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December 2, 2025
अजमेर दरगाह में ख़ुद्दामें ख्वाजा का ऐहतजाज,नारेबाजी के साथ दरगाह कमेटी के खिलाफ अहतेजजी मुज़ाहरा,
3000 ख़ुद्दामें ख्वाजा को लाइसेंस जारी करने के हुक्म पर ख़ुद्दामें ख्वाजा में गुस्सा,अंजुमन मेम्बर्स ने किया दरगाह नाज़िम के हुक्म पर ऐतराज,जिला पुलिस और दरगाह कमेटी स्टाफ की दरगाह में होनी है कार्यवाही
अजमेर स्थित ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में अब लाइसेंसधारी खादिम ही जियारत करा सकेंगे। दरगाह कमेटी ने इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि इस पर विवाद शुरू हो गया है। अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इसे एक तुगलकी फरमान बताया तो वहीं दरगाह नाजिम मोहम्मद बिलाल खान ने कहा कि जो भी किया जा रहा है वह केंद्र सरकार और न्यायालय के आदेश एवं नियमों के मुताबिक किया जा रहा है। इससे किसी के हित प्रभावित नहीं हो रहे हैं। इधर 16 दिसंबर से शुरू होने वाले उर्स की व्यवस्थाओं को देखने मंगलवार को जिला कलेक्टर लोकबंधु, पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा सहित अन्य अधिकारी दरगाह पहुंचे। इस दौरान चिश्ती ने उनकी मौजूदगी में दरगाह नाजिम मोहम्मद बिलाल पर आरोप लगाए।
अजमेर दरगाह में आने वाले जायरिनों को जियारत करवाने वाले खादिमों के लिए आने वाले समय में लाइसेंस होना जरूरी होगा। दरगाह में पहली बार यह नई प्रक्रिया लागू की जा रही है। इसके लिए दरगाह कमेटी ने आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देश पर दरगाह नाजिम मोहम्मद बिलाल खान ने 1 दिसंबर को समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी कर दिया है। 5 जनवरी 2026 को आवेदन की आखिरी तारीख है।
वहीं आदेश के बाद मंगलवार को दरगाह में खादिमों की बैठक हुई। बैठक में अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि वे इस तुगलगी फरमान को नहीं मानेंगे। उन्होंने दरगाह नाजिम की नियुक्ति को ही अवैध बताया और कहा कि वे इसे हटाने के लिए मांग रखेंगे।
दरगाह नाजिम को बैठकर बात करनी चाहिए थी। मुझे नोटिस दिया। ये तुगलकी फरमान नहीं चलेगा। एक्ट की बात करते हैं तो एक्ट में प्रावधान है कि गरीब खादिमों को उनकी व्यवस्था के लिए पैसे दिए जाएं। खादिमों के मेंटेनेंस का रजिस्टर मेंटेन करें। चाबियों का रजिस्टर एक साल से गायब है। यहां आकर दादागिरी करेंगे तो चलेगी, नहीं। आज हमारे कुछ ही लोग आए। अगर हमने कॉल किया तो हमारे 10 हजार लोग दरगाह भर देंगे। हमारे लाखों अनुयायी है । हल्के में न ले। उर्स की व्यवस्थाओं में बाधा डालना चाहते हैं।
चिश्ती ने कहा कि हमेशा उर्स के पहले ऐसी चीज करते हैं। ये उर्स की व्यवस्थाओं में बाधा डालना चाहते हैं। खादिम कम्युनिटी कोई कमजोर नहीं है। हमारी सहनशीलता को ये कमजोरी न समझे। चिश्ती ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय दरगाह में पैसा खर्च नहीं करता, बल्कि दरगाह की ओर से उनके अमले को पैसा दिया जाता है। नाजिम की नियुक्ति ही गलत है। दरगाह कमेटी वजूद में नहीं है और बिना किसी नियम के तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। हम इसको हटवाने की बात करेंगे। इसे मजाक में नहीं लिया जाए। तुगलकी फरमान ज्यादा दिन नहीं चलेंगे।
मंगलवार को दरगाह के सालाना उर्स की व्यवस्थाओं का जायजा लेने कलेक्टर लोक बंधु, एसपी वंदिता राणा दरगाह पहुंचे। यहां दरगाह कमेटी के नाजिम, अंजुमन कमेटी, यादगार कमेटी, दरगाह कमेटी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। कलेक्टर और एसपी के सामने अंजुमन सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने दरगाह कमेटी के नाजिम मोहम्मद बिलाल पर आरोप लगाए। इस बीच एक बारगी मामला बढ़ता दिखा, लेकिन दरगाह डीएसपी ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया।
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