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राष्ट्रीय न्यूज़: सुषमा पर सहमति लगा सकती है विपक्ष में सेंध? BJP नेताओं की आज सोनिया गांधी से मुलाकात

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June 16, 2017

रिपोर्टर- राष्ट्रपति चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज होती जा रही है. सत्तारूढ़ राजग सरकार के पास इस चुनाव में अपने उम्‍मीदवार को जिताने के लिए स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं है. हालांकि यह जरूर है कि संख्‍याबल के लिहाज से उसका पलड़ा भारी है. इधर दूसरी तरफ विपक्षी दल सरकार से मांग कर रहे हैं  कि ऐसे व्‍यक्ति को प्रत्‍याशी बनाया जाना चाहिए जिसके नाम पर आम सहमति बन सके. भारतीय जनता पार्टी ने इसके तहत तीन सदस्‍यीय समिति बनाई है. इस समिति के नेता शुक्रवार को राष्‍ट्रपति चुनाव के सिलसिले में कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं. दरअसल विपक्ष की तरफ से इस काम की सारी जिम्मेदारी कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के कंधों पर डाली जा चुकी है. अब सवाल उठता है कि सत्ताधारी दल के पास ऐसा कौन नेता है जिसके नाम पर विपक्ष को तोड़कर समर्थन जुटाया जा सकता है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ही एक ऐसी शख्सियत हैं जिन पर सत्ता के साथ-साथ विपक्ष के कुछ दल अपनी सहमति राष्ट्रपति पद के लिए दे सकते हैं.  हालांकि अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए किसी के भी नाम पर अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. फिर भी सबसे ज्यादा चर्चा सुषमा स्वराज के नाम को लेकर हो रही है. जानकार बताते हैं कि राष्ट्रपति भवन की दौड़ में सुषमा स्वराज सबसे आगे ह अपने काम और व्यवहार को लेकर सभी दलों में सुषमा स्वराज के लिए विशेष सम्मान है. किसी के साथ उनका कोई मतभेद भी नहीं है. इसके अलावा जब मदद की बारी आती है तो वे सबसे आगे नज़र आती हैं. सोशल मीडिया पर वह मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. सूत्र बताते हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अगर बीजेपी सुषमा स्वराज या किसी भी महिला उम्मीदवार को उतारती है तो वह विरोध करने की स्थिति में नहीं होगी.

सुषमा स्वराज के साथ जिन और नामों की चर्चा चल रही है उनमें सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलौत, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम प्रमुख हैं. हालांकि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही करना है. इस पर लालू प्रसाद यादव टिप्पणी भी कर चुके हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम प्रधानमंत्री के पेट में है, बाकी सब आंख में धूल झोंकने जैसा है. 

बीजेपी द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम बीजेपी कोर ग्रुप और प्रधानमंत्री की बैठक के बाद ही तय किया जाएगा. हालांकि सत्तारूढ़ एनडीए ने नए राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी के नाम का ऐलान 23 जून को करने की बात कही है. विपक्ष ने शुरू में आरोप लगाया था कि सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति के लिए कदम नहीं उठा रही है.
अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पहल पर तीन वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों की एक कमेटी गठित की गई है. राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और वेंकैया नायडू की इस कोर कमेटी पर अलग-अलग दलों की सहमति जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है.
वेंकैया नायडू को दक्षिण भारत के दलों, वित्त मंत्री पर समाजवादी पार्टियों और राजनाथ सिंह पर शिवसेना, टीएमसी, उत्तरपूर्व के दलों से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है. और यह टीम सभी राजनीतिक दलों का समर्थन जुटाने में तेजी से काम कर भी रही है. खुद वेंकैया नायडू छह पार्टियों से बात कर चुके हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और सीपीएम के सीताराम येचुरी के साथ विचार-विमर्श का समय तय कर चुके हैं.
 
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए औपचारिक चर्चा शुक्रवार को सोनिया गांधी और सीताराम येचुरी के साथ मुलाकात से शुरू हो जाएगी. टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडु पहले ही कह चुके हैं कि वे प्रधानमंत्री के निर्णय के साथ हैं. हालांकि विपक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह गैर संघी पृष्टभूमि और संविधान का सम्मान करने वाले उम्मीदवार का समर्थन करेगा. विपक्षी दलों का कहना है कि उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जिसके आदेश का सम्मान हो, आखिरकार राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का प्रमुख भी तो होता है.

सरकार आम सहमति के लिए तेजी से काम भी कर रही है क्योंकि, 25 जून को प्रधानमंत्री अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं और वे चाहते हैं कि यात्रा पर जाने से पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदार के नामांकन वे उपस्थित रहें. यह पहली बार है कि भाजपा राष्ट्रपति पद के चुनाव जीतने के लिए एक आरामदायक स्थिति में है. 2002 में अपने उम्मीदवार एपीजे अब्दुल कलाम एक सर्वसम्मति के उम्मीदवार थे, हालांकि उस वक्त पार्टी के पास जीतने के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं था. इसी तरह पार्टी उस समय को एक बार फिर दोहराना चाहती है. 

उधर, विपक्ष अभी तक किसी भी उम्मीदवार पर अपनी सहमति नहीं बना सका है. बुधवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक बेनतीजा रही. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसी भी नाम पर चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने एक तीन सदस्यीय ग्रुप बनाया है. चूंकि बीजेपी ने उनसे संपर्क किया है, इसलिए अभी कोई उम्मीदवार चुनना मुमकिन नहीं है.


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