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June 9, 2017
उज्जैन रिपोर्ट । गंगा दशमी पर रविवार को महाकाल के आंगन में घुंघरू की झनकार से नटराज की नृत्य आराधना की गई। रसराज प्रभात संस्थान के 60 से अधिक कलाकारों ने वर्षा ऋतु में उत्तम बारिश की कामना से लगातार 19 घंटे प्रस्तुति दी।तड़के 4 बजे भस्मारती से शुरू हुआ नृत्याराधना का सिलसिला शयन आरती तक चला। मंदिर के मार्बल चबूतरे पर बालिकाओं के नृत्य ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। शाम को संध्या आरती के बाद नृत्याचार्य राजकुमुद ठोलिया के सानिध्य में कलाकारों ने विशेष प्रस्तुति दी।संस्था निदेशक साधना मालवीय ने मृणालिनी चौहान के निर्देशन में कलाकारों ने गणेश वंदना, शिव स्तुति, शिव तांडव व शिव पंचाक्षर की मोहक प्रस्तुति से समां बांध दिया। समापन पर कलाकारों को पुरस्कृत किया गया।
शिप्रा-गंगा मंदिर में सजा फूल बंगला
रामघाट स्थित शिप्रा-गंगा माता मंदिर में गंगा दशमी पर फूल बंगला सजाया गया। सुबह तीर्थ पुरोहितों ने शिप्रा-गंगा माता का पंचामृत अभिषेक पूजन कर आकर्षक शृंगार किया। शाम को महाआरती की गई।
सांदीपनि आश्रम में राम शिला के दर्शन
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में भक्तों को अब राम सेतु की शिला के दर्शन होंगे। गंगा दशहरा पर मंदिर के भीतर कुंड में कर्नाटक के भक्त द्वारा भेंट की गई राम शिला को प्रवाहित किया गया।पं.रूपम व्यास ने बताया लंका पर चढ़ाई करने के लिए प्रभु श्रीराम ने नल-नील आदि वानरों की सहायता से सेतु का निर्माण किया था। यह शिलाएं उसी सेतु का अंश हैं, जो पानी में तैर रही हैं। पर्व विशेष पर मंदिर में फूल बंगला सजाया गया। भगवान श्रीकृष्ण, बलराम तथा सुदामाजी की महाआरती की गई।
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