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September 3, 2020
अजमेर पूरी तरह कोरोना के क़ब्ज़े में: ज़िला प्रशासन ने मुंह के साथ आँखों पर पहना मास्क
मित्तल अस्पताल में कोरोना विस्फोट को दबा दिया गया: पूरा प्रबंधन हुआ था पोजेटिव: भयंकर विस्फोट छिपा कर होता रहा लोगों का इलाज
आई सी आई सी आई बैंक में 7 कर्मचारी हो चुके हैं पॉजिटिव: जानकारी के अभाव में ग्राहकों का बैंक में आना जाना जारी
वैशाली नगर की शिवशंकर डेयरी मालिक कोरोना का मरीज़ और डेयरी बाँट रही है कोरोना
अपुष्ट खबरों के अनुसार बीकानेर मिष्ठान भंडार में भी एक पॉजिटिव, दुकान जारी
ज़िला प्रशासन सिर्फ़ काट रहा है चालान
✒सुरेन्द्र चतुर्वेदी
अजमेर अब पूरी तरह कोरोना के हवाले हो चुका है ।सरकार पहले ही अपने कर्तव्यों की बाड़े बंदी कर चुकी थी ,अब ज़िला प्रशासन ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं ।जिला प्रशासन सिर्फ़ यातायात विभाग के माध्यम से मास्क ना पहनने वालों के , डिस्टेंसिंग की पालना न करने वालों के चालान काटकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहा है।
जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित बहुत बड़े गणित विशेषज्ञ हैं, इसलिए उनकी गणित पब्लिक पर जुर्माना लगाकर पैसे वसूलने में लगी हुई है ।कोरोना में कहां कितने लोग पॉजिटिव आए, इसकी सूची जो चिकित्सा विभाग हर रोज़ जारी करता था अब जारी नहीं कर रहा, लेकिन महामारी के निर्देशों का पालन न करने वाले 288 लोगों का आंकड़ा जरूर जारी कर दिया गया है।
बड़ी शान से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि कल 40 हज़ार की राशि सरकार ने वसूली। बाक़ायदा कितना पैसा ,किस से वसूल किया गया इसकी लिस्ट जारी की गई।
जिले में कहां किस शहर में कितने लोग किस क्षेत्र में पॉजिटिव आए इसकी लिस्ट अब चिकित्सा विभाग नहीं निकाल रहा। प्रशासन शायद मान चुका है कि अब आंकड़े मुंह फाड़ने लगे हैं । लोग सवाल उठाएंगे। प्रशासन की छवि खराब होगी , इसलिए जिला प्रशासन ने लोगों से मुँह छिपाना शुरू कर दिया है।
आंकड़े बढ़ रहे हैं और उन्हें छुपाने की कला न केवल सरकार बल्कि अस्पताल वाले भी सीख गए हैं। पिछले दिनों राखी के त्यौहार पर पुष्कर रोड स्थित अजमेर के सुप्रसिद्ध मित्तल अस्पताल के कॉरपोरेट आफिस में कोरोना का महा विस्फोट हुआ। अस्पताल के प्रबंधन विभाग में हड़कंप मच गया। अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ दिलीप मित्तल, सीईओ एस के जैन, वाईस प्रेसिडेंट श्याम सोमानी, डॉ. विद्या दायमा , एडमिन वंदना भार्गव, पी आर ओ युवराज पाराशर, पी आर ओ अमित मित्तल , डाइटिशियन संगीता सक्सेना सहित कई अधिकारी कोरोना पॉजिटिव हो गए। इतनी बड़ी संख्या में पॉजिटिव आने पर अस्पताल को तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए था मगर लोगों का आना जाना और मरीजों का इलाज़ बदस्तूर जारी रहा। और आज भी है ।आज भी वहां एक डाइटिशियन के पॉजिटिव होने की सूचना मुझे मिली है। समझ में नहीं आता कि इतने बड़े अस्पताल के संचालक पब्लिक की जान के दुश्मन क्यों बने हुए हैं❓अपनी कमाई के लिए क्यों लोगों की जान के साथ टूर्नमेंट खेल रहे हैं
इस अस्पताल के प्रबंधक के कुछ घर वाले भी कोरोना के शिकार हुए हैं। मामला दबाया जा रहा है। अस्पताल के लोग तो जयपुर जाकर अपना इलाज़ करवा आए हैं लेकिन यहां अस्पताल में लोगों के इलाज़ के लिए मोटी रकम वसूली जाती है ।और जिला प्रशासन ना जाने क्यों इस तरफ ध्यान ही नहीं देना चाहता
