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June 17, 2017
जयपुर। प्रसवपूर्व लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के तहत् शुक्रवार को प्रातः स्वास्थ्य भवन में राज्य सलाहकार समिति की सदस्या मीना आसोपा की अध्यक्षता में राज्य सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में प्रदेश में पीसीपीएनडीटी की पालना कार्यवाही, डिकॉय ऑपरेशन एवं आमजन के सहयोग बढ़ाने संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी।आसोपा ने प्रदेश में भू्रण लिंग परीक्षण की रोकथाम एवं पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हो रहे डिकॉय ऑपरेशन अन्य राज्यों के लिए आदर्श के रूप में स्थापित हुए हैं। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान को सफल बनाने में सामूहिक सहयोग पर विशेष बल दिया। परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी रघुवीर सिंह ने बताया कि पिछले 2 माह में राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ द्वारा 2 इंटरस्टेट सहित 7 डिकॉय ऑपरेशन किये गये हैं। उन्होंने बताया कि जिलावार कार्ययोजना बनाकर सोनोग्राफी केन्द्रों पर बोगस ग्राहक के माध्यम तथा जन सहभागिता बढ़ाकर भू्रण लिंग जांच में लिप्त केन्द्रों की पहचान करने के प्रयास निरतंर जारी रहेंगे। पीसीपीएनडीटी एक्ट के निर्धारित प्रावधानों के अनुसार भू्रण लिंग जांच करने, करवाने में लिप्त व्यक्तियों के अलावा गर्भवती महिला की सहमति या इच्छा सिद्ध होने पर उसके विरूद्ध भी कार्यवाही की जा सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता भावना जगवानी ने भू्रण लिंग परीक्षण करने वालों पर कड़ी निगरानी बनाये रखने एवं आमजन का मुखबिर के रूप में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. लता राजोरिया, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अमला बत्रा, रूपा मेहता, एसआरकेपीएस के राजन चौधरी, प्लान इंडिया की मीनाक्षी शर्मा, गल्र्स काउंट के रिजवान परवेज ने भी अपने विचार प्रकट किये।
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