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June 21, 2017
जयपुर। नगर निगम जयपुर मुख्यालय पर मंगलवार को महापौर जन सुनवाई की सफलता एक बार फिर दोहराई गई। इस बार से महापौर जन सुनवाई का समय सुबह 8ः30 से 11ः30 बजे तक था। लोग सुबह से ही नगर निगम मुख्यालय पहुंचना शुरू हो गए। भारी भीड़ को देखते हुए सुनवाई के निर्धारित समय बाद भी महापौर द्वारा जन सुनवाई जारी रखी गई। महापौर जन सुनवाई की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारी संख्या में लोगों ने कतारबद्ध तरीके से धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार किया। हर कोई महापौर के पास जाकर अपनी समस्या कहने को आतुर नजर आया। पूर्व की भांति इस बार भी महापौर जन सुनवाई में टेंट, पानी, हवा, बैठक व्यवस्था, चाय व जलपान की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रही। जन सुनवाई में लोगों ने अपनी समस्याएं महापौर, उपमहापौर, आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, मुख्य अभियंता को बताईं। महापौर, उपमहापौर और सभी अधिकारियों ने समस्या लेकर आने वाले लोगों की बातों को धैर्यपूर्वक सुना और उचित समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। आगंतुकों का मानना था कि एक ही छत के नीचे नगर निगम जयपुर से जुड़ी हर समस्या का समाधान देने का यह कदम वाकई सराहनीय है।महापौर जन सुनवाई में स्वास्थ्य शाखा, राजस्व शाखा, लैंड शाखा, विद्युत शाखा, कच्ची बस्ती, रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु, पशु प्रबंधन शाखा, उद्यान शाखा, सतर्कता शाखा, मोतीडूंगरी जोन, सिविल लाइन जोन, विद्याधर नगर जोन, मानसरोवर जोन, हवामहल पश्चिम जोन, हवामहल पूर्व जोन, सांगानेर जोन, आमेर जोन के अलग-अलग काउंटर बनाए गए। इन काउंटर्स पर शाखा प्रभारी और जोन उपायुक्त अपने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ लोगों की समस्या जानने के लिए उपस्थित थे।महापौर जन सुनवाई के बाद महापौर डॉ. अशोक लाहोटी, उपमहापौर मनोज भारद्वाज, आयुक्त रवि जैन और अतिरिक्त आयुक्त डॉ. हरसहाय मीणा ने हर डोम में नगर निगम जयपुर की अलग-अलग शाखाओं के काउंटर पर पहुंचकर अधिकारियों से जन सुनवाई के दौरान किए गए कायोर्ं को बारे में जाना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समस्याओं का तुरंत निस्तारण किया जाए।उल्लेखनीय है कि सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिकायत की स्थिति पता लगाई जा सकती है। सॉफ्टवेयर पर डाटा एंट्री के तुरंत बाद आवेदक के मोबाइल नंबर पर शिकायत संख्या से संबंधित एक मैसेज पहुंचाया जाता है। इससे कार्य की मॉनिटरिंग आसान हो जाती है। महापौर कार्यालय में इस जनसुनवाई की मॉनिटरिंग के लिए आईटी से जुड़े दो लोग लगे हुए हैं, जो नियमित रूप से महापौर को रिपोर्ट करते हैं और असाइन किए गए कायोर्ं की मौजूदा स्थिति से अवगत करवाते हैं। इस तरह महापौर जन सुनवाई के अंतर्गत मिली शिकायतों के त्वरित निस्तारण में मदद मिलती है। महापौर जन सुनवाई के लिए तैयार सॉफ्टवेयर पर संबंधित अधिकारी यूजरनेम और पासवर्ड से अपनी टिप्पणी करता है। इस पूरी प्रक्रिया पर महापौर की पूरी निगाह रहती है।आवेदक अपने मोबाइल फोन पर प्राप्त शिकायत संख्या और मोबाइल नंबर से अपनी शिकायत का स्टेट्स जान सकता है। इसके लिए महापौर जन सुनवाई पोर्टल पर जाना पड़ता है। इस पोर्टल का लिंक नगर निगम जयपुर की वेबसाइट http://jaipurmc.org पर मौजूद है। आवेदक चाहें तो स्वतंत्र रूप से http://mayorportal.azurewebsites.net/trackstatus.html पर भी जा सकते हैं। महापौर जन सुनवाई में आज 652 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 156 आवेदनकर्ताओं की समस्या का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। मौके पर ही समस्या का समाधान पाकर आम लोगों के चेहरों पर हर्ष की नई लहर है।महापौर जन सुनवाई में बड़ा फैसलामहापौर डॉ. अशोक लाहोटी ने मंगलवार को महापौर जन सुनवाई में बड़ा निर्णय लिया है। महापौर डॉ. अशोक लाहोटी ने बताया कि 90 मीटर से छोटे प्लॉट अगर सैटबैक के मामले में सीज किए गए हैं, तो नियमानुसार फीस जमा करवाने पर अगले 7 दिन में सीज खोल दी जाएगी।
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