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June 16, 2017
जमीन के बदले जमीन मामले में भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे तत्कालीन यूआईटी अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत और उसके करीबी दलाल मनोज गिदवानी की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है।
न्यास के बहुचर्चित भ्रष्टाचार के मामले में भू-कारोबारी मनोज गिदवानी के अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र पर अब आगामी 4 जुलाई को सुनवाई होगी। 16 जून को जयपुर हाईकोर्ट में न्यायाधीश रामचन्द्र झाला की अदालत में गिदवानी के अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। गिदवानी के वकील दीपक चौहान का तर्क रहा कि पुलिस को अब कुछ भी बरामद नहीं करना है और न ही पुलिस जांच में कोई दोष साबित हुआ है। इसलिए अग्रिम जमानत दी जाए। वहीं शिकायतकर्ता अजमत खान के वकील इन्द्रेश शर्मा का कहना था कि एसीबी की चार्ज शीट में गिदवानी को भी आरोपी माना गया है और अजमेर की अदालत ने गिदवानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा है। एसीबी ने धारा 41ए में नोटिस भी दिया था, लेकिन अदालत में चार्ज शीट पेश करते वक्त गिदवानी उपस्थित नहीं हुआ। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश झाला ने आगामी 4 जुलाई को मामले को पुन: लिस्टेड करने का निर्णय दिया। इसके साथ ही कहा कि फिलहाल पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी।
4 जुलाई तक टली गिरफ्तारी :
इसके साथ ही कहा कि आगामी 4 जुलाई तक पुलिस गिदवानी को गिरफ्तार नहीं करे। उल्लेखनीय है कि इस मामले में न्यास के पूर्व अध्यक्ष नरेश शाहनी भी आरोपी हैं। इन दोनों आरोपियों की अजमेर की एसीबी अदालत से जमानत का प्रार्थना पत्र पूर्व में ही खारिज हो चुका है।
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