कचहरी रोड स्थित आई सी आई सी आई मुख्य ब्रांच में आज भी कोरोना कब्जा करके बैठा हुआ है। अब तक स्टाफ के 7 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं मगर मामला दबा कर बैंक चलाया जाता रहा है । आने वाले ग्राहकों को प्रसाद बांटा जा रहा है। कोई सुनने वाला नहीं ।
कई सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी पॉज़िटिव हैं और कार्यालय बेख़ौफ़ चल रहे हैं। कोरोना होना कोई बुरी बात नहीं या शर्मिंदगी की बात नहीं लेकिन इसे छुपाकर लोगों में संक्रमण फैलाया जाना बहुत ही ख़तरनाक़ है।
शहर में कई मिठाई की दुकानों पर भी कोरोना पैर पसार रहा है। प्रशासन तक शिकायतें भी पहुँच रही हैं मगर किसी को कार्रवाई करने की फुर्सत नहीं।
वैशाली नगर की सुप्रसिद्ध शिव शंकर डेयरी के मालिक कोरोना पॉजिटिव हैं। यह डेयरी पिछले 7 दिनों से कई बार खुली और बंद हुई। पुलिस वाले बंद करवा देते हैं और डेयरी मालिक उसे खुलवा देते हैं। पैसों के दम पर लोगों का दम निकालने का खेल चल रहा है। समझ में नहीं आता कि यह डेयरी जहां रोज़ हज़ारों लोग दूध, दही ,घी ,मिठाई, नमकीन ,ब्रेड ख़रीदने आते हैं, इतनी लापरवाही कैसे हो पा रही है जिला प्रशासन , चिकित्सा अधिकारी क्या कर रहे हैं
सोशल मीडिया पर कल से प्रचारित हो रहा है कि वैशाली नगर स्थित बीकानेर मिष्ठान भंडार में भी एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है और मिष्ठान भंडार धड़ल्ले से चल रहा है। मेरा स्वास्थ्य अधिकारी से कहना है कि वे खबर की पुष्टि करके उचित कदम उठावे। अब तक जिला स्वास्थ्य अधिकारी क्या कर रहे हैं यह वही जाने!!
कोरोना अजमेर को पूरी तरह कब्जे में ले चुका है ।पिछले 4 महीने में जितने पॉजिटिव आए उतने तो अकेले अगस्त माह में आ चुके हैं।सितंबर और अक्टूबर में तो संख्या कितनी आएगी उसकी आप और मैं कल्पना भी नहीं कर सकते ।
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को चाहिए कि वे अपने गृह जिले पर केंद्रित होकर जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश दें।उन पर लापरवाही ना बरतने का पूरा दबाव बनाएं।
हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि जो लोग 4 महीने में अपने आप को कोरोना से बचा पाए हैं उनका आगे बचना अब मुश्किल हो चुका है। जनता से आग्रह है कि वह घर से बाहर तभी निकले जब बहुत ही जरूरी हो। बाहुबली ना बने। कोरोना बहुत गुस्से में है। कभी भी किसी पर भी झपट सकता है।
अंत में मेरा जिला प्रशासन से और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एक सवाल है कि क्या इन्होंने मित्तल हॉस्पिटल प्रशासन, आई सी आई सी आई बैंक प्रशासन और डेयरी मालिक के पॉजिटिव आने के बाद आम जनता को सुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन की पालना सुनिश्चित की ❓ क्या इनके आस पास के इलाके के लोगो को इनके पॉजिटिव आने की कोई सार्वजनिक सूचना दी जिससे लोग अपना बचाव स्वयं कर सकें❓ क्या इनके प्रतिष्ठानों पर इनके पॉजिटिव आने की कोई सूचना चस्पा की क्या जनहित में इन प्रतिष्ठानों को बंद करवाने के लिए कोई सुदृढ़ व्यवस्था की ❓ और अब जब इन प्रतिष्ठानों ने इतनी घोर लापरवाही करके हज़ारों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर लिया तो अब इनके विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही अमल में लायी जा रही है
दोस्तों !! प्रशासन की इस गंभीर लापरवाही से ना जाने कितने ही परिवार जो इनके संपर्क में आये वो अब सदमे में हैं और जिला प्रशासन को पानी पी पीकर कोस रहे हैं।
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