For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 113427155
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: संविधान दिवस समारोह आयोजित, भारत के जन के मन की भाषा है संविधान- श्री बागडे |  Ajmer Breaking News: जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर लोकबंधु की अध्यक्षता में आयोजित |  Ajmer Breaking News: जिला निर्वाचन अधिकारी लोक बन्धु के निर्देशानुसार सेंट एस्लम स्कूल स्टाफ एवं विद्यार्थियों को एसआईआर के अन्तर्गत अपने परिवार के मतदाताओं का परिगणना प्रपत्र आज ही ऑनलाईन करने के लिए कहा गया। |  Ajmer Breaking News: वंदे मातरम@150 वर्ष, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में किया गया श्रमदान, कार्यालयों की गई सफाई |  Ajmer Breaking News: अंतरराष्ट्रीय परिवहन दिवस के अवसर पर लाडो रानी लक्ष्मीबाई संस्थान के नेतृत्व में केंद्रीय रोड़वेज बस स्टैंड पर स्वच्छता अभियान सफलतापूर्वक आयोजित |  Ajmer Breaking News: आरपीएससी पहुंचे उम्मीदवारों ने बताया कि लिखित परीक्षाएं मई 2024 में हो चुकी और पहला परिणाम फरवरी 2025 में जारी कर दिया  गया। |  Ajmer Breaking News:  जिला इंतजामिया की बेरुख से दरगाह के आस पास की गली मोहल्ले गंदगी,टूटी फूटी सड़को और खुले बिजली के तारों से दुश्वारी का सबब बना हुआ है। |  Ajmer Breaking News: संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कार्डियक विभाग ने एक और बड़ी चिकित्सा सफलता हासिल की है। |  Ajmer Breaking News: अजमेर के अलवर गेट थाना अंतर्गत फ्रेजर रोड रेलवे क्वार्टर में बीती रात शातिर चोरों ने एक मकान को निशाना बनाते हुए चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला। |  Ajmer Breaking News: एलिवेटेड रोड पर फिर नजर आई रोड रेज की घटना, बाइक सवार परिवार को कार चालक ने ओवरटेक करने पर टोका,भी बहस होने पर कार से मारी टक्कर | 

अजमेर न्यूज़: संविधान दिवस समारोह आयोजित, भारत के जन के मन की भाषा है संविधान- श्री बागडे

