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June 1, 2017
रिपोर्ट- केंद्रीय मंत्री उमा भारती को सरकार से इस्तीफा देने की संभावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही भाजपा ने साफ कर दिया था कि इस आदेश से वास्तविक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए यह सोचना बेकार है कि लखनऊ की विशेष अदालत में आपराधिक साजिश के आरोप तय होने के बाद उमा भारती सरकार से इस्तीफा देंगी। लेकिन कांग्रेस उनके इस्तीफे की मांग करती रहेगी।
कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरोप तय होने के बाद मंत्री का इस्तीफा नहीं लेते हैं तो कांग्रेस संसद के अगले सत्र में इसे मुद्दा बनाएगी। मॉनसून सत्र में कांग्रेस इस पर सरकार और खास तौर से मंत्री उमा भारती का विरोध करने की तैयारी कर रही है। हालांकि भाजपा इसे लेकर गंभीर नहीं है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि यह राजनीतिक और हिंदुत्व से जुड़ा मुद्दा है। इसलिए अगर कांग्रेस ज्यादा हंगामा करेगी तो उसका फायदा भाजपा को ही होगा।
लेकिन आरोप तय होने के बाद भी उमा भारती को मंत्री बनाए रखने को लेकर कांग्रेस के नेता दूसरे कारणों से चिंतित हैं। उनको लग रहा है कि सरकार आरोप तय होने को रूटीन का काम मान रही है। वह मान रही है कि आरोप तय होने से किसी को संवैधानिक पद पर बैठने से नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में वह लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भी बना सकती है। दूसरी चिंता यह है कि चुनाव आयोग चुनाव सुधारों की पहल कर रहा है, जिसमें यह प्रावधान लाने पर चर्चा हो रही है कि आरोप तय होने के बाद चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए। अगर सरकार और भाजपा का रुख यहीं रहा तो आयोग का यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाएगा। वैसे और भी कई पार्टियां इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं।
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