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September 15, 2025
सरकार द्वारा घोषित लैटरल एंट्री के विरोध में राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का धरना पांचवें दिन भी जारी,
आज पेन डाउन हड़ताल कर चिकित्सक धरने में हुए शामिल, सरकार ने चर्चा और वार्ता के लिए नहीं की पहल, धीरे-धीरे बढ़ रहा है चिकित्सकों में आक्रोश
राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर एसोसिएशन अजमेर के चिकित्सक सोमवार से पेन डाउन हड़ताल पर उतर आए हैं।
डॉक्टर्स आज 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल कर धरने में शामिल हुए और सरकार द्वारा की जा रही लैटरल एंट्री का विरोध किया। धरने पर बैठे चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ने जल्द कोई सकारत्मक निर्णय नहीं लिया तो आगामी दिनों में आंदोलन का ओर विस्तार किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
गौरतलब है कि पिछले 5 दिन से टीचर एसोसिएशन से संबद्ध डॉक्टर्स सरकार द्वारा घोषित लैटरल एंट्री के विरोध में अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
टीचर एसोसिएशन की सचिव डॉक्टर पूजा माथुर ने बताया कि सभी मेडिकल कॉलेज में आज 2 घंटे की सांकेतिक पेन डाउन हड़ताल शुरू की गई है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर और अजमेर सहित सभी जिला मुख्यालयों में सामूहिक रूप से विरोध किया जा रहा है। सभी चिकित्सक सांकेतिक रूप से पिछले 5 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं लेकिन सरकार की ओर से हमारी मांगों पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। डॉक्टर माथुर ने कहा कि जो भर्ती की प्रक्रिया है, वह न्याय संगत तरीके से 1962 रूल्स के अनुसार आरपीएससी द्वारा ही होनी चाहिये। आरपीएससी की ओर से दो बार वैकेंसी निकाली जा चुकी है। 2021 में 337 पदों की वैकेंसी निकली थी। 2024 में 352 मेडिकल एजुकेशन की वैकेंसी निकली थी। इन दोनों भर्तियों की रिटर्न परीक्षा हो चुकी है लेकिन रिजल्ट आज तक नहीं घोषित किया गया।अगर सामान्य और न्याय संगत तरीके से सरकार भर्ती समयबद्ध तरीके से पूरी करती है तो मेडिकल टीचर्स की कोई भी कमीकॉलेजों में नहीं होगी। सरकार सीधे तरीके से भर्ती नहीं करवा कर बैक डोर एंट्री करवाना चाह रही है। जो पूरे सिस्टम को खराब करेगी।
सीनियर चिकित्सक डॉक्टर संजीव महेश्वरी ने कहा कि हमारी कोई मांग नहीं है हम मांगने वाले कौन होते हैं हम तो देने वाले हैं शिक्षा दे रहे हैं चिकित्सा दे रहे हैं बावजूद इसके सरकार मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करने के लिए बिना सोचे समझे तुगलक की फरमान ला रही है जो न केवल मेडिकल टीचर्स के लिए बल्कि नेताओं और ब्यूरो किड्स के लिए भी आगामी दिनों में काफी डुगड़ाई होने वाला है जिस तरह से पूर्व में आरपीएससी द्वारा एग्जाम कंडक्ट करने के बाद इंटरव्यू होते थे और फिर सिलेक्शन होता था वही प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए किसी भी एचडी को डायरेक्ट टीचर नहीं बनाया जा सकता। ये डॉक्टर्स यहां 5 दिन से धरना दे रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने चर्चा या वार्ता के लिए कोई पहल नहीं की। एक चिकित्सक शिक्षक शिक्षा और चिकित्सा का भी काम करता है। उसको इस तरीके से सड़कों पर आकर धरने देकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम करना पड़ रहा है। शर्म की बात है।
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