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June 9, 2017
अहमदाबाद रिपोर्ट- वर्ष 2002 के नरौदा पाटिया मामले में अपीलों की सुनवाई कर रही गुजरात उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने गुरुवार को अपराध स्थल का दौरा किया ताकि घटना की बेहतर तस्वीर समझ सकें. उस घटना में 97 लोग मारे गए थे जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम थे. न्यायमूर्ति हर्ष देवनानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया अहमदाबाद के नरौदा पाटिया क्षेत्र में पहुंचे जो वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित इलाका था.
न्यायाधीशों ने घटनास्थल पर दो घंटे बिताए. न्यायमूर्ति हर्ष देवनानी और न्यायमूर्ति एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने कल अपने आदेश में कहा कि ‘‘वकीलों द्वारा किया गया अनुरोध तर्कपूर्ण है’’ और वे लोग नरौदा पाटिया में घटनास्थल का दौरा करेंगे.
अदालत ने कहा, ‘‘शुरुआत से जब से मामले की सुनवाई हो रही है, दोनों पक्षों के वकील अदालत से घटनास्थल का दौरा करने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि घटना कैसे हुई थी इसकी बेहतर समझ हो सके और बड़े क्षेत्र में फैले इलाके का ज्ञान हो सके.’’ विशेष अदालत ने 30 अगस्त, 2012 को कोडनानी और 29 अन्य लोगों को उम्र कैद जबकि आरोपी बाबू बजरंगी को हत्याओं और आपराधिक षड्यंत्र के दोष में ‘‘जीवनपर्यंत कैद’’ की सजा सुनाई थी.
कोडनानी को 28 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि फिलहाल वह जमानत पर हैं.
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