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June 10, 2017
रिपोर्ट -ब्रिटेन में समय से तीन साल पहले चुनाव कराने का प्रधानमंत्री टेरिजा मे का दांव उलटा पड़ गया है। आठ जून को हुए चुनाव में उनकी पार्टी ने बहुमत गंवा दिया। पहले ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कामंस में मे की कंजरवेटिव पार्टी के 330 सांसद थे, जो अब घट कर 318 हो गए हैं। 650 सदस्यों के सदन में बहुमत का आंकड़ा 326 का है। नतीजों के बाद मे ने डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया है। उन्होंने महारानी से मिल कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर होने के मसले पर 19 जून से वार्ता शुरू होने वाली है। इस वार्ता से पहले ज्यादा बहुमत हासिल करने के लिए मे ने मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया था। लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया और उसके बाद मे के इस्तीफे की मांग तेज हो गई। हालांकि उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। जेरमी कोर्बिन के नेतृत्व में लेबर पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया और उसे 261 सीटें मिलीं। चुनाव से पहले हो रहे सर्वेक्षणों में कंजरवेटिव पार्टी को आसानी से बहुमत मिल जाने की उम्मीद जताई जा रही थी।
अप्रैल में टेरिजा मे ने तय समय से तीन साल पहले चुनाव कराने का फैसला किया था ताकि वे बड़े जनादेश के साथ ब्रेक्जिट चर्चाओं में हिस्सा ले सकें। चुनाव के नतीजे से आतंकवाद संबंधी बढ़ती घटनाओं के बीच देश में एक राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। टेरिजा मे की पार्टी की सांसद अन्ना सोब्री ने इन चुनाव नतीजों को भयानक और त्रासदी करार देते हुए प्रधानमंत्री टेरिजा के पद पर बने रहने पर सवाल खड़े किए।
लेबर पार्टी के 68 साल के नेता कोर्बिन ने टेरिजा से पद छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि वे देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं क्योंकि टेरिजा मध्यावधि चुनाव कराने की अपनी बाजी हार चुकी हैं। लेकिन टेरिजा ने इस्तीफा देने की संभावनाएं खारिज कर दीं। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार टेरिजा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से मिलने बकिंघम पैलेस गईं, जहां उन्होंने हाउस ऑफ कामंस में डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी, डीयूपी के दस सांसदों के समर्थन के साथ अपने पार्टी की नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इस चुनाव को ब्रेग्जिट चुनाव के तौर पर देखा जा रहा था और इस नतीजे को उन 48 फीसदी लोगों के लिए उम्मीद की किरण समझा जा रहा है, जिन्होंने जून 2016 में हुए जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ में बने रहने के लिए वोट दिया था। विशाल बहुमत की उम्मीद धराशायी होने की बात मानते हुए टेरिजा ने कहा-मेरा संकल्प वहीं है जो पहले था। नतीजे जो भी आए, कंजरवेटिव पार्टी अब भी स्थिरता की पार्टी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि देश को स्थिरता की आवश्यकता है और उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि इसे बरकरार रखा जाए।
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