Post Views 801
June 16, 2017
रिपोर्ट- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून में भले ही सीधे तौर पर ब्याज दरों में कोई कटौती न की हो लेकिन चुनिंदा आवास ऋणों के परिमाण पर जोखिम भार और मानक परिसंपत्ति की तरजीह को कम किया गया है. आरबीआई के इस फैसले को मूडीज ने भारतीय बैंकों की साख को नकारात्मक करने वाला कहा है. दरअसल, आरबीआई के नोटिफिकेशन में दो मुख्य श्रेणियों में नए होम लोन के जोखिमभार को प्रभावित किया गया है.
इससे 75 लाख रुपये से अधिक के आवास ऋण पर जोखिम भार 75 फीसदी से घटकर 50 फीसदी रह गया है, जबकि 30 लाख से 75 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर जोखिम भार 50 फीसदी से घटकर 35 फीसदी हो गया है. न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इंवेस्टर सर्विस ने अपनी क्रेडिट आउटलुक रिपोर्ट में कहा, आरबीआई का यह कदम भारतीय बैंकों के क्रेडिट के लिए नकारात्मक है, क्योंकि कम पूंजी की अपेक्षाएं आवास क्षेत्र की तरफ से बैंकों की सुरक्षा को कमजोर कर देंगी, जिसमें हाल के सालों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और यह अधिक से अधिक
ऋण लेने को प्रोत्साहित करेगा.
मूडीज ने कहा, आवास ऋण में बढ़ोतरी का मुख्य कारण यह है कि गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियां इस क्षेत्र में आक्रामक रूप से सक्रिय हैं लेकिन इससे प्रॉपटी की कीमतों में सुधार के मौके पर इस क्षेत्र में बड़ी गिरावट का खतरा बढ़ गया है. मूडीज के मुताबिक, अगले 12-18 महीनों में प्रणाली में कुल ऋण की वृद्धि दर कमजोर रहेगी, जिसका कारण बैंकों की कमजोर बैलेंस शीट है, साथ ही उनकी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में भी निरंतर गिरावट हो रही है.
मूडीज ने कहा कि आवास ऋण खंड में परिसंपत्तियों की गुणवत्ता प्रदर्शन काफी स्थिर रहा है. हालांकि बैंकों की पुष्टि की है साल 2016 के नवंबर में की गई नोटबंदी के कारण लक्जरी प्रॉपर्टी खंड में कमजोरी के कुछ लक्षण उभरे हैं. (IANS न्यूज एजेंसी)
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved