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June 17, 2017
जयपुर। जयपुर-भीलवाड़ा स्टेट हाईवे संख्या 12 के राष्ट्रीय राजमार्ग बनने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने सांगानेर(जयपुर)-फागी-मालपुरा-केकड़ी- शाहपुरा-माण्डल (भीलवाड़ा) राज्य राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में विकसित करने के लिए अनापत्ति जारी करते हुए इसके प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित करने के लिए अनुमोदन कर दिया है। इसके साथ ही सोयला (एनएच-65) से बालेसर(एनएच-114) वाया ओसिया-तिवरी सड़क को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में विकसित करने के लिए प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री यूनुस खान ने बताया कि राज्य में सम्पूर्ण सड़क तंत्र के विकास के साथ ही अधिक यातायात वाली निम्नक्रम की सड़कों के क्रमोन्नयन पर लगातार काम किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों की स्वीकृत लम्बाई के अनुसार राजस्थान पूरे भारत में अव्वल है। इसी कड़ी में 212 किलोमीटर लम्बे जयपुर-भीलवाड़ा स्टेट हाईवे संख्या 12 कोे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करवाने एवं इसके चार लेन में चौड़ाईकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। एन.एच. से सफर की घटेगी दूरी यह सडक रेनवाल, फागी, मालपुरा, केकडी, शाहपुरा, माण्डल आदि बडे कस्बों में होकर जयपुर को भीलवाड़ा से जोडती है। अभी यह मार्ग राज्य सरकार के अधीन स्टेट हाईवे - 12, दो लेन सडक है। जयपुर से भीलवाडा की दूरी वाया अजमेर एन.एच. 8 से होते हुऎ 277 कि.मी. है एवं वाया मालपुरा होते हुऎ 237 कि.मी. है। इस मार्ग को 4 लेन राष्ट्रीय राज मार्ग बनाने से जयपुर से भीलवाड़ा की दूरी 40 कि.मी. कम हो जायेगी तथा समय व ईधन की बचत होगी। यह सड़क वर्तमान में किलोमीटर 0/0 से किलोमीटर 16/200 किलोमीटर तक 10.5 मीटर एवं किलोमीटर 16/200 से 212/0 तक 7 मीटर चौड़ी है।ज्यादा सुरक्षित होगा सफर अभी दो लेन होने के कारण इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की आशंका ज्यादा रहती है। इस मार्ग के चार लेन होने से दुर्घटनाओं मे कमी आयेगी। अभी जयपुर से भीलवाडा वाया राष्ट्रीय राजमार्ग-79 व राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के माध्यम से जाया जाता है जिन पर वाहनों का अत्यधिक भार है। यह भार इस मार्ग के विकसित हो जाने से कम हो जायेगा एवं क्षेत्र के आमजन को सुविधा मिलेगी।आर्थिक विकास, रोजगार के अवसरों में बढोतरी भीलवाडा शहर राजस्थान का इकलौता टेक्सटाइल शहर है। इस सड़क के राष्ट्रीय राज मार्ग मे परिवर्तित किए जाने से जयपुर-टोंक-अजमेर वासियों के लिए रोजगार के अवसर बढेंगें एवं शिक्षा के क्षेत्र मे प्रगति के साथ ही उद्योगो का विकास होगा। भीलवाड़ा इलाके में खनिज की उत्पादकता ज्यादा होने से यहां आधारभूत सरंचना के विकास को नये आयाम मिलेगे। यह राष्ट्रीय राजमार्ग टोंक जिले से होकर गुजरेेगा, जिससे क्षेत्र में बनास की बजरी परिवहन में सुगमता होगी, समयावधि घटेगी एवं आर्थिक लाभ होगा। पर्यटन, धार्मिक यात्राइस सड़क के चार लेन होने से विश्वविख्यात डिग्गी कल्याण जी मन्दिर, सावन में लगने वाले उनके मेले, जैन धर्मावलम्बियों की प्रसिद्ध श्वेताम्बर दादा बाड़ी मालपुरा, रामस्नेही सम्प्रदाय के घार्मिक स्थल रामद्वारा शाहपुरा व हरणी महादेव मन्दिर भीलवाडा के प्रसिद्व मेले के लिए श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा एवं सुगमता होगी जिससे क्षेत्र में पर्यटन एवं तीरथ यात्रियों की संख्या में बढोतरी होने से क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक विकास तेज होगा। साथ ही गुजरात-महाराष्ट्र आदि राज्यों से जयपुर आने वाले पर्यटको को भी छोटे मार्ग से यात्रा की सुविधा मिलेगी एवं इस राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े सभी कस्बों की आबादी को भीलवाड़ा-उदयपुर-बांसवाड़ा-कोटा जाना सुगम होगा। सोयला-तिवरी मार्ग भी बनेगा राष्ट्रीय राजमार्ग खान ने बताया कि सोयला (एनएच-65) से बालेसर(एनएच-114) वाया ओसिया-तिवरी सड़क को भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा। यह सड़क कुल 126 किलोमीटर लम्बी है। वर्तमान में पूरी लम्बाई में डामर सड़क है। इस सड़क की 51 किलोमीटर लम्बाई में सड़क 5.50 मीटर, एक किलोमीटर लम्बाई मेें 10 मीटर तथा 74 किलोमीटर लम्बाई में 3.75 मीटर चौड़ी है। खान ने बताया कि जोधपुर जिले के ओसियां, तिंवरी व बालेसर प्रमुख कस्बों में गिने जाते है। ओसियां कृषि एवं पर्यटन क्षेत्र, तिंवरी कृषि क्षेत्र तथा बालेसर खनिज (सैंडस्टोन) क्षेत्र के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कस्बे हैं। प्रस्तावित सोयला - ओसियां - तिंवरी - बालेसर सड़क नेशनल हाई-वे संख्या 65 (हिसार - नागौर -जोधपुर - पाली) एवं नेशनल हाई-वे संख्या 114(जोधपुर - बालेसर - देचू - पोकरण) को जोड़ती है।यह सड़क वर्तमान में 56 कि.मी. स्टेट हाई-वे एवं 70 कि.मी. ओ.डी.आर. श्रेणी की है। इस सड़क को नेशनल हाई-वे घोषित कर विकसित करने से नागौर, जोधपुर एवं बाड़मेर जिले लाभान्वित होंगे तथा इस क्षेत्र के कृषि, पर्यटन एवं खनिज उद्योग के विकास से चहुंमुखी उन्नति होगी।
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