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June 17, 2017
अजमेर । पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर में शनिवार को बालिकाओ के लिए आयोजित विशेष सत्रा में महिला अधिकारो के प्रति जागरुक रहने का संदेश दिया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री राकेश गोरा ने कहां कि प्राधिकरण के द्वारा महिलाओ एवं जरुरतमंद को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यह सुविधा सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में उपलब्ध करवाई गई है। प्राधिकरण का प्रयास रहता है कि न्याय से कोई व्यक्ति वंचित नही रहे। न्याय प्राप्ति के मार्ग में किसी प्रकार की बाधा नही आनी चाहिए।उन्होंने कहां कि राजस्थान पीडित प्रतिकर योजनाके माध्यम से पीडित व्यक्ति को राहत प्रदान की जाती है। अपराध के द्वारा पीडित व्यक्ति के साथ न्याय होने की प्रकिया में कुछ समय लग सकता है। पीडित को तुरंत रहात प्रदान करने के लिए इस योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। यह सहयोग अपराध की भयावहता के अनुसार पांच लाख तक हो सकता है।
वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश मुकेश परनामी ने कहां कि महिलाओ को कई तरिको से दबाया जाता है। इसलिए महिला अधिकारो की वकालत की जानी चाहिए। भारतीय सविधान द्वारा सभी को समानता का अधिकार प्रदान किया गया है। बाल विवाह, दहेज, अश्लील हरकते एवं घरेलु हिंसा जैसी असामाजिक गतिविधियां रोकी जानी आवश्यक है। महिला के द्वारा अपने अधिकारो के संबंध में जागरुक होने से इनसे बचा जा सकता है। सामान्य सी दिखने वाली हरकत को नजर अंदाज करने से भविष्य में बडा रुप ले सकती है।
महिला अधिकारिता विभाग जयपुर की सहायक निदेशक विनिता शर्मा ने महिलाओं एवं बालिकाओ के सुरक्षात्मक मुद्दो पर चर्चा की। उन्होंने कहां कि घरेलु हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत बहु के साथ-साथ माॅ, बेटी और बहन को भी सुरक्षा प्राप्त है। महिला शारीरिक, आर्थिक, लैंगिक, मौखिक एवं भावनात्मक हिंसा से बचाव के लिए इस अधिनियम का सहारा ले सकती है। महिला को डायन कहकर प्रताडित करना अपराध की श्रेणी में आता है। इससे बचने के लिए महिला कानूनी मदद प्राप्त कर सकती है।
उन्होंने कहां कि कौशल विकास शिविर में बालिकाएं कई सामग्री बनाना सीख रही है। इनके द्वारा घरांे में वस्तुओ का उत्पादन किया जायेगा। महिला अधिकारिता विभाग द्वारा स्वयं सहायता समूह के रुप में उत्पादन ईकाई गठित की जाती है। इसके द्वारा उत्पादित सामग्री बेचने के लिए विभाग अमृता हाट के रुप में प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हाट लगाकर महिलाओ के द्वारा उत्पादित सामग्री को बेचा जाता है। इससे महिलाओ में आत्मनिर्भरता आई है। इस अवसर पर शिविर प्रभारी एवं पूर्व विधायक हरीश झामनानी, महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक अनुपमा टेलर, कार्यक्रम अधिकारी नितेश यादव सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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