Post Views 01

November 26, 2025

संविधान में सनातन संस्कृति के नायकों को दिया गया है चित्र रूप में सम्मान

संविधान दिवस समारोह आयोजित, भारत के जन के मन की भाषा है संविधान- श्री बागडे
संविधान में सनातन संस्कृति के नायकों को दिया गया है चित्र रूप में सम्मान
                             अजमेर, 26 नवम्बर। संविधान दिवस समारोह के कार्यक्रम में राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सनातन संस्कृति के नायकों को सम्मान देने के लिए संविधान में चित्र रूप में सम्मिलित किया गया।
                             राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय में आयोजित संविधान दिवस समारोह में भाग लिया। इससे पूर्व उन्होंने संविधान उद्यान का अवलोकन भी किया। समारोह में महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की गतिविधियों से सम्बन्धित न्यूज लेटर त्रिवेणी का विमोचन किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि संविधान भारत के जन के मन की भाषा है। इसलिए संविधान को लागू करते समय आत्मार्पित करने का उल्लेख किया गया है। इसका अर्थ है कि संविधान को मन और आत्मा से सुपुर्द किया गया है।
                             उन्होंने संविधान निर्माण की यात्रा के बारे में भी अपने विचार रखे। श्री बागडे ने कहा कि संविधान समिति के लिए बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का चुनाव नहीं किया गया था। ऐसे में बंगाल के कोटे से उन्हें संविधान समिति में भेजा गया। विभाजन के पश्चात उनका क्षेत्र पूर्वी पाकिस्तान में चले जाने से उनका निर्वाचन भी अमान्य हो गया। ऐसी परिस्थिति में सरदार पटेल के हस्तक्षेप से तत्कालीन मुम्बई प्रांत के मुख्यमंत्री के माध्यम से डॉ. अम्बेडकर को पुनः संविधान समिति में भेजा गया।
                             उन्होंने कहा कि संविधान सनातन संस्कृति के मूल्यों पर आधारित है। सनातन संस्कृति के नायकों तथा आक्रान्ताओं से संस्कृति की रक्षा करने वाले महापुरूषों को संविधान में स्थान दिया गया है। उनके चित्र संविधान की मूल प्रति में उकेरे गए है। इन पर हमें गर्व होना चाहिए। संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ किसी व्यक्ति विशेष का मान मर्दन करना नहीं होना चाहिए।
                             उन्होंने कहा कि भारत लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इसे विकसित राष्ट्र बनाने में राष्ट्र के सभी नागरिकों का योगदान है। युवा पीढ़ी के द्वारा किए गए अच्छे कार्य इसकी गति बढ़ाएंगे। शिक्षा में नई ऊर्जा आनी चाहिए। बौद्धिक क्षमता बढ़ने से शोध जैसे कार्य होंगे। इसका उपयोग राष्ट्र के विकास में होगा। शिक्षा और संस्कार साथ-साथ चलने चाहिए।
                             संविधान दिवस समारोह के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि संविधान सभा के सदस्य आर्दशवादिता, समर्पण तथा समावेशिता का जीवन जीते थे। अब तक आए सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तनों में भी स्थिर शासन देने में संविधान सक्षम है। यह संविधान दुनियां को मार्ग दिखा रहा है। संविधान को लागू और पालन करने वाले व्यक्तियों पर संविधान की सफलता तय होती है। 
                             उन्होंने कहा कि संविधानिक मूल्यों का हमारे चरित्र में प्रस्फुटन होना चाहिए। संविधान राजनैतिक विज्ञान का विषय मात्र नहीं होकर जीवन को प्रभावित करते वाला है। यह कानून की पुस्तक की जगह सनातन संस्कृति का घटक है। देश के सामने संविधान निरन्तर चली आ रही विभिन्न स्मृतियों में से आधुनिक स्मृति के रूप में प्रस्तुत किया गया।
                             उन्होंने कहा कि संविधान के मूल स्वरूप के 22 भागों में 28 चित्र है। यह हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग है। ये संविधान सभा की भावना को प्रकट करते हैं। राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध, शिवाजी, विक्रमादित्य, गुरूकुल, महाबलिपुरम्, गंगा अवतरण, महारानी लक्ष्मी बाई के चित्र जहां उकेरे गए हैं वे उस भाग से सम्बधित रहे हैं। नागरिकता की सुयोग्यता में गुरूकुल का चित्र दिया गया है। शिक्षा को नागरिक जीवन का आधार माना है। मौलिक अधिकारों में रामराज्य की संकल्पना के लिए राम, सीता और लक्ष्मण है। अन्तिम व्यक्ति के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का ज्ञान देने का चित्र राज्य के निति निर्देशक तत्वों के भाग में दिए गए है। केंद्र की सार्वभौमिकता के साथ राज्य की स्वायत्तता संविधान में दी गई है। विधि के शासन के लिए राम के आदर्श-कृष्ण के निष्काम कर्म की आवश्यकता है। भारत के नीति निर्देशक तत्वों को राज्य के कर्तव्य माने गए है।
                             उन्होंने कहा कि संविधान की उद्देशिका में हम भारत के नागरिक से जीवित पहचान दी है। नीति निर्देशक तत्व से शिक्षा का अधिकार और पंचायती राज जैसे मामले जमीन पर उतर गए है। गौ-रक्षा और समान नागरिक संहिता भी नीति निर्देशक तत्वों में  शामिल है। राष्ट्र की एकता और अखण्ड़ता को बंधुता सुनिश्चित करती है। संविधान सभा में चर्चा के दौरान डॉ. अम्बेडकर ने बन्धुता शब्द जुड़वाया। बन्धुता की वर्तमान में आवश्यकता है। बंधुता संविधान के मूल ढ़ाचे का अंग है। यह भावनात्मक शब्द है। बन्धु भाव का आधार हमारी प्रतिज्ञा समस्त भारतीय मेरे भाई-बहिन है। भारत हमें जोड़़ने वाला तत्व है। हमारे समान इतिहास, परम्परा, सहजीवन इस बन्धुता का आधार है। भारत इसी संविधान के मार्गदर्शन से विश्व गुरू बनेगा।
                             समारोह में कुलगुरू श्री सुरेश कुमार अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया। कुलसचिव श्री कैलाश चन्द्र शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। नगर निगम के उपमहापौर श्री नीरज जैन ने राज्यपाल श्री बागडे का अभिनन्दन किया।


© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved