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April 29, 2025
अक्षय तृतीया के मौके पर संस्था के जागरूकता अभियानों द्वारा रूकवाए पांच बाल विवाह
धर्मगुरुओं ने संभाली बाल विवाह के रोकथाम की कमान
दिनांक 29 अप्रैल 2025 को अजमेर जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्यरत संगठन राजस्थान महिला कल्याण मण्डल, चाचियावास की टीम ने अक्षय तृतीया के मौके पर प्रशासन व पुलिस के सहयोग से जिले में हो रहे पांच बाल विवाह रूकवाए तथा बाल विवाहों की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं के बीच चलाया जागरूकता अभियानसंगठन के निदेशक राकेश कुमार कौशिक ने कहा, धर्मगुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला, इस अक्षय तृतीया पर जिले में नहीं होगा एक भी बाल विवाह के तहत संगठन पिछले तीन दिनो में ग्रामीण क्षेत्रों में पांच बालविवाह रूकवाए गए इस दौरान अजमेर जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाल कल्याण समिति मानव तस्करी विरोधी इकाई सम्बंधित थाना क्षेत्र व अन्य विभागों कों पत्र व कण्ट्रोल रूम पर सूचना के माध्यम से होने वाले बाल विवाह के लिए परिवारजनो कों नाबालिग बच्चों का विवाह नही करने के लिए पाबंद किया गया तथा मौके पर ही सम्बंधित कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार कि गई परिवारजनों कोे बच्चों कि शिक्षा व विकास के लिए जानकारी देेकर पाबंद किया। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से ”चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया” कैम्पेन चला रहा है।
जेआरसी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर रहे 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। इसके सहयोगी संगठन के रूप में राजस्थान महिला कल्याण मण्डल ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2023-24 में ही अजमेर जिले में 745 बाल विवाह रुकवाए हैं। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन रू टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है।
आर.एम.के.एम. के निदेशक श्री कौशिक ने कहा कि यदि पुरोहित वर्ग बाल विवाह संपन्न कराने से इनकार कर दे तो देश से रातोंरात इस अपराध का सफाया हो सकता है। इस अभियान में उनके आशातीत सहयोग व समर्थन से हम अभिभूत हैं। इसको देखते हुए हमारा मानना है कि जल्द ही हम बाल विवाह मुक्त अजमेर के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। संस्था के द्वारा जस्ट राइट्स फाॅर चिल्ड्रन के माध्यम से संचालित एक्सेस टू जस्टिस परियोजना के अजमेर जिला समन्वयक दीपक कुमार जोरम एवं टीम के समस्त सदस्य जिले में बाल विवाह के खात्मे के लिए प्रयासरत है।
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