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June 22, 2017
अजमेर। जिला कोषाधिकारी द्वारा गुरूवार को जवाहर रंगमंच पर जीएसटी के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कोषाधिकारी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में अजमेर के समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के संबंध में प्रतिभागियों को विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई। जीएसटी नियमों में आहरण एवं वितरण अधिकारी की भूमिका के बारे में चर्चा की गई। साथ ही वित्त विभाग के समेकित वित्त प्रबंधन तंत्रा (आईएफएमएस) का कार्यालयों में अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
उन्होंने बताया कि जीएसटी के अन्तर्गत डीडीओ द्वारा स्त्रोत पर कर कटौति की जाएगी। सेवा एवं कर योग्य वस्तु की आपूर्ति का अनुबन्ध मूल्य 2.50 लाख से अधिक होने पर टीडीएस कटौति की जाएगी। राज्यों के मध्य आपूर्ति होने पर आईजीएसटी के द्वारा कटौति की जाएगी। कटौतिकर्ता द्वारा आॅनलाइन पंजीयन जीएसटी की वैबसाइट पर करवाया जा सकता है। पंजीयन प्रमाण पत्रा समस्त दस्तावेज पूर्ण होने पर तीन कार्य दिवस में जारी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि कटौतिकर्ता के द्वारा महिने के अन्त में सम्पूर्ण टीडीएस को सरकार के पास जमा कराना होगा। जमा नहीं कराने की स्थिति में नियमानुसार ब्याज देना होगा। नियमानुसार जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है। आॅनलाइन भुगतान चालान के द्वारा किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि डीडीओ ठेकेदारों, विक्रेताओं एवं आपूतिकर्ताओं के चालान से टीडीएस की रकम की कटौति करेंगे। बिल के भुगतान के समय इस कटौति को विशिष्ट हैड में जमा करेंगे। डीडीओ कटौति के माध्यम से जमा राशि के निस्तारण के लिए जिम्मेदार होंगे। जीएसटी पोर्टल पर पंजीयन की प्रक्रिया 25 जून से खुली रहेगी।
उन्होंने बताया कि ट्रेजरी में प्रस्तुत किये जाने वाले समस्त प्रकार के बिलों पर आहरण एवं वितरण अधिकारी, बिल लिपिक एवं लेखाकार के द्वारा किये जाने वाले हस्ताक्षरों के नीचे सम्बन्धित अधिकारी अथवा कर्मचारी अपना नाम, पदनाम, तिथि आदि आवश्यक रूप से अंकित किये जाने चाहिए। इससे शासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी। हस्ताक्षर के नीचे दिनांक, नाम व पदनाम की सील भी प्रयोग की जानी चाहिए। कोषागार नियमावली-2012 के नियम-143 के अनुसार प्रत्येक आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा कोषालय से बिल एवं चैक के लेन-देन के लिए जी.ए. 59ए में बिल पारागमन पंजिका का संधारण किया जाएगा। इसकी पालना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डीडीओ की होगी। प्रत्येक बिल लेन-देन का स्पष्ट अंकन इसमें हो तथा आहरण एवं वितरण अधिकारी के ही हस्ताक्षर मय मोहर के करवाये जावें।
उन्होंने बताया कि बिल लेन-देन के लिये अधिकृत कार्मिक व लिंक कार्मिक के फोटो व हस्ताक्षर प्रमाणित करके पारागमन पंजिका के प्रथम पृष्ठ पर चिपकाए जाए। रजिस्टर पर पृष्ठ संख्या का अंकन प्रमाणित किया हुआ होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रमुख प्रशिक्षणकर्ता वरिष्ठ लेखाधिकारी गंगाधर, अतिरिक्त कोषाधिकारी हेमन्त कुमार गुप्ता, शिवनारायण सोनगरा, प्रेम जटिया एवं शिल्पा मोदी ने प्रतिभागियों को जीएसटी के अन्तर्गत टीडीएस कटौति, आॅनलाईन यात्रा बिल एवं एम्पलाॅई आईडी में परिवर्तन के प्रावधानों की जानकारी दी। वाणिज्य कर विभाग की प्रतिनिधि कविता चंडक एवं शारदा यादव तथा सेवाकर विभाग के राजेश ने जीएसटी के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में 350 से अधिक प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान प्रभावी तरीके से किया गया।
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