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October 16, 2025
स्वदेशी अब केवल एक नारा नहीं, यह आत्मनिर्भर भारत की जीवंत भावना है - मंत्री श्री रावत,आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान2025 के तहत पुष्कर विधानसभा क्षेत्र की संगोष्ठी का आयोजन
दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ, मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष नमन, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री रामलाल शर्मा, जिलाध्यक्ष श्री जीतमल प्रजापत सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित, स्थानीय उद्योगों व युवाओं के नवाचार को प्रोत्साहन का आह्वान
अजमेर, 16 अक्टूबर। जल संसाधन मंत्री एवं पुष्कर विधायक श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि “स्वदेशी अब केवल एक नारा नहीं रहा, यह आज हमारे आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन चुका है।” मंत्री श्री रावत आज भाजपा जिला कार्यालय, अजमेर में आयोजित आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत ‘आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी संकल्प’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ जल संसाधन मंत्री एवं पुष्कर विधायक श्री सुरेश सिंह रावत ने मां सरस्वती के पटचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा, भाजपा अजमेर देहात जिलाध्यक्ष जीतमल प्रजापत, वरिष्ठ पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में मंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में स्वदेशी की अवधारणा ने आज विराट और व्यापक स्वरूप प्राप्त किया है। “स्वदेशी का अर्थ केवल देश में निर्मित वस्तुओं के उपयोग से नहीं, बल्कि यह उस विचार से जुड़ा है जिसमें भारत के श्रमिकों का पसीना, किसानों की मेहनत और युवाओं की प्रतिभा झलकती है,”।
श्री रावत ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का संकल्प देश की आर्थिक स्वतंत्रता का आधार है। “आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और यह सफलता ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों की जीवंत परिणति है,” उन्होंने जोड़ते हुए कहा। श्री प्रजापत ने युवाओं और उद्यमियों से आह्वान किया कि वे स्वदेशी उत्पादों के निर्माण, नवाचार और विपणन में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
श्री रामलाल ने कहा, “जब हम स्वदेशी अपनाते हैं, तो हम न केवल भारत के उत्पादों को, बल्कि भारत की आत्मा को सशक्त करते हैं।”
इस अवसर पर वक्ताओं ने स्थानीय उद्योगों, हस्तशिल्प, कृषि आधारित उत्पादों और परंपरागत कारीगरी को बढ़ावा देने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में ‘आत्मनिर्भर भारतस्वदेशी संकल्प’ के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
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