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June 1, 2017
रिपोर्ट- ऐसा लग रहा है कि चुनावी साल में कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में संगठन के साथ कोई नया प्रयोग नहीं करने वाली है। बताया जा रहा है कि पार्टी जी परमेश्वरा को ही प्रदेश अध्यक्ष रखने के मूड में हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बारे में पार्टी नेताओं से बात की है। कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि पार्टी राज्य में दलित और ओबीसी का समीकरण बनाए रखना चाह रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पिछड़ी जाति से आते हैं और परमेश्वरा दलित हैं। इन दोनों से एक समीकरण बना है। अगर इसमें छेड़छाड़ होती है तो समीकरण टूटेगा। तभी कहा जा रहा है कि पहले पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रदेश में भेजना चाहते थे। वे प्रदेश के सबसे दिग्गज दलित नेता माने जाते हैं। लेकिन उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की सत्ता कमजोर होती। इसलिए उन्हें नहीं भेजा गया।
हालांकि दलित, ओबीसी और मुस्लिम समीकरण बनाने पर लिंगायत और वोक्कालिगा दोनों बड़े समुदाय छूट जाते हैं। कांग्रेस के सबसे बड़े वोक्कालिगा नेता एसएम कृष्णा हाल ही में पार्टी छोड़ कर भाजपा में चले गए हैं। लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि अगर एचडी देवगौड़ा की पार्टी से तालमेल होता है या सीटों के एडजस्टमेंट की बात होती है तो अपने आप वोक्कालिगा वोट मिल जाएगा। इसी वजह से वोक्कालिगा नेता डीके शिवकुमार की बजाय मुख्यमंत्री लिंगायत नेता एसआर पाटिल को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी के आला नेता मौजूदा समीकरण को डिस्टर्ब नहीं करना चाहते हैं।
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