हाल में रमेश सोनी को ही उपमहापौर देखना चाहते हैं। इसलिए नीरज की भाऊ से तनी हुई है। ऐसे में अनिता भदेल ने अपने चेले देवेन्द्र सिंह को जैसे तैसे समझाकर नीरज पर हाथ रख दिया है। उनका मानना है कि यदि नीरज जैन अपने दम पर ही उपमहापौर बनने में सफल हो जाते हैं तो वो उनके खाते की जीत कहलायेगा। मगर ये भी बहन जी का भ्रम ही है। हा हा हा...!!!






बदनामी का दंश झेल रहे पूर्व महापौर और भाजपा के निगम चुनाव संयोजक धर्मेंद्र गहलोत इस बार उपमहापौर के लिए सबको छोड़कर अप्रत्याशित रूप से ईमानदार ज्ञान सारस्वत का नाम आगे बढ़ा रहे हैं। वो भी जानते हैं कि किसी और के मुकाबले उन्हें इस नाम पर ज़ोर कम लगाना पड़ेगा।हाई कमान इस ज़मीनी नायक के लिए विरोध कर ही नहीं सकता।






मेरे अनुमान के अनुसार तो उपमहापौर के लिए अब कई दावेदारों में से छटनी होकर तीनों नेताओं के कोटे से एक एक नाम ही रह गया है।







ईश्वर से प्रार्थना कि निगम में ईमानदारों की बेईमानों पर विजय हो। तथास्तु! एव मस्तु!! आमीन!!


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved