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June 2, 2017
नई दिल्ली - ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर और निर्माताओं को बेची जाने वाली सभी पैकेट बंद वस्तुओं पर निर्धारित सूचनाएं देना अनिवार्य होगा। इनमें अधिकतम खुदरा मूल्य एमआरपी, वजन और शिकायत करने व समाधान की पूरी प्रक्रिया शामिल होगी। केंद्र सरकार इस बाबत सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में जुटी है, ताकि जल्दी से जल्दी इसकी अधिसूचना जारी की जा सके। पिछले दिनों उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने इसके लिए मंत्रालय के आला अफसरों को सख्त निर्देश दिया था।ई-कॉमर्स का बढ़ता दायरा और उपभोक्ताओं की शिकायतों के अंबार से सरकार निपटने की तैयारी बहुत पहले से कर रही है। पासवान ने इस बारे में बहुत पहले ही आश्वस्त किया था। यह पहल उसी दिशा में की गई है। इसके लिए लीगल मेट्रोलॉजी पैकेज्ड कमोडिटी रुल्स-2011 में संशोधन करने का फैसला किया है। इसे अधिसूचना जारी करके लागू कर दिया जाएगा। संशोधित कानून के लागू हो जाने के बाद मेट्रोलॉजी माप-तौल के निदेशक, नियंत्रक और अधिकारी इसकी अवहेलना करने वाली कंपनियों और ई-कॉमर्स फर्मो के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी साइट पर संशोधित कानून के साथ बेचे जाने वाले सभी उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर ई-प्लेटफॉर्म से किसी ने कुछ खरीदा, लेकिन वह वस्तु बताई गई गुणवत्ता वाली नहीं निकली तो इसके लिए निर्माता ही नहीं, बल्कि ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।बनाने और बेचने वाली कंपनियां अपने उत्पादों पर रियायत की घोषणा करें अथवा जो उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर बताएं, अगर वह नहीं निकला तो दोनों दोषी होंगी। इसके लिए कई सख्त नियम बनाए जा रहे हैं, ताकि कोई बचकर निकल न पाए।उत्पादों पर उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान की पूरी जानकारी देना भी जरूरी होगा। इस मामले में ऑनलाइन वेंडर्स एसोसिएशन का कहना है कि उनके लोग ऐसे नियम-कानून पर पहले से ही अमल कर रहे हैं। हालांकि पिछले साल कई ई-कॉमर्स कंपनियों पर नियमों के अनदेखी करने को लेकर पैकेज्ड कमोडिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
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