Post Views 1091
September 14, 2020
कोरोना रक्तदान शिविर भदेल जी ने किया आयोजित: भावी पार्षदों का लगा मेला
मोदी सेवा सप्ताह की सिर्फ़ अजमेर में बदली तारीख़
भाऊ बलि की चुप्पी के पीछे का सच क्या_
सुरेन्द्र चतुर्वेदी
प्रधानमंत्री मोदी की 70 वीं सालगिरह को मनाने में अजमेर भाजपा सबसे आगे निकल गई है। सेवा सप्ताह के रूप में मनाई जाने वाली वर्षगांठ की शुरुआत पूरे देश में आज से यानी 14 सितंबर से होने वाली है लेकिन अजमेर में पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने इसे वक्त से पहले कल यानी 13 सितंबर से ही रक्तदान शिविर लगाकर शुरू कर दी है।
पार्टी के निर्देशों की पालना करना शायद अतिरिक्त उत्साह में उचित नहीं समझा गया ।रक्तदान शिविर में कोरोना फेस्टिवल पूरी तरह हावी रहा। उत्साही लोगों ने डिस्टेंसिंग की परवाह किए बिना जमकर कोरोना यज्ञ किया ।
देश के अन्य हिस्से में यह सेवा सप्ताह किस तरह मनाया जाएगा ईश्वर जाने ,मगर अजमेर में इसे "कोरोना सेवा सप्ताह" के रूप में ही मनाया जाने के आसार नज़र आ रहे हैं। पूरे सप्ताह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने की शुरुआत तो हो ही चुकी है ।
इतिहास गवाह है कि अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति इसलिए फेल हो गई थी क्योंकि वह समय से पूर्व हो गई थी ।अनिता भदेल ने इस बार भी यही किया है । चौदह सितंबर की जगह अपनी मर्जी से 13 सितंबर से ही क्रांति शुरू कर दी है। क्रांति में भाजपा की ओर से बनाए गए संयोजक आनंद सिंह राजावत ने भी श्रीमती भदेल की शुरुआत पर मुहर लगा दी है । सांसद भागीरथ चौधरी और शहर अध्यक्ष डॉ हाड़ा ने भी । तीनों ही रक्तदान शिविर में मौजूद रहे।
रक्त दान महादान का नारा लगाने का शौक मुझे भी है ।निकाय चुनाव पास में ही हैं।यदि मैं पार्षद के लिए चुनाव लड़ने की मनोकामना रखता तो भदेल के शिविर में मैं भी ज़रूर भाग लेता। बाकी लोगों ने भी ऐसा ही किया। मैडम ही टिकट बांटेगी यह सोचकर टिकट लेने वालों का तांता लगा रहा। जहां देखो टिकिटार्थी ही नज़र आ रहे थे ।उनका उत्साह देखते ही बन रहा था ।सब अपने आप को भावी पार्षद समझ रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे मैडम ने उन्हें चुनाव लड़ने का कूपन अभी से दे दिया हो। कोहनी में शहद लगाने वाला मुहावरा रक्तदान शिविर में नज़र आया। सबकी कोहनी को चेक किया तो मधु मक्खी का शहद चिपका हुआ था। कईयों की कोहनी पर तो मक्खी बैठी हुई भी थी।
इधर पिछले दिनों भाऊ बली शांत नज़र आ रहे हैं। पिछले दिनों सतीश बंसल ने उनका सम्मान किया था तभी वे अख़बारों में नज़र आए थे। अनीता बहन के रक्तदान शिविर में भी वे नज़र नहीं आए ।
मुझे लगता है जिस तरह कोरोना पिछले दिनीं से मंत्री और विधायकों को अपनी चपेट में ले रहा है ,उससे राजस्थान के कई विधायक डरे हुए हैं। वैसे भाऊ बलि के बारे में डरने की कोई पुख़्ता ख़बर है नहीं ।
अजमेर के हेडमास्टर ओंकार सिंह लखावत जी से मिलने के लिए मैं जयपुर जाना चाहता था । मगर मुझे एक विधायक जी ने बताया कि वे घर में नज़रबंद हैं।क्या मजाल उनसे कोई मिल पाए। कोरोना ख़ुद रोज़ उनकी कॉलबेल बजाता है मगर वे दरवाज़ा नहीं खोलते ।
मैडम तो कोरोना को पॉजिटिव नज़रों से देखती हैं क्योंकि वे कोरोना पॉजिटिव रह चुकी हैं। उन्हें पता है कि कैसे कोरोना पर विजय प्राप्त की जा सकती है । वे बेखौफ हैं।*
भाऊ शायद डरे हुए हों। न भी हों मगर उनकी चुप्पी है बड़ी ख़तरनाक़ !! जब भी दो-चार दिन वे अख़बारों में नज़र नहीं आते मुझे लगने लगता है कि वे कुछ नया खटका करने वाले हैं। नए तरीके से बटका भरने वाले हैं।
इधर अनिता भदेल का सक्रिय होना बेहद ज़रूरी है ।उनकी जान को अगले चुनावों के लिए कई विधायक खड़े हुए हैं। पहले हेड मास्टर जी की कृपा से उन्होंने भाजपा के शहर अध्यक्ष प्रियशील हाड़ा का मिला हुआ टिकट कटवा दिया था ।इस बार ऐसा करना मुश्किल लग रहा है ।उधर उन्हीं के भाऊ बली भैया ने उनकी जान को पूर्व जिला प्रमुख वंदना नोगिया को भी मैदान में उतार दिया है। यह कंगना रनौत की मुद्रा में युद्ध करने के लिए मैदान में है। प्रदेश भाजपा में सचिव बन कर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि वे भदेल के अश्वमेध यज्ञ को रोके बिना नहीं रहेंगी।
जानकारी मिली है कि पूर्व उप मेयर संपत सांखला भी इन दिनों आपे में नहीं। वह भी अब धनपति होकर आंखें दिखाने लगे हैं ।उनके मुंह में भी शब्द हिलोरे मार रहे हैं। मैडम पर घुर्राने की हिम्मत भी बटोरने लगे हैं।
ऐसे में अनीता जी ने यदि रक्तदान शिविर को कामयाब नहीं किया होता, सेवा सप्ताह से अलग रेखांकित नहीं किया होता तो उनकी पोजीशन मटमैली हो सकती थी ।
सेवा सप्ताह का जो कार्यक्रम मुझे दिया गया है उस में रक्तदान शिविर की तारीख 18 - 19 सितंबर है। अब इस दिन अब कार्यक्रम होगा या नहीं, या कामचलाऊ होगा कहा नहीं जा सकता।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved