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June 17, 2017
जयपुर - केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में विज्ञान का भी समावेश है। विद्यार्थी भारत के भविष्य हैं, भारतीय जीवन मूल्यों को आत्मसात कर सकारात्मकता के साथ आगे बढें। जल संसाधन मंत्री शुक्रवार को कोटा के यूआईटी ऑडिटोरियम में ‘‘विद्यार्थी जीवन में भारतीय मूल्यों का योगदान’’ विषय पर आयोजित सेमीनार में विभिन्न कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति पुरातन है। हिन्दू संस्कृति एक जीवन शैली है जिसमें विज्ञान का भी समावेश है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजनों का सम्मान एवं युवाओं को आगे बढने की प्रेरणा भारतीय संस्कृति की देन है। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण से प्रेम के अनेक उदाहरण सामने हैं। जीव-जंतु, वनस्पति का सरंक्षण ही नही बल्कि पूजा की परम्परा रही है। विद्यार्थी भारतीय मूल्यों को आत्मसात कर आगे बढें तो निश्चित रूप से वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को हम विश्व के सामने साबित कर सकेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि अच्छी शिक्षा ग्रहण कर देश-विदेश में नाम रोशन कर हमारी संस्कृति की पहचान की चमक को आगे बढायें। विश्वभर में भारत का मान बढा है। भारतीय मूल्यों का ही प्रभाव है कि हमने पडौसी देशों को गरीबी, भेदभाव एवं पिछडेपन के लिए मिलकर लडाई लडने का आह्वान किया है। सरकार ने युवाओं को कौशल विकास, जनधन योजना एवं मुद्रा योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने के लिए जो कार्य किये हैं उससे हमारा युवा अन्य साथियों को रोजगार दे रहा है। उन्होंने कहा कि देश में वाणिज्यिक व सांस्कृतिक परिवर्तन आये हैं जिससे महिलाओं को स्वावलम्बी बनने का अवसर मिला है। उन्होंने कोचिंग विद्यार्थियों को दहेज एवं सामाजिक बुराईयों से दूर रहकर भारतीय जीवन पद्धति के साथ आगे बढने, नदी एवं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का भी आह्वान किया। सेमीनार में विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विषयों पर सवाल कर अपनी जिज्ञासा जानी। उन्होंने विद्यार्थियों को उर्जावान रहने के लिए बढों का सम्मान कर सकारात्मक सोच के साथ सात्विक भोजन करने का सुझाव दिया। राष्ट्रवाद का शिक्षा में स्थान के सवाल पर उन्होंने बताया कि माता-पिता व गुरूजनों से प्राप्त संस्कार से राष्ट्रवाद आता है। राष्ट्रीय भाषा को आगे बढाने के लिए हमें थोपना नहीं बल्कि स्वीकार करना चाहिये। भारत की पडौसी देशों के साथ अपनाई जाने वाली नीतियों के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत सभी धर्मों के लोगों का देश है। जीवन मूल्य में एक जैसा है। भारत देश की हमेशा नीति रही है कि पडौसी देशों के साथ अच्छे संबंध रहें, ताकि विकास में एक-दूसरे का सहयोग कर सकें। सांसद ओम बिरला ने कहा कि विद्यार्थी जीवन कोरा कागज की तरह होता है। भारतीय मूल्यों के साथ शैक्षणिक माहौल मिलने से युवा देश के विकास में अच्छी तरह से भागीदारी निभा सकेंगे। उन्होंने कोटा को शैक्षणिक नगरी बताते हुए कहा कि यहां देश भर के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की ही देन है कि देश के हर कौने का बच्चा यहां अपनापन महसूस करता है। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा मॉं सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। एलेन संस्थान के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी, रेजोनेंस के आर.के.वर्मा ने मोटिवेशन करते हुए देशभक्ति पूर्ण गीतों की प्रस्तुति दी जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने भी साथ में सुर में सुर मिलाकर विद्यार्थियों को तनावमुक्त होकर शिक्षा ग्रहण करने का संदेश दिया। इस अवसर पर केरियर पाइंट, बंसल क्लासेज, मोशन के निदेशक ने भी स्वागत किया। कार्यक्रम में विधायक हीरा लाल नागर, संदीप शर्मा, नगर विकास न्यास अध्यक्ष आर.के.मेहता, पूर्व मंत्री मदन दिलावर सहित विभिन्न कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ऑल इंडिया एम्स परीक्षा में प्रथम रेंक प्राप्त करने वाली निशिता पुरोहित का केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री माल्यार्पण एवं दुपट्टा प्रदान कर स्वागत किया। निशिता ने कोटा रहकर कोचिंग ली थी।
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