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December 29, 2025
अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए आशियाना पंछी पर्यावरण एवं जीव संरक्षण संस्था द्वारा जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर अरावली पर्वतमाला में अवैध खनन, भू माफिया एवं विनाशकारी नीतिगत परिवर्तनों से बचाने और कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई।
संस्था के संस्थापक एवं सचिव सुमनेश माथुर ने बताया कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 12,081 पहाड़ियों में से केवल 1,048 पहाड़ियाँ ही 100 मीटर से अधिक ऊंचाई की है, अर्थात लगभग 91.3% अरावली पर्वतमाला पर अवैध खनन एवं भू-माफिया का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यह स्थिति पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत भयावह है। यदि अरावली की 80-90% पहाड़ियाँ नष्ट कर दी गई, तो रेगिस्तान कैंसर की भाँति फैल जाएगा, घास एवं वनस्पति समाप्त हो जाएगी, गर्मियों में चलने वाली और अधिक घातक हो जाएगी, जल स्रोत सूख जाएंगे और मानव, पशु एवं पक्षियों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। इसके परिणामस्वरूप रणथंभौर एवं सरिस्का के टाइगर रिजर्व भी धीरे-धीरे निष्प्रभावी हो जाएंगे। साथ ही, पहाड़ियों के समतलीकरण से वाटर रिचार्ज सिस्टम पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। बड़े बिल्डरों द्वारा निर्माण से भू-जल स्तर गिरेगा, जिससे सूखा एवं बाढ़ दोनों की स्थिति उत्पन्न होगी। इससे कृषि उत्पादन घटेगा, किसान आर्थिक संकट में आएंगे और खाद्य सुरक्षा पर गभीर प्रभाव पड़ेगा। यह भी अत्यंत चिंताजनक है कि राजनीतिक दबाव में रात्रिकालीन अवैध खनन आज भी निरंतर जारी है। केवल राजस्थान में ही 128 में से 31 पहाड़ियों पूर्णतः समाप्त की जा चुकी है, जहाँ अब फ्लैट्स, फार्म हाउस एवं अन्य निर्माण किए जा रहे हैं। महोदय, अरावली पर्वतमाला विकास में बाधा नहीं, बल्कि सतत विकास की आधारशिला है। यदि आज कठोर निर्णय नहीं लिए गए, तो आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध हवा, जल और जीवन मिलना असंभव हो जाएगा। अतः हमारी संस्था आपसे विनम्र अनुरोध करती है कि- 1. अरावाली क्षेत्र में अवैध खनन पर पूर्ण एवं प्रभावी प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। 2. अरावली की परिभाषा में किए गए विनाशकारी संशोधनों पर पुनर्विचार किया जाए।
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