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November 5, 2025
नई दिल्ली। वर्ष 2007 में अजमेर शरीफ दरगाह में हुए बम विस्फोट मामले में बरी किए गए स्वामी असीमानंद सहित 7 आरोपियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
यह आदेश दरगाह कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सैयद सरवर चिश्ती द्वारा दायर स्पेशल लीव पेटिशन (SLP) पर दिया गया है। याचिकाकर्ता ने आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि एनआईए कोर्ट का निर्णय और उसके बाद हाई कोर्ट द्वारा अपील खारिज करना न्याय में गंभीर त्रुटि है।
गौरतलब है कि एनआईए विशेष अदालत ने 8 मार्च 2017 को स्वामी असीमानंद सहित 7 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस फैसले को चुनौती देने वाली अपील राजस्थान हाई कोर्ट में दायर की गई थी, मगर हाई कोर्ट ने इसे 1135 दिन की देरी बताते हुए खारिज कर दिया था। इसी आदेश को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
18 साल पुरानी दर्दनाक घटना
11 अक्टूबर 2007 की शाम अजमेर दरगाह में हुए धमाके में 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब डेढ़ दर्जन लोग घायल हुए थे। यह घटना देश को हिला देने वाली आतंकी वारदातों में से एक मानी जाती है।याचिकाकर्ता का कहना है कि इतना गंभीर मामला सिर्फ देरी की वजह से खारिज नहीं किया जा सकता और दोषियों को कानून के दायरे में लाना आवश्यक है। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद राज्य सरकार को स्पष्टीकरण देना होगा और मामला फिर से कानूनी गति पकड़ सकता है।
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