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October 17, 2025
नई दिल्ली। भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर (RGI) ने जनगणना 2027 की तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इसके पहले चरण का ‘प्री-टेस्ट’ (Pre-Test) शुरू करने की घोषणा की है। यह प्री-टेस्ट 10 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा।\
क्या है जनगणना प्री-टेस्ट?
यह प्री-टेस्ट हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस (House Listing & Housing Census) पर केंद्रित होगा। इसका उद्देश्य जनगणना के दौरान डेटा संग्रह की प्रक्रिया, लॉजिस्टिक्स, डिजिटल टूल्स, प्रशिक्षण और फील्ड ऑपरेशन की चुनौतियों का आकलन करना है। सरकार इस दौरान मोबाइल ऐप के जरिए डेटा कलेक्शन और सेल्फ-एन्यूमरेशन (Self Enumeration) प्रणाली का भी परीक्षण करेगी — यानी नागरिक अपने परिवार की जानकारी खुद ऑनलाइन भर सकेंगे।
कब होगी असली जनगणना
गृह मंत्रालय ने 16 जून 2025 को जनगणना से संबंधित आधिकारिक अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार, जनगणना दो चरणों में होगी —
पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें चार पहाड़ी राज्य — हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल होंगे।
दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से देश के बाकी राज्यों में आयोजित किया जाएगा।यह पहली बार होगा जब जातीय जनगणना (Caste Census) को भी जनगणना के साथ जोड़ा जाएगा।
पहली बार होगी जातीय जनगणना
केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा था कि आजादी के बाद यह पहली जातीय जनगणना होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया था कि जातीय जनगणना को मुख्य जनगणना के साथ जोड़ा जाएगा ताकि सामाजिक-आर्थिक डेटा का सटीक आकलन किया जा सके। विपक्षी दल खासकर कांग्रेस, आरजेडी, सपा और जेडीयू लंबे समय से OBC वर्ग की सटीक गणना की मांग करते रहे हैं।
कानूनी संशोधन और आंकड़ों का महत्व
वर्तमान जनगणना अधिनियम 1948 (Census Act) में केवल अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की गणना का ही प्रावधान है। OBC वर्ग की गणना के लिए इस अधिनियम में संशोधन आवश्यक होगा। अधिकारियों के अनुसार, संशोधन के बाद देश की 2,650 OBC जातियों के आंकड़े पहली बार आधिकारिक रूप से दर्ज किए जाएंगे। 2011 की जनगणना के मुताबिक SC की 1,270 जातियां,ST की 748 जातियां दर्ज थीं।तब देश की कुल आबादी में SC का हिस्सा 16.6% और ST का 8.6% था।
क्यों जरूरी है यह प्री-टेस्ट
2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। अब केंद्र सरकार तकनीकी और डिजिटल सुधारों के साथ इसे पहली डिजिटल जनगणना के रूप में संचालित करने की योजना बना रही है। प्री-टेस्ट से यह पता चलेगा कि डिजिटल ऐप्स, फील्ड सर्वेक्षण, और नागरिकों की भागीदारी को किस तरह और बेहतर बनाया जा सकता है।
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