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June 9, 2017
भोपाल रिपोर्ट । नौकरी डॉट कॉम के बाद अब शाईन डॉट कॉम के नाम पर भोपाल के कोलार निवासी एक बेरोजगार से 8 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सायबर सेल भोपाल ने यूपी से एक जालसाज धोखाधड़ी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, जबकि 3 आरोपी बच निकले। नामी कंपनी में 21 लाख रुपए के पैकेज के साथ नौकरी लगाने के नाम पर 8 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। आरोपियों ने आवेदकों का डाटा भी शाईन डॉट कॉम से ही खरीदा था।गिरोह मध्यप्रदेश के अलावा देशभर में बेरोजगारों को ऑफर लेटर देखकर धोखाधड़ी कर रहे थे।शालीमार गार्डन कोलार रोड निवासी घनश्याम महेश्वरी पिता वीडी माहेश्वरी ने सायबर सेल में लिखित शिकायत की थी। घनश्याम ने बताया कि उसने शाईन डॉट कॉम के नाम से फोन आया। आरोपी ने बताया कि बायोडाटा के अनुसार उनकी एक कंपनी में नौकरी लग गई है। इसका पैकेज करीब साढ़े 21 लाख रुपए है। आरोपियों की बातों में आकर घनश्याम ने कई खातों में 8 लाख रुपए जमा कर दिए। आरोपियों ने उसे एक ऑफर लेटर दिया था।इसके अलावा ज्वानिंग के दिन उनकी तरफ से मदद के लिए एक कर्मचारी उपस्थित होने का वायदा किया गया था, लेकिन ऑफर लेटर के अलावा कुछ नहीं मिला। पुलिस ने जांच के बाद चरनी विहार ग्राम छपरौला उत्तरप्रदेश निवासी विनय सिंह उर्फ बिट्टू पिता विजय सिंह को गिरफ्तार किया। वह यह पूरा खेल झारखंड निवासी अविनाश कुमार सिंह, उत्राखंड निवासी अंकित सोनेवाल और किशनपाल उफै फौजी उर्फ प्रशांत गुप्ता के साथ मिलकर खेल रहा था।
ऐसे करते थे धोखाधड़ी
पूछताछ में आरोपी विनय ने बताया कि वह एक प्लेसमेंट कंपनी में अविनाश कुमार और अंकित के लिए काम करता था। वह शाईन डॉट कॉम के नाम पर नौकरी के लिए लोगों को फोन करते थे। बैरोजगारों को नौकरी का लालच देकर अलग-अलग खातों में रुपए जमा करवा लेते थे। रुपए आसानी से मिलने के बाद वह नंबर बंद कर देते थे। वह कंपनी के लिए फर्जी बैंक खाते किशनपाल उर्फ फौजी उर्फ प्रशांत गुप्ता के सहयोग से बैंकों में खुलवा लेते थे।
शाईन डॉट कॉम से ही खरीदा डाटा
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने धोखाधड़ी कर रुपए दिल्ली और उत्तरप्रदेश स्थित बैंक खातों में जमा करवाए हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि आरोपी शाईन डॉट कॉम से ही आवेदकों का डाटा खरीदते थे। उसी डाटा से मिले नामों के आधार पर बेरोजगारों को बड़ी कंपनी में बड़े पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। रुपए खातों में जमा करवाने के बाद उन्हें फर्जी ऑफर लेटर जारी कर दिए जाते थे। गाजियाबाद में दो फर्जी खाते बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई में मिले हैं।
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