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June 8, 2017
रिपोर्ट-महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन के बीच, बीते कुछ दिन में राज्य में कम से कम चार किसानों की आत्महत्या की खबर सामने आई है। पुलिस ने कहा कि रमेश रामदास दलवी (26) ने बुधवार को जलना जिले के भोकारदार तहसील में अपने खेत में फांसी लगा ली। पुलिस के अनुसार, दलवी ने एक सप्ताह पहले भी खुदकुशी का प्रयास किया था लेकिन कुछ पड़ोसियों ने उसे उस समय रोक दिया था।इसके अलावा, नांदेड़ जिले में 40 साल के परमेश्वर वानखेडे ने फांसी लगा ली। बुलढाणा के मेहकर तहसील में किसान संजय घानवाट (46) ने कषि में नुकसान होने पर खुदकुशी कर ली। नासिक जिले के येवला तहसील में पांच जून की रात को नवनाथ चांगदेव भालेराव ने जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या कर ली। किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना ने कर्ज में डूबे किसानों को निराशा में डुबाने के लिए केन्द्र पर निशाना साधा। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केवल असली किसान नेताओं से बात करने की सरकार की पेशकश का मजाक उड़ाया।
कैबिनेट बैठक में नहीं आए शिवसेना के मंत्री
महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन जारी रहने के बीच, शिवसेना के मंत्रियों ने आज कैबिनेट की बैठक में भाग नहीं लिया। इस बीच, किसानों का एक राज्यस्तरीय सम्मेलन आज 150 किलोमीटर दूर नासिक में किसान क्रांति मोर्चा द्वारा बुलाया गया है जिसमें आंदोलन की भविष्य की योजना पर चर्चा होगी। इस आंदोलन का आज सातवां दिन है। प्रदर्शनकारियों के बीच दरार के बीच यह बैठक बुलाई गई हैं। इसी दरार के कारण कृषि उत्पाद बाजार में पहुंचने लगे हैं जिससे वस्तुओं के बढ़ते दाम धीरे-धीरे स्थिर हो गये हैं।
महाराष्ट्र किसानों की हालत ज्यादा खराब
महाराष्ट्र में जहां 2014 में 4,004 किसानों ने आत्महत्या की, वहीं वर्ष 2015 में 4,291 किसानों ने। इनमें से 1293 मामले तो ऋणग्रस्तता के हैं। किसी भी अन्य राज्य की तुलना में महाराष्ट्र में किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की है। महाराष्ट्र के बाद तेलंगाना (1,358) दूसरे, कर्नाटक (1,197) तीसरे और छत्तीसगढ़ 854 मौतों के साथ चौथे पायदान पर है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 94.1 फीसदी आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए।
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