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June 21, 2017
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के सानिध्य में 21 जून बुधवार को एसएमएस स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय योग समारोह की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। योग अभ्यास करने वालों को प्रातः 6.30 बजे तक स्टेडियम में अपना स्थान ग्रहण करने का आग्रह किया गया है।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि एसएमएस स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य स्टेडियम के साथ ही क्रिकेट मैदान, हॉकी मैदान, फुटबाल मैदान एवं अन्य मैदानों में भी योग प्रशिक्षकों के साथ ही बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाकर योगाभ्यास कराने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 45 हजार से अधिक साधकों के लिए व्यवस्था की गयी है। आमजन के साथ ही जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारीगण, क्रीड़ा परिषद, सामाजिक व व्यापारिक संगठन, अधिकारी व कर्मचारी, विद्यार्थी संगठन, एनसीसी, स्काउट््-गाईड, नेहरू युवा केन्द्र, जयपुर विकास प्राधिकरण संघ, महाविद्यालयी व विद्यालयी शिक्षार्थी योगाभ्यास करेंगे। आयुर्वेद मंत्री ने बताया कि प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों के साथ ही ब्लॉक मुख्यालय, पंचायत समिति मुख्यालय एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह आयोजित करने की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। इन कार्यक्रमों में जिला मंत्रीगण, स्थानीय सासंद व विधायकगण के साथ ही समस्त स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सहभागिता करने की अपील की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में लगभग 50 लाख व्यक्तियों की सहभागिता को ध्यान में रखते हुए समस्त योगस्थलों पर पार्किंग, प्रवेश, योगाभ्यास का स्थान, पेयजल, माईक, एल.ई.डी. स्क्रीन पर प्रदर्शन एवं शांति-सुरक्षा इत्यादि के माकूल इंतजाम सुनिश्चित किये गये हैं। सराफ ने बताया कि योगाभ्यास कार्यक्रम निर्धारित योग प्रोटोकाल के अनुसार संचालित किया जायेगा। प्रोटोकाल के अनुसार एक घंटे के मुख्य सत्र में प्रार्थना करने के बाद शिथिलीकरण अभ्यास में ग्रीवा, स्कंध, कटि व घुटना संचालन किया जोयगा। इसके बाद योगाभ्यास में खड़े होकर ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन होंगे। बैठकर भ्रदासन, वीरासन, अर्धउष्ट्रासन, शंशाकासन, उत्तानमंडुकासन, वक्रासन करने के बाद उदर के बल लेटन वाले मकरासन, भुंजगासन व शलभासन होंगे। पीठ के बल लेटने वाले सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्धहलासन, पवनमुक्तासन एवं शवासन का अभ्यास किया जायेगा। इसके बाद कपालभांति, अनुलोम-विलोम, शीतली व भ्रामरी प्राणायाम होगा एवं ध्यान के बाद योग करने का संकल्प लिया जायेगा। शांति पाठ के साथ योगसत्र का समापन होगा
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