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June 8, 2017
मध्य प्रदेश के मंदसौर, देवास सहित 6 जिलों में चल रहा किसान आंदोलन काफी उग्र हो गया है। किसानों ने लोन माफी और फसल के उचित दाम मांगने को लेकर के गाड़ियों, पुलिस स्टेशनों को आग के हवाले कर दिया है और कलेक्टर से लेकर के जिले के अन्य अधिकारियों पर हमला किया है।
एमपी के इस आंदोलन में मुख्यतः तीन लोगों का नाम सामने आ रहा है, जिन्होंने इसकी पूरी रुपरेखा तैयार की और शिवराज सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है।
अनिल यादव
भारतीय किसान यूनियन के नेता अनिल यादव को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना बड़ा महंगा साबित हो गया। पुलिस की इस कार्रवाई से किसान उग्र हो गए और आंदोलन ने हिंसक रुप अख्तियार कर लिया। इंदौर के रहने वाले अनिल यादव को जून 4 को पुलिस ने हिरासत में लिया गया और 5 जून को भोपाल जेल में भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि अनिल को हिंसा न भड़के इसलिए हिरासत में लिया गया है, लेकिन पुलिस का यह दांव काफी उल्टा पड़ गया है।
शिव कुमार शर्मा
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष और कक्का जी के नाम से मश्हूर शिव कुमार शर्मा प्रदेश में किसानों के मसीहा बन कर उभरे हैं। पुलिस का कहना है किसानों को सरकार के प्रति भड़काने में मुख्य काम इन्होने किया है। इससे पहले 2010 में शर्मा भारतीय किसान संघ से जुड़े हुए थे। तब इन्होंने किसानों के साथ राजधानी भोपाल को ट्रैक्टर के साथ दो दिन तक बंधक बना लिया था। हालांकि इसके बाद शिव कुमार को भारतीय किसान संघ से निकाल दिया गया था। वहां से निकालने के बाद कुमार ने अपना नया संगठन खड़ा किया था।
शिवकांत दीक्षित
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संगठन के नेता शिवकांत दीक्षित की सरकार और किसानों में काफी अच्छी पैठ थी। हालांकि इस वक्त उनकी छवि अच्छी नहीं है, क्योंकि उन पर दो अन्य गुटों ने आरोप लगाया है कि वो सरकार के साथ मिले हुए हैं। 4 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने के बाद शिवकांत ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की थी। दीक्षित संघ के प्रचारक हैं और पूर्व में छत्तीसगढ़ में काम कर चुके हैं। फिलहाल वो एमपी और छत्तीसगढ़ में बीकेएस के संगठन मंत्री हैं।
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