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September 16, 2025
राजस्थान शिक्षक संघ लोकतांत्रिक द्वारा हिंदू पर्वों के दौरान प्रतियोगी परीक्षा कराने के फरमान से उपजा रोष, सैकड़ो की संख्या में शिक्षकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, आरपीएससी सेक्रेटरी का जलाया पुतला, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिया गया ज्ञापन
राजस्थान शिक्षक संघ लोकतांत्रिक जिला शाखा अजमेर द्वारा मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट के सामने नारेबाजी करते हुए उग्र प्रदर्शन किया और आरपीएससी सेक्रेटरी रामनिवास का पुतला जलाकर विरोध प्रकट किया।इसके बाद कलेक्टर के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम 11 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा गया ।
जिला महामंत्री रमेश आचार्य ओर प्रधानाचार्य कविता अजवानी ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में एक साल में पड़ने वाले 52 रविवारों में से 30 से 40 रविवार इन प्रतियोगी परीक्षाओं की भेंट चढ़ जाते हैं। यही नहीं लगभग 40 से 50 शिक्षण कार्य दिवस भी इन प्रतियोगी परीक्षाओं की वजह से खराब होते हैं, जिससे विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य पूरी तरह से बाधित रहता है।
हाल में राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से जारी परीक्षा कार्यक्रम के तहत 12 से 19 अक्टूबर तक प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जाएगी,इस दौरान सबसे बड़ा दीपावली का पर्व भी है जिसकी वजह से शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
आरपीएससी द्वारा जारी परीक्षा तिथियां को बदलने की मांग को लेकर आज यह प्रदर्शन किया गया है और आरपीएससी सचिव को चेताया गया है कि वह अपने तुगलकी फरमान को वापस ले अन्यथा पूरे प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राजस्थान लोक सेवा आयोग और सरकार की होगी।
आज 11 सूत्रीय मांग ज्ञापन देने के साथ आरपीएससी सेक्रेटरी का पुतला जला कर विरोध दर्ज कराया गया है।
मुख्यमंत्री के नाम दिए गए 11 सूत्रीय ज्ञापन में
आरपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षाएं 12 से 19 अक्टूबर 2025 को धनतेरस व दीपावली के त्यौहार को मध्य नजर रखते हुए आगामी तिथि में आयोजित की जाए। रविवार को होने वाली परीक्षा की एवज में शिक्षक को क्षतिपूर्ति अवकाश देने का प्रावधान किया जाए। दो पारी में होने वाली परीक्षा में शिक्षक को 10 घंटे उपस्थित रहना पड़ता है, जबकि किसी भी व्यक्ति से 8 घंटे से अधिक कार्य लिया जाना कानूनी गलत है। आरपीएससी परीक्षाओं का मानदेय नगद दिया जाए। कार्मिक को यह पता नहीं होता है कि कौनसी परीक्षा का मानदेय मिला और कौनसी का नहीं मिला है।
आरपीएससी की ओर से दिया गया मानदेय अत्यंत ही न्यून है, इसे यूपीएससी के समान किया जाए। आरपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षाओं में राजस्थान सरकार के सभी विभागों के कार्मिकों को ड्यूटी पर लगाया जाए जिससे शिक्षण कार्य बाधित नहीं हो। प्रतियोगी परीक्षाओं में एक वीक्षक की एक ही पारी में ड्यूटी लगाई जाए। 15 किलोमीटर से दूर पदस्थापित शिक्षकों को TA DA दिए दिया जाए। जैसी मांगों पर शीघ्र कार्यवाही करने की अपील की गई है।
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