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June 16, 2022
26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ मुक्ति व तस्करी विरोधी दिवस मनाया जाएगा। इससे पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के द्वारा गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन लाल भाटी ने अपने उद्बोधन में मादक पदार्थों की तस्करी व उसके कानूनी पहलुओं की जानकारी के साथ कहा कि नशा वर्तमान में एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बन गया है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नशे की प्रवृति का पाया जाना चिन्तनीय है। नशे को भारतीय परम्परा में नाश की जड़ कहा जाता है। कई देश विरोधी देशों को नुकसान पहुंचाने के लिए नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते है उनके द्वारा शत्रु देशों में नशे की खेप भेजी जाती है। इसे रोकना मानवता के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों को भी आपसी समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। जिला प्रशासन, नारकोटिस्ट विभाग, पुलिस प्रशासन, स्वंयसेवी संस्थाओं को सम्मिलित प्रयासों से नशा रोकना चाहिए। ड्रग्स एवं काॅस्मेटिक एक्ट के इस्तगासे पूर्ण तथ्यों के साथ पेश होने की स्थिति में अपराधियों को दण्ड दिलाने में अधिक प्रभावकारी सिद्ध होते हैं। नशीले पदार्थों के पेडलर को देशद्रोही माना जाना चाहिए। पुलिस विभाग को नशे की खेप का स्त्रोत पता लगाने में गंभीरता से कार्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृति अनुसरण से बढती है। व्यक्ति गलत संगत में पड़कर राह भटक जाता है। युवाओं को सही संगत में प्रदान कर नशे से बचाने का कार्य किया जा सकता है। सामाजिक एवं धार्मिक स्तर पर भी नशे की रोकथाम के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। इस स्तर पर किए गए प्रयास अपेक्षाकृत अच्छे परिणाम देते हैं। अपने-अपने कार्यक्षेत्र में नशे को रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कार्य करना चाहिए।
परिवार के सहयोग तथा आध्यात्मिक एवं धार्मिक वातावरण से नशा मुक्त जीवन जीया जा सकता है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यरो के अधीक्षक नरेश कुमार ने ब्यूरो की कार्यप्रणाली एवं प्रावधानों के बारे में जानकारी दी।
लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि अजमेर नशे का बड़ा ट्रांजित है लेकिन यहां उतनी बड़ी संख्या में एनडीपीएस के मुकदमे दर्ज नहीं होते जितने होने चाहिए जबकि दरगाह और पुष्कर में नशे का 12 महीने बड़ा कारोबार रहता है उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट में कड़े कानूनी प्रावधान है यदि उस पर गंभीरता से पुलिस काम करें तो नशे के तस्कर सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं।
सेमिनार को जिला जज मदन लाल भाटी, एनडीपीएस के विशिष्ट न्यायाधीश कौशल सिंह, सीजेएम प्रीतम सिंह, एनसीपी अधीक्षक नरेश कुमार, विधि विशेषज्ञ सुनीता भाटी ने संबोधित करते हुए विभिन्न पहलुओं की जानकारी साझा की।
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