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June 2, 2017
रिपोर्ट- मोर के बारे में बयान देकर खबरों में आने वाले राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा कि उनके सिद्धांत को वैज्ञानिक सबूत नहीं चाहिए क्योंकि ये धार्मिक ग्रंथों में लिखा हुआ है।शर्मा ने कहा कि सभी हिन्दू धार्मिक किताबों में मोर को अविवाहित बताया गया है। जयपुर में अपने आवास पर दिए साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि भगवत पुराण में मोर के सेक्स न करने का संदर्भ दिया गया है। पूर्व जस्टिस महेश शर्मा ने मोर के बारे में बयान दिया था कि मोर कभी सेक्स नहीं करते हैं, बल्कि उसके आंसुओं को चुगकर मोरनी गर्भवती होती है।इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट में दायर की गई एक पीआईएल पर जस्टिस महेश चंद शर्मा की बेंच ने केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया था।
इसके अलावा कोर्ट ने गौहत्या करने वालों को आजीवन कारावास दिए जाने का भी सुझाव दिया था।अदालत ने अफसरों को आदेश देते हुए कहा है कि वो तीन महीने में गायों की हुई मौतों पर रिपोर्ट पेश करें। हर महीने हालात चेक करने को भी कहा। वहीं, राज्य वन विभाग से गौशला के आसपास हर साल पांच हजार पेड़ लगाने का भी निर्देश दिया गया है।
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